योजना की जानकारी
यीशु: आपकी आत्मा का एकमात्र जुनूननमूना
एक बार जब आप अपने जीवन के बुनियादी जुनून-अर्थात यीशु मसीह-को स्थापित कर लेते हैं-तो आप अपने जीवन का निर्माण शुरू कर सकते हैं।यदि यीशु मसीह का व्यक्तित्व आपकी नींव है,तो मसीह की शिक्षा आपके मूल्य प्रणाली के लिए स्रोत और ढांचा प्रदान करती है।आपकी मूल्य प्रणाली आपके जुनून को दर्शाएगी।
यीशु के पहाड़ी उपदेश में धन्य वचन नामक एक खंड शामिल है,और वे जीवन के मूल्यों के लिए नियंत्रित प्रतिमान हैं।वे हमारे जीवन में परमेश्वर के उद्धार के कार्य के आधारभूत कार्य के प्रत्युत्तर में अच्छे कार्यों के जीवन के लिए एक रूपरेखा प्रस्तुत करते हैं।लेकिन वे नैतिक मार्ग दर्शन के एक समूह से कहीं अधिक हैं।यदि हम यीशु मसीह के धर्मसिद्धांतके अनुसारपहाड़ी उपदेश को व्यक्तिगत उद्धार माने तो धन्य वचनविश्वास और व्यवहार के बीच अनुकूलता बनाए रखेगा।मैं आपकोधन्य वचनका अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं।इन्हें पढ़ते समय
निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें:
•यीशु क्या कहते हैं?
•मेरे जीवन के लिए इसका क्या अर्थ है?
•अब मैं आज्ञाकारिता में क्या करूँ?
क्या आपके व्यक्तिगत मूल्य यीशु के मूल्यों को दर्शाते हैं?यीशु उन लोगों पर आशीषों की घोषणा करता है जो उसके मूल्यों के अनुसार जीते हैं,उन लोगों के विपरीत जो उसके अधिकार के अनुसार जीने के बजाय केवल उसके प्रस्ताव में रुचि रखते हैं। क्या आप उस चट्टान को अधिकार दे रहे हैं जिसने आपको बचाया?उसके वचनों को सुनकर और उन्हें व्यवहार में लाकर?क्या वह आपके जीवन का जुनून है?
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
पांच दिन डॉ.रमेश रिचर्ड के साथ बिताएं, जो RREACH के अध्यक्ष और डालास थियोलोजिकल सेमिनरी के आचार्य हैं, वह पासबान के दृष्टिकोण से बताएंगे कि जीवन में अपनी आत्मा के जुनून को कैसे खोजा जाए एक सर्वोच्च उद्देश्य का पीछा करन...
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए रमेश रिचर्ड इवेंजेलिज़्म और चर्च हेल्थ को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://rreach.org/