पहाड़ी उपदेश नमूना

एक विशिष्ट इश्वर है जो परमेश्वर से प्रतिस्पर्धा में रहता है और यीशु ने उसको नाम दिया है – धन संपत्ति ।
यीशु दो बातों के खिलाफ चेतावनी देते हैं , और दोनों का सम्बन्ध धन संपत्ति से है , जो कि सच्ची धार्मिकता की खोज के मार्ग पर आ सकती हैं : हमारी इच्छाएं (पद 19:24) और हमारी आवश्यकताएं (पद 25:34)
हमारी इच्छाओं के सन्दर्भ में यीशु की चेतावनी है कि हमें धन की सेवा नहीं करनी है । यीशु के इस कथन को यहाँ गलत नहीं समझना है । यीशु, धन पर हमारे अधिकार के विरुद्ध नहीं हैं लेकिन हमारे ऊपर धन के अधिकार के विरुद्ध हैं ; वह, धन के हमारे हाथ में के विरुद्ध नहीं लेकिन धन के हमारे ह्रदय में होने के विरुद्ध हैं ; वह धन के हमारे सेवक के रूप में होने के विरुद्ध नहीं लेकिन धन का हमारे स्वामी के रूप में के विरुद्ध हैं , वह इसके विरुद्ध नहीं हैं कि हम धन को कमाए या धन को बचाएँ लेकिन इसके विरुद्ध हैं कि धन हमको कमाए या हम उसकी सेवा में लग जायें ।
हमारी आवश्यकताओं के सन्दर्भ में यीशु हमें बताते हैं कि हमको चिंता नहीं करना है । हमें फिर इस बात का ध्यान रखना है कि यीशु की बातों का हम गलत अर्थ न निकालें । गौर करें कि यीशु क्या नहीं कह रहे हैं , “कमाओ मत , बचाओ मत” , “योजना मत बनाओ ”, “सोचो नहीं, “काम मत करो ” । वह कहता है “चिंता मत करो ” ।
यीशु हमसे चिड़ियों को भी देखने को कहता है कि कैसे परमेश्वर उनको खिलाता है ; और फूलों को कि कैसे परमेश्वर उनको वस्त्र पहनता है । तो परमेश्वर कैसे यह सब करता है ? परमेश्वर साक्षात अपने हाथों को बढ़ाकर इनकी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है जिससे कि वे निष्क्रिय और सुस्ती से सब कुछ प्राप्त कर लें , नहीं । परमेश्वर उनके लिए भोजन का प्रबंध पेड़ों और खेतों के फल, सब्जियों और मछलियों और जो कुछ भी प्रकृति में है के द्वारा पूरा करता है । और चिड़ियाएँ अपने भोजन को खुद ही खोजती हैं । इसी प्रकार फूलों के लिए भी परमेश्वर मिटटी, सूरज और दूसरी वस्तुओं का प्रबंध करता है जिससे कि वे बढ़ते जायें । ठीक इसी प्रकार परमेश्वर हमारे लिए भी संसाधनों को प्रदान करता है जिससे कि हम भी अपनी आवश्यकताएं को दिए गए संसाधनों से पूरा कर लें ।पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में

इस क्रम में पहाड़ी उपदेशों को देखा जाएगा (मत्ती 5-7)। इससे पाठक को पहाड़ी उपदेश को बेहतर तरीके से समझने में सहायता मिलेगी और उससे जुड़ी बातों को रोज़मर्रा के जीवन में लागू करने की समझ भी प्राप्त होगी ।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए RZIM भारत को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: http://rzimindia.in/









