नीतिवचन 31:10-31

नीतिवचन 31:10-31 पवित्र बाइबल (HERV)

गुणवंती पत्नी कौन पा सकता है वह जो मणि—मणिकों से कही अधिक मूल्यवान। जिसका पति उसका विश्वास कर सकता है। वह तो कभी भी गरीब नहीं होगा। सद्पत्नी पति के संग उत्तम व्यवहार करती। अपने जीवन भर वह उसके लिये कभी विपत्ति नहीं उपजाती। वह सदा ऊनी और सूती कपड़े बुनाने में व्यस्त रहती। वह जलयान जो दूर देश से आता है वह हर कहीं से घर पर भोज्य वस्तु लाती। तड़के उठाकर वह भोजन पकाती है। अपने परिवार का और दासियों का भाग उनको देती है। वह देखकर एवं परख कर खेत मोल लेती है जोड़े धन से वह दाख की बारी लगाती है। वह बड़ा श्रम करती है। वह अपने सभी काम करने को समर्थ है। जब भी वह अपनी बनायी वस्तु बेचती है, तो लाभ ही कमाती है। वह देर रात तक काम करती है। वह सूत कातती और निज वस्तु बुनती है। वह सदा ही दीन—दुःखी को दान देती है, और अभाव ग्रस्त जन की सहायता करती है। जब शीत पड़ती तो वह अपने परिवार हेतु चिंतित नहीं होती है। क्योंकि उसने सभी को उत्तम गर्म वस्त्र दे रख है। वह चादर बनाती है और गद्दी पर फैलाती है। वह सन से बने कपड़े पहनती है। लोग उसके पति का आदर करते हैं वह स्थान पाता है नगर प्रमुखों के बीच। वह अति उत्तम व्यापारी बनती है। वह वस्त्रों और कमरबंदों को बनाकर के उन्हें व्यापारी लोगों को बेचती है। वह शक्तिशाली है, और लोग उसको मान देते हैं। जब वह बोलती है, वह विवेकपूर्ण रहती है। उसकी जीभ पर उत्तम शिक्षायें सदा रहती है। वह कभी भी आलस नहीं करती है और अपने घर बार का ध्यान रखती है। उसके बच्चे खड़े होते और उसे आदर देते हैं। उसका पति उसकी प्रशंसा करता है। उसका पति कहता है, “बहुत सी स्त्रियाँ होती हैं। किन्तु उन सब में तू ही सर्वोत्तम अच्छी पत्नी है।” मिथ्या आकर्षण और सुन्दरता दो पल की है, किन्तु वह स्त्री जिसे यहोवा का भय है, प्रशंसा पायेगी। उसे वह प्रतिफल मिलना चाहिये जिसके वह योग्य है, और जो काम उसने किये हैं, उसके लिये चाहिये कि सारे लोग के बीच में उसकी प्रशंसा करें।

नीतिवचन 31:10-31 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

एक अच्‍छी पत्‍नी कौन पा सकता है? वह हीरे-मोती से अधिक मूल्‍यवान होती है। उसके पति का हृदय उस पर पूरा भरोसा करता है, और जीवन सुखमय रहता है। वह अपने जीवन भर उसका अनिष्‍ट नहीं, वरन् भलाई करती है। वह ऊन और पटसन खोज कर लाती है, और प्रसन्नतापूर्वक अपने हाथों से काम करती है। व्‍यापार के जहाजों की तरह वह दूर-दूर से भोजन-वस्‍तुएं लाती है। वह पौ फटने के पहले ही रात में उठ जाती है, और अपने परिवार के लिए भोजन का प्रबन्‍ध करती है; वह अपनी सेविकाओं को उनका काम बांट देती है। वह देख-भाल कर खेत खरीदती है; वह अपनी मेहनत से अंगूर-उद्यान लगाती है। वह कमर कस कर परिश्रम के लिए तैयार रहती है; वह काम करने के लिए अपने हाथों को मजबूत रखती है। वह जानती है कि घरेलू उद्योग में उसका लाभ है, रात को उसका दीपक नहीं बुझता। उसके हाथ चरखे पर लगे रहते हैं, और वह उंगलियों से तकली चलाती है। गरीबों के लिए उसकी मुट्ठी खुली रहती है, वह दीन-दरिद्रों को संभालती है। वह हिमपात के समय अपने परिवार के लिए चिन्‍तित नहीं होती; क्‍योंकि उसके परिवार के लोग ऊनी वस्‍त्र पहनते हैं। वह स्‍वयं चादरें बुनती है; उसके वस्‍त्र सूक्ष्म पटसन के, और बैंजनी रंग के होते हैं। उसका पति नगर के प्रवेश-द्वार पर नगर के धर्मवृद्धों के साथ पंचायत में बैठता है, सब उसका सम्‍मान करते हैं। वह पटसन के वस्‍त्र बनाती और उनको बेचती है; वह व्‍यापारियों को कमरबन्‍द बेचती है। शक्‍ति और मर्यादा उसके वस्‍त्र हैं; वह आनेवाले कल को हंसकर उड़ा देती है। उसके मुंह से बुद्धि की बातें निकलती हैं, उसके ओंठों पर सदा दया की सीख ही रहती है। वह गृहस्‍थी का सब काम अच्‍छी तरह संभालती है; वह आलस की रोटी नहीं खाती। उसके बेटे और बेटियां सोकर उठते ही उसके पैर छूते हैं; जब उसका पति सो कर उठता है, वह भी उस की प्रशंसा करता है। वह कहता है : “अनेक स्‍त्रियों ने गृहस्‍थी के लिए अच्‍छे-अच्‍छे काम किए हैं; किन्‍तु तू उन सब से बढ़कर है।” आकर्षण में धोखा हो सकता है, और शरीर की सुन्‍दरता भी निस्‍सार है; किन्‍तु जो स्‍त्री प्रभु का भय मानती है वह प्रशंसा के योग्‍य है। ऐसी स्‍त्री का उसके परिश्रम के अनुरूप सम्‍मान करो; सभा-पंचायत में उसके कार्यों की प्रशंसा होनी चाहिए।

नीतिवचन 31:10-31 Hindi Holy Bible (HHBD)

भली पत्नी कौन पा सकता है? क्योंकि उसका मूल्य मूंगों से भी बहुत अधिक है। उस के पति के मन में उस के प्रति विश्वास है। और उसे लाभ की घटी नहीं होती। वह अपने जीवन के सारे दिनों में उस से बुरा नहीं, वरन भला ही व्यवहार करती है। वह ऊन और सन ढूंढ़ ढूंढ़ कर, अपने हाथों से प्रसन्नता के साथ काम करती है। वह व्यापार के जहाजों की नाईं अपनी भोजन वस्तुएं दूर से मंगवाती हैं। वह रात ही को उठ बैठती है, और अपने घराने को भोजन खिलाती है और अपनी लौण्डियों को अलग अलग काम देती है। वह किसी खेत के विषय में सोच विचार करती है और उसे मोल ले लेती है; और अपने परिश्रम के फल से दाख की बारी लगाती है। वह अपनी कटि को बल के फेंटे से कसती है, और अपनी बाहों को दृढ़ बनाती है। वह परख लेती है कि मेरा व्यापार लाभदायक है। रात को उसका दिया नहीं बुझता। वह अटेरन में हाथ लगाती है, और चरखा पकड़ती है। वह दीन के लिये मुट्ठी खोलती है, और दरिद्र के संभालने को हाथ बढ़ाती है। वह अपने घराने के लिये हिम से नहीं डरती, क्योंकि उसके घर के सब लोग लाल कपड़े पहिनते हैं। वह तकिये बना लेती है; उसके वस्त्र सूक्ष्म सन और बैंजनी रंग के होते हैं। जब उसका पति सभा में देश के पुरनियों के संग बैठता है, तब उसका सम्मान होता है। वह सन के वस्त्र बनाकर बेचती है; और व्योपारी को कमरबन्द देती है। वह बल और प्रताप का पहिरावा पहिने रहती है, और आने वाले काल के विषय पर हंसती है। वह बुद्धि की बात बोलती है, और उस के वचन कृपा की शिक्षा के अनुसार होते हैं। वह अपने घराने के चाल चलन को ध्यान से देखती है, और अपनी रोटी बिना परिश्रम नहीं खाती। उसके पुत्र उठ उठकर उस को धन्य कहते हैं, उनका पति भी उठ कर उसकी ऐसी प्रशंसा करता है: बहुत सी स्त्रियों ने अच्छे अच्छे काम तो किए हैं परन्तु तू उन सभों में श्रेष्ट है। शोभा तो झूठी और सुन्दरता व्यर्थ है, परन्तु जो स्त्री यहोवा का भय मानती है, उसकी प्रशंसा की जाएगी। उसके हाथों के परिश्रम का फल उसे दो, और उसके कार्यों से सभा में उसकी प्रशंसा होगी॥

नीतिवचन 31:10-31 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

भली पत्नी कौन पा सकता है? क्योंकि उसका मूल्य मूँगों से भी बहुत अधिक है। उसके पति के मन में उसके प्रति विश्‍वास है, और उसे लाभ की घटी नहीं होती। वह अपने जीवन के सारे दिनों में उस से बुरा नहीं, वरन् भला ही व्यवहार करती है। वह ऊन और सन ढूँढ़ ढूँढ़कर, अपने हाथों से प्रसन्नता के साथ काम करती है। वह व्यापार के जहाजों के समान, अपनी भोजनवस्तुएँ दूर से मँगवाती है। वह रात ही को उठ बैठती है, और अपने घराने को भोजन खिलाती है, और अपनी दासियों को अलग अलग काम देती है। वह किसी खेत के विषय में सोच विचार करती है और उसे मोल ले लेती है; और अपने परिश्रम के फल से दाख की बारी लगाती है। वह अपनी कटि को बल के फेंटे से कसती है, और अपनी बाँहों को दृढ़ बनाती है। वह परख लेती है कि मेरा व्यापार लाभदायक है। रात को उसका दिया नहीं बुझता। वह अटेरन में हाथ लगाती है, और चरखा पकड़ती है। वह दीन के लिये मुट्ठी खोलती है, और दरिद्र को संभालने के लिए हाथ बढ़ाती है। वह अपने घराने के लिये हिम से नहीं डरती, क्योंकि उसके घर के सब लोग लाल कपड़े पहिनते हैं। वह तकिये बना लेती है; उसके वस्त्र सूक्ष्म सन और बैंजनी रंग के होते हैं। जब उसका पति सभा में देश के पुरनियों के संग बैठता है, तब उसका सम्मान होता है। वह सन के वस्त्र बनाकर बेचती है; और व्यापारी को कमरबन्द देती है। वह बल और प्रताप का पहिरावा पहिने रहती है, और आनेवाले काल पर हँसती है। वह बुद्धि की बात बोलती है, और उसके वचन कृपा की शिक्षा के अनुसार होते हैं। वह अपने घराने के चालचलन को ध्यान से देखती है, और अपनी रोटी बिना परिश्रम नहीं खाती। उसके पुत्र उठ उठकर उसको धन्य कहते हैं; उसका पति भी उठकर उसकी ऐसी प्रशंसा करता है : “बहुत सी स्त्रियों ने अच्छे अच्छे काम तो किए हैं परन्तु तू उन सभों में श्रेष्‍ठ है।” शोभा तो झूठी और सुन्दरता व्यर्थ है, परन्तु जो स्त्री यहोवा का भय मानती है, उसकी प्रशंसा की जाएगी। उसके हाथों के परिश्रम का फल उसे दो, और उसके कार्यों से सभा में उसकी प्रशंसा होगी।

नीतिवचन 31:10-31 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

भली पत्नी कौन पा सकता है? क्योंकि उसका मूल्य मूँगों से भी बहुत अधिक है। उसके पति के मन में उसके प्रति विश्वास है, और उसे लाभ की घटी नहीं होती। वह अपने जीवन के सारे दिनों में उससे बुरा नहीं, वरन् भला ही व्यवहार करती है। वह ऊन और सन ढूँढ़ ढूँढ़कर, अपने हाथों से प्रसन्नता के साथ काम करती है। वह व्यापार के जहाजों के समान अपनी भोजनवस्तुएँ दूर से मँगवाती है। वह रात ही को उठ बैठती है, और अपने घराने को भोजन खिलाती है और अपनी दासियों को अलग-अलग काम देती है। वह किसी खेत के विषय में सोच विचार करती है और उसे मोल ले लेती है; और अपने परिश्रम के फल से दाख की बारी लगाती है। वह अपनी कमर को बल के फेंटे से कसती है, और अपनी बाहों को दृढ़ बनाती है। (लूका 12:35) वह परख लेती है कि मेरा व्यापार लाभदायक है। रात को उसका दिया नहीं बुझता। वह अटेरन में हाथ लगाती है, और चरखा पकड़ती है। वह दीन के लिये मुट्ठी खोलती है, और दरिद्र को सम्भालने के लिए हाथ बढ़ाती है। वह अपने घराने के लिये हिम से नहीं डरती, क्योंकि उसके घर के सब लोग लाल कपड़े पहनते हैं। वह तकिये बना लेती है; उसके वस्त्र सूक्ष्म सन और बैंगनी रंग के होते हैं। जब उसका पति सभा में देश के पुरनियों के संग बैठता है, तब उसका सम्मान होता है। वह सन के वस्त्र बनाकर बेचती है; और व्यापारी को कमरबन्द देती है। वह बल और प्रताप का पहरावा पहने रहती है, और आनेवाले काल के विषय पर हँसती है। वह बुद्धि की बात बोलती है, और उसके वचन कृपा की शिक्षा के अनुसार होते हैं। वह अपने घराने के चाल चलन को ध्यान से देखती है, और अपनी रोटी बिना परिश्रम नहीं खाती। उसके पुत्र उठ उठकर उसको धन्य कहते हैं, उनका पति भी उठकर उसकी ऐसी प्रशंसा करता है: “बहुत सी स्त्रियों ने अच्छे-अच्छे काम तो किए हैं परन्तु तू उन सभी में श्रेष्ठ है।” शोभा तो झूठी और सुन्दरता व्यर्थ है, परन्तु जो स्त्री यहोवा का भय मानती है, उसकी प्रशंसा की जाएगी। उसके हाथों के परिश्रम का फल उसे दो, और उसके कार्यों से सभा में उसकी प्रशंसा होगी।

नीतिवचन 31:10-31 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

किसे उपलब्ध होती है उत्कृष्ट, गुणसंपन्‍न पत्नी? उसका मूल्य रत्नों से कहीं अधिक बढ़कर है. उसका पति उस पर पूर्ण भरोसा करता है और उसके कारण उसके पति का मूल्य अपरिमित होता है. वह आजीवन अपने पति का हित ही करती है, बुरा कभी नहीं. वह खोज कर ऊन और पटसन ले आती है और हस्तकार्य में उसकी गहरी रुचि है. व्यापारिक जलयानों के समान, वह दूर-दूर जाकर भोज्य वस्तुओं का प्रबंध करती है. रात्रि समाप्‍त भी नहीं होती, कि वह उठ जाती है; और अपने परिवार के लिए भोजन का प्रबंध करती तथा अपनी परिचारिकाओं को उनके काम संबंधी निर्देश देती है. वह जाकर किसी भूखण्ड को परखती है और उसे मोल ले लेती है; वह अपने अर्जित धन से द्राक्षावाटिका का रोपण करती है. वह कमर कसकर तत्परतापूर्वक कार्य में जुट जाती है; और उसकी बाहें सशक्त रहती हैं. उसे यह बोध रहता है कि उसका लाभांश ऊंचा रहे, रात्रि में भी उसकी समृद्धि का दीप बुझने नहीं पाता. वह चरखे पर कार्य करने के लिए बैठती है और उसके हाथ तकली पर चलने लगते हैं. उसके हाथ निर्धनों की ओर बढ़ते हैं और वह निर्धनों की सहायता करती है. शीतकाल का आगमन उसके परिवार के लिए चिंता का विषय नहीं होता; क्योंकि उसके समस्त परिवार के लिए पर्याप्‍त ऊनी वस्त्र तैयार रहते हैं. वह अपने लिए बाह्य ऊनी वस्त्र भी तैयार रखती है; उसके सभी वस्त्र उत्कृष्ट तथा भव्य ही होते हैं. जब राज्य परिषद का सत्र होता है, तब प्रमुखों में उसका पति अत्यंत प्रतिष्ठित माना जाता है. वह पटसन के वस्त्र बुनकर उनका विक्रय कर देती है, तथा व्यापारियों को दुपट्टे बेचती है. वह शक्ति और सम्मान धारण किए हुए है; भविष्य की आशा में उसका उल्लास है. उसके मुख से विद्वत्तापूर्ण वचन ही बोले जाते हैं, उसके वचन कृपा-प्रेरित होते हैं. वह अपने परिवार की गतिविधि पर नियंत्रण रखती है और आलस्य का भोजन उसकी चर्या में है ही नहीं. प्रातःकाल उठकर उसके बालक उसकी प्रशंसा करते हैं; उसका पति इन शब्दों में उसकी प्रशंसा करते नहीं थकता: “अनेक स्त्रियों ने उत्कृष्ट कार्य किए हैं, किंतु तुम उन सबसे उत्कृष्ट हो.” आकर्षण एक झूठ है और सौंदर्य द्रुत गति से उड़ जाता है; किंतु जिस स्त्री में याहवेह के प्रति श्रद्धा विद्यमान है, वह प्रशंसनीय रहेगी. उसके परिश्रम का श्रेय उसे दिया जाए, और उसके कार्य नगर में घोषित किए जाएं.

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