यीशु मसीह के दृष्टांतनमूना

The Parables of Jesus

दिन 31 का 36

दृढ़ विधवा और अधर्मी न्यायाधीश
इस दृष्टांत से मिलने वाली मुख्य शिक्षा पहले वचन से प्राप्त होती है: सदा प्रार्थना करो और कभी हार न मानो!

ऐसे एक संसार में, जहां सब कुछ तुरंत होता है, परमेश्वर की ओर से प्रार्थनाओं का उत्तर तुरंत या हमारे समय के अनुसार न मिलने पर हम हताश हो सकते हैं। परंतु हमें हताश नहीं होना चाहिए और परमेश्वर की दोहाई देना जारी रखना चाहिए!

साथ ही, हमें परमेश्वर के न्याय पर आश्वस्त होना चाहिए। यहाँ तक की यदि अधर्मी न्यायाधीश भी अंत में न्याय दे देता है, तो एक धर्मी परमेश्वर हर परिस्थिति में कितना अधिक न्याय करेगा?

जब आपके अपेक्षित समय के अनुसार बातें न बने तब हताश न हों; निरंतर प्रार्थना करते रहें व परमेश्वर की अच्छाई पर भरोसा रखें!

पवित्र शास्त्र

इस योजना के बारें में

The Parables of Jesus

यह पाठ योजना आपको यीशु द्वारा सुनाये दृष्टांतों में से लेकर जायेगी, जिससे आप यह जान सकोगे कि उसके कुछ महान उपदेश आपके लिए कितना महत्त्व रखतें हैं! बहुत से दिनों की यह पठन योजना पाठकों को चिंतन-मनन करने का समय देती है और उन्हें वर्तमान से जोड़े रहती है और उन्हें यीशु के प्रेम तथा सामर्थ के द्वारा उत्साहित करती है!

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We would like to thank Trinity New Life Church for this plan. For more information, please visit: http://www.trinitynewlife.com/