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मत्ती 27:46
चोखो समचार (ढुंढाड़ी नया नियम)
डि एच डि
दन का तीन बज्या की ईसु जोरसुं हाक्को पाड़र खियो, “इलोई, इलोई, लमा सबकतनी।” मतबल, “म्हारा परमेसर, म्हारा परमेसर, तु मन्अ क्युं छोड़ दियो?”
Primerjaj
Razišči मत्ती 27:46
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मत्ती 27:51-52
ज्दया मन्दर को पड़दो उपरअ सुं तळ्अ ताणी फाठर दो लिरा होग्यो। धरती हालगी, डुंगर फाटग्या। अण्डअ ताणी क कबरा खुलगी अर परमेसर का घणा मनख ज्यो मरग्या छा जीवता होग्या।
Razišči मत्ती 27:51-52
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मत्ती 27:50
फेर ईसु जोरसुं बळायो अर मरग्यो।
Razišči मत्ती 27:50
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मत्ती 27:54
रोम की सेना का नेता अर ईसु की रुखाळी करबाळा मनख धरती का हालबा न्अ अर वस्यान की दूसरी घटना न्अ देखर ड़रपग्या। वे खिया, “वो सांच्याई परमेसर को छोरो छो।”
Razišči मत्ती 27:54
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मत्ती 27:45
फेर सबळा देस मं दोपेर का बारा बज्या सुं तीन बज्या ताणी अंधेरो होग्यो।
Razišči मत्ती 27:45
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मत्ती 27:22-23
ज्दया पिलातुस वान्अ बुज्यो, “ज्यो मसी खुवाव्अ छ, म उं ईसु की लार कांई करू?” वे सबळा बळाया, “उन्अ सुळी प चढ़ाद्यो!” पिलातुस बुज्यो, “क्युं वो कांई गुनो कर्यो छ?” पण वे ओर जोरसुं बळाया, “उन्अ सुळी प चढ़ाद्यो।”
Razišči मत्ती 27:22-23
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