निक्की गम्बेल के साथ एक साल में बाईबल 2024नमूना

क्रिसमस मुबारक हो
आज हमने मनाया ‘उस उत्सव को जो इस पृथ्वी के इतिहास में सबसे प्रमुख और केंद्र बिंदु है जिसकी सारी कहानी यीशु मसीह के बारे में है’ (सी एस लयूईस)। हम यीशु के जन्म को मनाते हैं। यह दिन बहुत ही आनंद और उत्साह से भरा होता है। मगर इन सारी बातों में हम यह ज़रूर भूल जाते हैं कि यीशु का जन्म इतना महत्वपूर्ण विषय क्यों है? क्रिसमस की कुंजी इन सारी बातों में नहीं कि गडरिये यीशु से मिलने आये या ज्योतिष उनसे भेंट करने आये पर जिस महान हस्ती से वे लोग मिलने आये थे उनका चित्रण महत्व रखता है। यीशु में ही परमेश्वर ने देह धारण किया (यूहन्ना 1:14)। क्रिसमस यीशु के बारे में है। नये नियम के आज का लेखांश हमारी सहायता करता है कि हम इस बात को समझ सकें। उनमें हमें यह स्मरण दिलाया जाता है कि ‘बालक यीशु’ ही ‘राजाओं के राजा और प्रभुओं के प्रभु’ हैं (प्रकाशितवाक्य 17:14)। हमें अच्छाई और बुराई के बीच के संघर्ष की सिर्फ एक झलक दिखाई गयी है। सभी संघर्ष के बाद अंत में मेमने की नम्रता और खुद का बलिदान ही उन्हें जय दिलाता है। यीशु स्वर्ग की सारी महिमा को छोड़कर उस छोटी सी चरनी में आते हैं। ‘*हार्क! द हेराल्ड एन्जल्स सिंग*,’ नामक क्रिसमस गीत में ऐसा लिखा है: ||मसीह, स्वर्ग में सबसे आदरणीय है; ||मसीह अनंत प्रभु; ||देरी से सही पर उसे देखने आओ; ||एक कुंवारी के गर्भ की संतान। ||देह में छिपा ईश्वर; ||देह धारण किये ईश्वर स्तुति हो, ||मनुष्यों के समान मनुष्यों के संग रहा, ||यीशु हमारा इम्मानुएल। ||ध्यान से सुनें! आगे-आगे पुकारने वाला स्वर्गदूत गाता है, ||महिमा हो उस राजा की जो जन्मा है!” हमारे आज के अध्याय में ‘जन्में राजा’ के पीछे हो लेने की आशीष को हम देखते हैं।भजन संहिता 147:12-20
आशीष शांति और संतुष्टि
जब यीशु आये तब परमेश्वर के सारे वचन पूरे हुए। परमेश्वर ने अपने लोगों से आशीष शांति और संतुष्टि के विषय में वचन दिया था। ‘सबसे अच्छी रोटी तुम्हारी मेज़ पर’ (व.14), ‘वो पृथ्वी पर अपनी आज्ञा का प्रचार करता है’ (व.15)।
जब यीशु के जन्म का एलान हुआ तब दूतों ने गडरियों के पास आकर इसे ‘एक आनंद का सुसमाचार’ कहा (लूका 2:10), ‘आकाशमंडल परमेश्वर की बड़ाई करे मनुष्यों की शांति के लिए’ (व.14)। यीशु ने बैतलेहम नामक स्थान में जन्म लिया जिसका अर्थ है ‘रोटी का घर’, यीशु ही एक मात्र परमेश्वर हैं जो हर एक मनुष्य के हृदय की भूख को तृप्त करते हैं।
प्रभु धन्यवाद उन तरीकों के लिए जिसके द्वारा आप अपने लोगों को आशीष देते हैं। धन्यवाद कि हम ‘प्रभु यीशु मसीह के द्वारा’ (रोमियों 5:1) आपके संग शांतिमय संबंध में हैं। धन्यवाद कि आप मेरे ह्रदय में गहरी इच्छाओं को पूर्ण करते हैं।
प्रकाशित वाक्य 17:1-18
बुलाए गए, चुने गए और विश्वासयोग्य
क्रिसमस सिर्फ बहुत अच्छी कहानी नहीं है बल्कि यह मानव इतिहास का एक निर्णायक पल है। अच्छाई और बुराई के ब्रह्मांडीय युद्ध में, परमेश्वर और शैतान के युद्ध में, यीशु एक निर्णायक पात्र हैं। युद्ध और यीशु की केन्द्रीयता हमारा आज का मुख्य विषय है।
कभी-कभी ऐसा लगता है आज की कलीसिया हारा हुआ युद्ध लड़ रही है। आजकल पश्चिमी यूरोप की कलीसियाओं में लोग बहुत कम दिखाई देते हैं। प्रकाशितवाक्य की पुस्तक इस रहस्य के पीछे होने वाली बातों पर से पर्दा उठाती है और यह कि सारी बातें कैसे घटने वाली हैं।
जब हम अपनी नज़रें घुमा कर अपनी दुनिया को देखतें हैं, तो यह हमें सामर्थी, आकर्षक और अपनी ओर खींचने वाली नजर आती है। परन्तु इसकी तह के नीचे हम बहुत सी दुष्टता और मेमने के विरोध को देखतें हैं।
यीशु का विरोध ‘महान बेबीलोन’ में दर्शाया जाता है, जो ‘वैश्याओं की माता है और धरती पर की सारी मलीनता का स्रोत है’ (व.5) पशु पर सवार स्त्री पर ऐसा लिखा हुआ है।
मूल संदर्भ में प्राचीन रोम बेबीलोन की पहचान है। ‘जैसे कि हमने देखा, सात पहाड़ जिस पर उस स्त्री को बैठी देखा’ (व.9)। यह वो सात पर्वत हैं जो रोम के चारो ओर हैं।
सतही तौर पर, रोम साम्राज्य में पूरी दुनिया को आकर्षित कर देने वाली बात थी। ‘वह बैंजनी और लाल रंग के कपडे पहने थी, और बहुमूल्य मणियों और मोतियों से सजी हुई थी (व.4)।
सुन्दर और आकर्षित कर देने वाली इस खूबसूरती के अन्दर हिंसा और बुराई छिपी हुई है “जिसके साथ पृथ्वी के राजाओं ने व्यभिचार किया और पृथ्वी के रहने वाले उसके व्यभिचार की मदिरा से मतवाले हो गए” (व.2)।
धीरे-धीरे यह स्पष्ट होता है कि हिंसा और बुराई आकस्मिक नहीं थीं, बल्कि यह सारी घटनाएँ परमेश्वर और उसके लोगों को निशाना बनाने के लिए परमेश्वर के विरुद्ध में कार्य कर रही थीं। अध्याय के पहले भाग में पात्र एक ही बात को दर्शाते हैं कि ‘उनके पास एक मकसद है......वे मेमने के विरुद्ध युद्ध करेंगे’(व.13-14)।
इस अध्याय की सबसे अच्छी खबर यह है कि मेमने की जीत होती है। सिर्फ वो ही नहीं जीत जाते बल्कि हमे भी अपने संग विजयी बनाते हैं। ‘वे मेमने से लड़ेंगे और मेमना उन पर जय पाएगा, क्योंकि वह प्रभुओं का प्रभु और राजाओं का राजा है, - और उसके साथ वे लोग भी जय पाएंगे जो बुलाए गए, चुने गए और विश्वासयोग्य हैं’ (व.14)। जब कभी कलीसिया सांसारिकता के आक्रमण के नीचे आती है, तो यह प्रभुत्वता की बात लगती है उस घड़ी यह पद बहुत ही सांत्वना देता है।
जैसा कि मदर टेरेसा ने कहा है ‘परमेश्वर मुझे सफल होने के लिए नहीं परंतु विश्वासयोग्य होने के लिए बुलाते हैं’। यदि आप यीशु के प्रति विश्वासयोग्य हैं, तो आपको जयवंत होना ही है क्योंकि यीशु जयवंत हैं।
तो आज यीशु के बुलाए गए, चुने गए और विश्वासयोग्य अनुनायी बनकर यीशु के पीछे चलने का उत्सव मनाएं। यीशु जो छोटे बालक के रूप में क्रिसमस के दिन जन्मे, बड़े हुए और परमेश्वर के मेमने के रूप में मारे गए और फिर से जीवित हो गए।
अंत में मेमना ही जय पाएगा क्योंकि वह ‘राजाओं के राजा और प्रभुओं के प्रभु’ हैं। यह तो क्रिसमस को मनाने के लिए एक अच्छी खबर है। जैसे एक बहुत अच्छा क्रिसमस गीत इसे इस रीति से लिखता है ‘हमारे पास एक उद्धारकर्ता है जो उन सभी को शैतान के हाथों से छुड़ाता है, जो उस पर भरोसा रखतें हैं! ओह! आनंद और शांति की लहरें’।
प्रभु, आपको धन्यवाद कि आप प्रभुओं के प्रभु हैं और राजाओं के राजा हैं। आपको धन्यवाद कि आप राज करेंगे। आपको धन्यवाद कि अंत में मेमना सारी बुराइयों पर विजयी होगा। यीशु के करीबी बनने और उनका विश्वासयोग्य शिष्य बने रहने में मेरी मदद कीजिये।
नहेमायाह 3:1-4:23
पुनःनिर्माण, पुनःस्थापना और मरम्मत
क्रिसमस खास तौर पर एक ऐसा दिन है जहाँ पूरी दुनिया में प्रभु यीशु के नाम का सम्मान होता है। दु:खद बात यह है, अक्सर यह विषय नहीं होता। जब हम इस संसार में यीशु के नाम का सम्मान होता हुया देखें, तो हम क्या कर सकते हैं?
यरूशलेम परमेश्वर का शहर था जहाँ परमेश्वर निवास करते थे। परमेश्वर ने नहेम्याह और लोगों को बुलाया कि यरूशलेम की शहरपनाह का पुनःनिर्माण करें। यह सबसे सुन्दर दृश्य उदाहरण है आज की कलीसिया के लिए कि हमें इसलिए बुलाया गया है कि हम पुनःनिर्माण करें ताकि हमारे समाज में यीशु का नाम फिर से सम्मान पाए।
क्या हम कभी सोचते हैं कि ‘मेरी क्या ज़रूरत है?’ ‘क्या मैं कुछ भेंट कर सकता हूँ?’ ‘मैं जो भी कर रहा हूँ क्या इसका कोई महत्व है?’
इस अध्याय में हम ऐसा देखते हैं कि सभी की आवश्यकता थी, सभी ने कंधे से कन्धा मिलाकर काम किया और सभी लोग पुनःनिर्माण, पुनःस्थापना और मरम्मत में जुड़ गए। बात यह नहीं कि हम अपनी तुलना एक दूसरे से करें बल्कि यह कि हम अपनी बुलाहट को पूरा करें।
परमेश्वर स्मरण रखतें हैं कि आप उनके लिए क्या करते हो और वह आपका आदर भी करतें हैं।
आज 2500 वर्ष बाद भी हम परमेश्वर के लोगों के कार्यों को पढ़ रहे हैं और उनके नाम भी दर्ज किये गए हैं।
यहाँ पर सभी स्वयं सेवक थे कोई भी पेशेवर निर्माण कर्ता नहीं था, ये सिर्फ साधारण लोग थे जैसे सुनार और इत्र बनाने वाले। फिर भी उनकी इच्छा थी कि वे इस कार्य में अपना योगदान दें ,इसमें सभी आयु के लोग कार्य कर रहे थे (3:12)।
शायद उन्होंने ऐसा भी सोचा होगा कि वे लोग जो कर रहे हैं उसका कोई महत्व नहीं है। मल्कियाह जो सेनापति था उसे दरवाज़े की मरम्मत का कार्य सौंपा गया फिर भी उसने कोई शिकायत नहीं की, कि यह छोटा काम है। बल्कि वे सब मिलकर एक बहुत महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम दे रहे थे, वे परमेश्वर के नाम को सम्मान दे रहे थे।
रुकावटें और विद्रोह आये (4:1-8) और निराशा भी आई। यीशु के साथ भी ऐसा ही हुआ उनके जन्म का स्वागत सभी ने नहीं किया, हेरोदेस ने तो उन्हें मार डालने का षड़यंत्र रचा था। यीशु पर और उनकी कलीसिया पर सताव और विद्रोह आज भी होता है।
परन्तु प्रार्थना और कार्य के मिलन से सफलता संभव है। जब विद्रोह होता है, तो नहेम्याह की तरह प्रतिक्रिया करें (व.9)। जैसे जॉयस मेयेर ने कहा है ‘अपनी प्रार्थनाओं को बढ़ाओ और सक्रिय हो जाओ’। उन्होंने कभी अपने हथियार नहीं डाले (v.23)।
कुंजी: ‘हमारे परमेश्वर हमारे लिए लड़ेंगे’ (व.10)। जब परमेश्वर हमारे लिए लड़ते हैं, तो एक सम्पूर्ण देश बदला जा सकता है, कलीसियाएं भरी जा सकती हैं, पारिवारिक जीवन मज़बूत किये जा सकते हैं, विवाह सम्मानित होते हैं, अपराध का स्तर गिर सकता है, और समाज में परिवर्तन आ सकता है। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि यीशु का नाम फिर से सम्मान पाता है।
जब आप कलीसिया की स्थिति को देखते हैं पुनःनिर्माण के कार्य में लग जाएँ। मेहनत करने व परिश्रम करने के लिए इच्छुक रहें और रुकावटों से न दबें।
प्रभु आपका धन्यवाद कि मेमना हमेशा के लिए विजयी हुआ है और हम जिसका जन्म दिन मनाते हैं वह जयवंत हैं, क्योंकि वह ‘प्रभुओं के प्रभु और राजाओं के राजा हैं’।
Pippa Adds
भजन सहिंता 147:14
‘वह शांति दाता हैं......’ या फिर जैसा यशायाह में लिखा है’ ‘और उसका नाम अद्भुत युक्ति करने वाला पराक्रमी परमेश्वर, अनंतकाल का पिता और शांति का राजकुमार रखा जाएगा। उसकी प्रभुता सदा बढ़ती रहेगी और उसकी शांति का अंत न होगा (यशायाह 9:6-7अ)।
इस क्रिसमस पर इसी बात की आवश्यकता है।
References
सी.एस ल्युईस , जोयफुल क्रिस्चियनस प. 53 जॉयस मेयेर , एव्री डे लाइफ बाइबिल प. 732 जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है। जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। ([www.Lockman.org](http://www.Lockman.org)) जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।पवित्र शास्त्र
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यह योजना एक वाचक को पुरे साल में प्रति दिन वचनों की परिपूर्णता में, पुराने नियम, नये नियम, भजनसंहिता और नीतिवचनोंको पढ़ने के सात सात ले चलती हैं ।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए Nicky & Pippa Gumbel को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: bible.alpha.org/hi/