यीशु मसीह के दृष्टांतनमूना

The Parables of Jesus

दिन 22 का 36

खोई भेड़ और सिक्का
ये दो दृष्टांत फ़रीसियों और सदूकियों को निशाना बनाकर कहे गए हैं जब उन्होंने यीशु की शिकायत की कि यीशु "पापियोँ और चुँगी लेने वालों" की कितनी अधिक सुधी लेते हैं।

आज के धार्मिक अगुवों के न्याय से हटकर, खोए हुओं के लिए यीशु का प्रेम एक महत्वपूर्ण अलगाव/प्रस्थान है। यीशु बतातें हैं कि किस प्रकार स्वर्ग उसके व्यवहार/रवैये को दर्शाता है, ना कि फरीसियों के आलोचनात्मक रवैये को, और जब एक पापी पश्चाताप करता है तो स्वर्ग में कैसे आनंद मनाया जाता है।

जितना लम्बे समय तक हम यीशु के पीछे चलते हैं, उतना ही फरीसियों जैसा दम्भी स्वभाव हमारे अंदर आसानी से विकसित हो सकता है, इसलिए हमें स्वयं से पूछना चाहिए कि जब कोई एक पापी पश्चताप करता है तो हमारी प्रतिक्रिया कैसी होनी चाहिए। हमें स्वयं से यह भी पूछना चाहिए कि हमारे आस-पास "खोई भेड़" और "खोये सिक्कों" को बचाने के लिए हम क्या कर रहें हैं। "ऐसे लोगों" के लिए हमारे पास ह्रदय होना बहुत ही ज़रूरी है, ताकि यीशु के उन्हें ले जाने में हम उनकी पूरी तरह से सहायता कर सकें, और जब वो यीशु की ओर फिर जाएँ तो उनके साथ मिलकर आनंद के उत्सव को मना सकें।

पवित्र शास्त्र

इस योजना के बारें में

The Parables of Jesus

यह पाठ योजना आपको यीशु द्वारा सुनाये दृष्टांतों में से लेकर जायेगी, जिससे आप यह जान सकोगे कि उसके कुछ महान उपदेश आपके लिए कितना महत्त्व रखतें हैं! बहुत से दिनों की यह पठन योजना पाठकों को चिंतन-मनन करने का समय देती है और उन्हें वर्तमान से जोड़े रहती है और उन्हें यीशु के प्रेम तथा सामर्थ के द्वारा उत्साहित करती है!

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We would like to thank Trinity New Life Church for this plan. For more information, please visit: http://www.trinitynewlife.com/