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परमेश्वर के संपर्क - पुराने नियम की एक यात्रा (भाग 1 पुराने नियम का सार, कुलपतियों के काल )नमूना

परमेश्वर के संपर्क - पुराने नियम की एक यात्रा (भाग 1 पुराने नियम का सार, कुलपतियों के काल )

दिन 3 का 14

पतन से जल प्रलय तक

जैस-जैसे पृथ्वी की आबादी बढ़ती है, हत्या, वासना और बुराई सृष्टि के हर पहलू में अपना जाल बिछाते हैं। और परमेश्वर ने देखा ‘‘मनुष्यों के मन के विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है वह निरन्तर बुरा ही होता है।’’ उत्पत्ति 6:5

वे दैत्य, डायनासौर और बड़े पखों वाले बहु-सिर वाले जीवों (करूबों) के दिन थे जो अदन की वाटिका में कीमती खजाने की रखवाली करते थे। शायद परियों की कहानियां इसी समय से ली गई हैं।

उन दिनों में लोग जानकारी के क्षेत्र में स्वयं विश्वकोश होते होंगे, वे सैंकड़ों,लगभग एक हजार साल तक जीते थे, मौखिक रूप से ज्ञान को पीढ़ियों तक आगे बढ़ाते थे। फिर भी उनके बीच में कुछ ही अनुकरणीय व्यक्ति थे जिनमें हाबिल, हनोक और नूह को निम्न विशेषताओं के लिए जाना जाता है:

  • हाबिल - उनके सराहनीय योगदान
  • हनोक - परमेश्वर के साथ घनिष्ठ संवाद और
  • नूह - स्वच्छ चरित्र के लिये

क्रमशः

परमेश्वर मानवजाति को आनेवाली आपदा से आगाह करने का प्रयास करते हैं। एक अनुवाद में होनोक के पुत्र मतूशेहल के नाम का अर्थ है ‘‘जब वह मर जाएगा तो यह (जलप्रलय) आ जाएगा’’। अपने 969 वर्षों तक, यह अब तक ज्ञात सबसे वृद्ध व्यक्ति, एक निरंतर, जीवित चेतावनी रहा होगा।

अंततः परमेश्वर नूह और उसके परिवार को बचाने और संसार को नष्ट करने का फैसला करते हैं। नूह के नाम का अर्थ है आराम/सान्त्वना और उसके पिता लेमेक ने भविष्यवाणी की थी कि ‘‘यहोवा ने जो पृथ्वी को शाप दिया है, उसके विषय यह लड़का हमारे काम में, और उस कठिन परिश्रम में जो हम करते हैं, हम को शांति देगा।’’ उत्पत्ति 5:28-30 – "जब उसकीआयु 500 वर्ष से अधिक हुई तोउसनेउसेएकजहाजबनानेकेलियेविस्तृतनिर्देशदिए।" जिन दशकों के दौरान नूह के प्रचार के साथ इस विशाल ढाँचे का निर्माण किया जा रहा था, वे एक भ्रष्ट संसार के लिए आखिरी चेतावनी थे। वहाँ एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं था जिसने पश्चाताप किया। शेष संसार के विपरीत, ‘‘नूह ने सबकुछ वैसा ही किया जैसा परमेश्वर ने उसे आज्ञा दी थी।’’ उत्पत्ति 6:22

जिस वर्ष मतूशेलह की मृत्यु हुई, अर्थात नूह के 600 वर्ष का होने के बाद, परमेश्वर ने नूह को जहाज को जानवरों से भरने का निर्देश दिया और जलप्रलय भेज दिया । ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि तीन खण्डों वाले जहाज में जानवरों की लगभग 8000 प्रजातियाँ थीं, जिससे जहाज का केवल आधा या एक तिहाई भाग ही भरा था। जब पृथ्वी का नाश हुआ, तब नूह और उसका परिवार एक वर्ष से अधिक समय तक जहाज में रहे अर्थात जब तक पानी कम नहीं हुआ और पृथ्वी सूख नहीं गई।

जहाज से बाहर आने पर नूह का पहला कार्य परमेश्वर की आराधना करने के लिये एक वेदी बनाना था। प्रत्युत्तर में, परमेश्वर ने आकाश में मेघधनुष के द्वारा नूह के साथ पृथ्वी को फिर कभी जलप्रलय से नष्ट न करने की वाचा बांधी।

जैसे की नूह जलप्रलय के पानी के माध्यम से बचाया गया है आज हम बपतिस्में के पानी के माध्यम से, मसीह में विश्वास के द्वारा, परमेश्वर के अंतिम न्याय से बचाए जाते हैं (1 पतरस 3:20,21)।क्या हम नूह के समान परमेश्वर के वचन और प्रतिज्ञाओं को थामें रखते हैं? क्या हम अलग होने और बिना शर्त के परमेश्वर का पालन करने के लिए तैयार हैं?

दिन 2दिन 4

इस योजना के बारें में

परमेश्वर के संपर्क - पुराने नियम की एक यात्रा (भाग 1 पुराने नियम का सार, कुलपतियों के काल )

पुराने नियम में, परमेश्वर ने लोगों (संपर्क) को चुना, उनके साथ अनेकों तरीकों से बातचीत की।यह, नए नियम के प्रकाश में, वचन के गहरे दृष्टिकोण को प्रदान करता है। परमेश्वर के संपर्को के चार भाग हैं, जिसमे पहला भाग पुराने नियम...

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए बेला पिल्लई को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: http://www.bibletransforms.com/

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