मत्ती 18:1-20

मत्ती 18:1-20 पवित्र बाइबल (HERV)

तब यीशु के शिष्यों ने उसके पास आकर पूछा, “स्वर्ग के राज्य में सबसे बड़ा कौन हैं?” तब यीशु ने एक बच्चे को अपने पास बुलाया और उसे उनके सामने खड़ा करके कहा, “मैं तुमसे सत्य कहता हूँ जब तक कि तुम लोग बदलोगे नहीं और बच्चों के समान नहीं बन जाओगे, स्वर्ग के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकोगे। इसलिये अपने आपको जो कोई इस बच्चे के समान नम्र बनाता है, वही स्वर्ग के राज्य में सबसे बड़ा है। “और जो कोई ऐसे बालक जैसे व्यक्ति को मेरे नाम में स्वीकार करता है वह मुझे स्वीकार करता है। “किन्तु जो मुझमें विश्वास करने वाले मेरे किसी ऐसे नम्र अनुयायी के रास्ते की बाधा बनता है, अच्छा हो कि उसके गले में एक चक्की का पाट लटका कर उसे समुद्र की गहराई में डुबो दिया जाये। बाधाओं के कारण मुझे संसार के लोगों के लिए खेद है, पर बाधाएँ तो आयेंगी ही किन्तु खेद तो मुझे उस पर है जिसके द्वारा बाधाएँ आती हैं। “इसलिए यदि तेरा हाथ या तेरा पैर तेरे लिए बाधा बने तो उसे काट फेंक, क्योंकि स्वर्ग में बिना हाथ या बिना पैर के अनन्त जीवन में प्रवेश करना तेरे लिए अधिक अच्छा है; बजाये इसके कि दोनों हाथों और दोनों पैरों समेत तुझे नरक की कभी न बुझने वाली आग में डाल दिया जाये। यदि तेरी आँख तेरे लिये बाधा बने तो उसे बाहर निकाल कर फेंक दे, क्योंकि स्वर्ग में काना होकर अनन्त जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये अधिक अच्छा है; बजाये इसके कि दोनों आँखों समेत तुझे नरक की आग में डाल दिया जाए। “सो देखो, मेरे इन मासूम अनुयायियों में से किसी को भी तुच्छ मत समझना। मैं तुम्हें बताता हूँ कि उनके रक्षक स्वर्गदूतों की पहुँच स्वर्ग में मेरे परम पिता के पास लगातार रहती है। “बता तू क्या सोचता है? यदि किसी के पास सौ भेड़ें हों और उनमें से एक भटक जाये तो क्या वह दूसरी निन्यानवें भेड़ों को पहाड़ी पर ही छोड़ कर उस एक खोई भेड़ को खोजने नहीं जाएगा? वह निश्चय ही जाएगा और जब उसे वह मिल जायेगी, मैं तुमसे सत्य कहता हूँ तो वह दूसरी निन्यानवें की बजाये-जो खोई नहीं थीं, इसे पाकर अधिक प्रसन्न होगा। इसी तरह स्वर्ग में स्थित तुम्हारा पिता क्या नहीं चाहता कि मेरे इन अबोध अनुयायियों में से कोई एक भी न भटके। “यदि तेरा बंधु तेरे साथ कोई बुरा व्यवहार करे तो अकेले में जाकर आपस में ही उसे उसका दोष बता। यदि वह तेरी सुन ले, तो तूने अपने बंधु को फिर जीत लिया। पर यदि वह तेरी न सुने तो दो एक को अपने साथ ले जा ताकि हर बात की दो तीन गवाही हो सकें। यदि वह उन को भी न सुने तो कलीसिया को बता दे। और यदि वह कलीसिया की भी न माने, तो फिर तू उस से ऐसे व्यवहार कर जैसे वह विधर्मी हो या कर वसूलने वाला हो। “मैं तुम्हें सत्य बताता हूँ जो कुछ तुम धरती पर बाँधोगे स्वर्ग में प्रभु के द्वारा बाँधा जायेगा और जिस किसी को तुम धरती पर छोड़ोगे स्वर्ग में परमेश्वर के द्वारा छोड़ दिया जायेगा। मैं तुझे यह भी बताता हूँ कि इस धरती पर यदि तुम में से कोई दो सहमत हो कर स्वर्ग में स्थित मेरे पिता से कुछ माँगेंगे तो वह तुम्हारे लिए उसे पूरा करेगा क्योंकि जहाँ मेरे नाम पर दो या तीन लोग मेरे अनुयायी के रूप में इकट्ठे होते हैं, वहाँ मैं उनके साथ हूँ।”

मत्ती 18:1-20 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

उस समय शिष्‍य येशु के पास आ कर बोले, “स्‍वर्ग के राज्‍य में सब से बड़ा कौन है?” येशु ने एक बालक को बुलाया और उसे शिष्‍यों के बीच में खड़ा कर कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ, जब तक तुम में परिवर्तन न हो और तुम बच्‍चों के समान न बनो, तो तुम स्‍वर्ग के राज्‍य में प्रवेश नहीं कर सकते। इसलिए जो अपने-आप को इस बालक-जैसा छोटा समझता है, वह स्‍वर्ग के राज्‍य में सब से बड़ा है और जो कोई मेरे नाम पर ऐसे बालक का स्‍वागत करता है, वह मेरा स्‍वागत करता है। “जो कोई मुझ पर विश्‍वास करने वाले इन छोटों में से किसी एक को विश्‍वास से विचलित करता है, उसके लिए अच्‍छा यही होता कि उसके गले में चक्‍की का भारी पाट बाँधा जाता और वह गहरे समुद्र में डुबा दिया जाता। प्रलोभनों के कारण संसार को धिक्‍कार! प्रलोभन अनिवार्य है, किन्‍तु धिक्‍कार उस मनुष्‍य को, जो प्रलोभन का कारण बनता है! “यदि तुम्‍हारा हाथ अथवा तुम्‍हारा पैर तुम्‍हारे लिए पाप का कारण बनता है, तो उसे काट कर फेंक दो। अच्‍छा यही है कि तुम लूले अथवा लंगड़े हो कर जीवन में प्रवेश करो, किन्‍तु दोनों हाथों अथवा दोनों पैरों के रहते अनन्‍त आग में न डाले जाओ। यदि तुम्‍हारी आँख तुम्‍हारे लिए पाप का कारण बनती है, तो उसे निकाल कर फेंक दो। अच्‍छा यही है कि तुम काने हो कर जीवन में प्रवेश करो, किन्‍तु दोनों आँखों के रहते आग के नरक में न डाले जाओ। “देखो, इन छोटों में से किसी एक को भी तुच्‍छ न समझना; क्‍योंकि मैं तुम से कहता हूँ − इनके दूत स्‍वर्ग में निरन्‍तर मेरे स्‍वर्गिक पिता के सम्‍मुख उपस्‍थित रहते हैं। “[जो खो गया था उसी को बचाने के लिए मानव-पुत्र आया है।] “तुम्‍हारा क्‍या विचार है? यदि किसी के पास एक सौ भेड़ें हों और उन में से एक भेड़ भटक जाए, तो क्‍या वह उन निन्‍यानबे भेड़ों को पहाड़ी पर छोड़कर उस भटकी हुई भेड़ को खोजने नहीं जाएगा? और यदि वह उसे मिल जाए, तो मैं तुम से सच कहता हूँ कि वह उन निन्‍यानबे भेड़ों की अपेक्षा, जो भटकी नहीं थीं, उस भेड़ के लिए अधिक आनन्‍द मनाएगा। इसी तरह तुम्‍हारा स्‍वर्गिक पिता नहीं चाहता है कि इन छोटों में से एक भी नष्‍ट हो जाए। “यदि तुम्‍हारा भाई तुम्‍हारे विरुद्ध कोई अपराध करता है, तो जाओ और उसे अकेले में, जहाँ वह और तुम दोनों हो, समझाओ। यदि वह तुम्‍हारी बात मान लेता है, तो तुम ने अपने भाई को बचा लिया। यदि वह तुम्‍हारी बात नहीं मानता है, तो अपने साथ दो-एक व्यक्‍तियों को ले जाओ ताकि दो या तीन गवाहों के सामने सब कुछ प्रमाणित हो जाए। यदि वह उनकी भी नहीं सुनता, तो कलीसिया को बता दो और यदि वह कलीसिया की भी नहीं सुनता है, तो उसे विधर्मी और चुंगी-अधिकारी जैसा समझो। “मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ, जो कुछ तुम पृथ्‍वी पर बाँधोगे, वह स्‍वर्ग में बंधा रहेगा और जो कुछ तुम पृथ्‍वी पर खोलोगे, वह स्‍वर्ग में खुला रहेगा। “यह भी मैं तुम से सच कहता हूँ : यदि तुम में से दो व्यक्‍ति एकमत हो कर पृथ्‍वी पर कुछ भी माँगेंगे, तो वह उन्‍हें मेरे स्‍वर्गिक पिता की ओर से निश्‍चय ही मिलेगा; क्‍योंकि जहाँ दो या तीन व्यक्‍ति मेरे नाम पर इकट्ठे होते हैं, वहाँ मैं उनके बीच उपस्‍थित रहता हूँ।”

मत्ती 18:1-20 Hindi Holy Bible (HHBD)

उसी घड़ी चेले यीशु के पास आकर पूछने लगे, कि स्वर्ग के राज्य में बड़ा कौन है? इस पर उस ने एक बालक को पास बुलाकर उन के बीच में खड़ा किया। और कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, यदि तुम न फिरो और बालकों के समान न बनो, तो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने नहीं पाओगे। जो कोई अपने आप को इस बालक के समान छोटा करेगा, वह स्वर्ग के राज्य में बड़ा होगा। और जो कोई मेरे नाम से एक ऐसे बालक को ग्रहण करता है वह मुझे ग्रहण करता है। पर जो कोई इन छोटों में से जो मुझ पर विश्वास करते हैं एक को ठोकर खिलाए, उसके लिये भला होता, कि बड़ी चक्की का पाट उसके गले में लटकाया जाता, और वह गहिरे समुद्र में डुबाया जाता। ठोकरों के कारण संसार पर हाय! ठोकरों का लगना अवश्य है; पर हाय उस मनुष्य पर जिस के द्वारा ठोकर लगती है। यदि तेरा हाथ या तेरा पांव तुझे ठोकर खिलाए, तो काटकर फेंक दे; टुण्डा या लंगड़ा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इस से भला है, कि दो हाथ या दो पांव रहते हुए तू अनन्त आग में डाला जाए। और यदि तेरी आंख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकालकर फेंक दे। काना होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इस से भला है, कि दो आंख रहते हुए तू नरक की आग में डाला जाए। देखो, तुम इन छोटों में से किसी को तुच्छ न जानना; क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि स्वर्ग में उन के दूत मेरे स्वर्गीय पिता का मुंह सदा देखते हैं। तुम क्या समझते हो यदि किसी मनुष्य की सौ भेड़ें हों, और उन में से एक भटक जाए, तो क्या निन्नानवे को छोड़कर, और पहाड़ों पर जाकर, उस भटकी हुई को न ढूंढ़ेगा? और यदि ऐसा हो कि उसे पाए, तो मैं तुम से सच कहता हूं, कि वह उन निन्नानवे भेड़ों के लिये जो भटकी नहीं थीं इतना आनन्द नहीं करेगा, जितना कि इस भेड़ के लिये करेगा। ऐसा ही तुम्हारे पिता की जो स्वर्ग में है यह इच्छा नहीं, कि इन छोटों में से एक भी नाश हो। यदि तेरा भाई तेरा अपराध करे, तो जा और अकेले में बातचीत करके उसे समझा; यदि वह तेरी सुने तो तू ने अपने भाई को पा लिया। और यदि वह न सुने, तो और एक दो जन को अपने साथ ले जा, कि हर एक बात दो या तीन गवाहों के मुंह से ठहराई जाए। यदि वह उन की भी न माने, तो कलीसिया से कह दे, परन्तु यदि वह कलीसिया की भी न माने, तो तू उसे अन्य जाति और महसूल लेने वाले के ऐसा जान। मैं तुम से सच कहता हूं, जो कुछ तुम पृथ्वी पर बान्धोगे, वह स्वर्ग में बन्धेगा और जो कुछ तुम पृथ्वी पर खोलोगे, वह स्वर्ग में खुलेगा। फिर मैं तुम से कहता हूं, यदि तुम में से दो जन पृथ्वी पर किसी बात के लिये जिसे वे मांगें, एक मन के हों, तो वह मेरे पिता की ओर से स्वर्ग में है उन के लिये हो जाएगी। क्योंकि जहां दो या तीन मेरे नाम पर इकट्ठे होते हैं वहां मैं उन के बीच में होता हूं॥

मत्ती 18:1-20 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

उस घड़ी चेले यीशु के पास आकर पूछने लगे, “स्वर्ग के राज्य में बड़ा कौन है?” इस पर उसने एक बालक को पास बुलाकर उनके बीच में खड़ा किया, और कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ कि जब तक तुम न फिरो और बालकों के समान न बनो, तुम स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने नहीं पाओगे। जो कोई अपने आप को इस बालक के समान छोटा करेगा, वह स्वर्ग के राज्य में बड़ा होगा। और जो कोई मेरे नाम से एक ऐसे बालक को ग्रहण करता है वह मुझे ग्रहण करता है। “पर जो कोई इन छोटों में से जो मुझ पर विश्‍वास करते हैं एक को ठोकर खिलाए, उसके लिये भला होता कि बड़ी चक्‍की का पाट उसके गले में लटकाया जाता, और वह गहरे समुद्र में डुबाया जाता। ठोकरों के कारण संसार पर हाय! ठोकरों का लगना अवश्य है; पर हाय उस मनुष्य पर जिसके द्वारा ठोकर लगती है। “यदि तेरा हाथ या तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे काटकर फेंक दे; टुण्डा या लंगड़ा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है कि दो हाथ या दो पाँव रहते हुए तू अनन्त आग में डाला जाए। यदि तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकालकर फेंक दे; काना होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है कि दो आँख रहते हुए तू नरक की आग में डाला जाए। “देखो, तुम इन छोटों में से किसी को तुच्छ न जानना; क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ कि स्वर्ग में उनके दूत मेरे स्वर्गीय पिता का मुँह सदा देखते हैं। [क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को बचाने आया है।] “तुम क्या सोचते हो? यदि किसी मनुष्य की सौ भेड़ें हों, और उनमें से एक भटक जाए, तो क्या वह निन्यानबे को छोड़कर, और पहाड़ों पर जाकर, उस भटकी हुई को न ढूँढ़ेगा? और यदि ऐसा हो कि उसे पाए, तो मैं तुम से सच कहता हूँ कि वह उन निन्यानबे भेड़ों के लिये जो भटकी नहीं थीं, इतना आनन्द नहीं करेगा जितना कि इस भेड़ के लिये करेगा। ऐसा ही तुम्हारे पिता की जो स्वर्ग में है यह इच्छा नहीं कि इन छोटों में से एक भी नष्‍ट हो। “यदि तेरा भाई तेरे विरुद्ध अपराध करे, तो जा और अकेले में बातचीत करके उसे समझा; यदि वह तेरी सुने तो तू ने अपने भाई को पा लिया। यदि वह न सुने, तो एक या दो जन को अपने साथ और ले जा, कि ‘हर एक बात दो या तीन गवाहों के मुँह से निश्‍चित की जाए।’ यदि वह उनकी भी न माने, तो कलीसिया से कह दे, परन्तु यदि वह कलीसिया की भी न माने तो तू उसे अन्यजाति और महसूल लेनेवाले जैसा जान। “मैं तुम से सच कहता हूँ, जो कुछ तुम पृथ्वी पर बाँधोगे, वह स्वर्ग में बंधेगा और जो कुछ तुम पृथ्वी पर खोलोगे, वह स्वर्ग में खुलेगा। फिर मैं तुम से कहता हूँ, यदि तुम में से दो जन पृथ्वी पर किसी बात के लिए एक मन होकर उसे माँगें, तो वह मेरे पिता की ओर से जो स्वर्ग में है, उनके लिए हो जाएगी। क्योंकि जहाँ दो या तीन मेरे नाम पर इकट्ठा होते हैं, वहाँ मैं उनके बीच में होता हूँ।”

मत्ती 18:1-20 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

उसी समय चेले यीशु के पास आकर पूछने लगे, “स्वर्ग के राज्य में बड़ा कौन है?” इस पर उसने एक बालक को पास बुलाकर उनके बीच में खड़ा किया, और कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ, यदि तुम न फिरो और बालकों के समान न बनो, तो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश नहीं कर पाओगे। जो कोई अपने आपको इस बालक के समान छोटा करेगा, वह स्वर्ग के राज्य में बड़ा होगा। और जो कोई मेरे नाम से एक ऐसे बालक को ग्रहण करता है वह मुझे ग्रहण करता है। “पर जो कोई इन छोटों में से जो मुझ पर विश्वास करते हैं एक को ठोकर खिलाए, उसके लिये भला होता, कि बड़ी चक्की का पाट उसके गले में लटकाया जाता, और वह गहरे समुद्र में डुबाया जाता। ठोकरों के कारण संसार पर हाय! ठोकरों का लगना अवश्य है; पर हाय उस मनुष्य पर जिसके द्वारा ठोकर लगती है। “यदि तेरा हाथ या तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाए, तो काटकर फेंक दे; टुण्डा या लँगड़ा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो हाथ या दो पाँव रहते हुए तू अनन्त आग में डाला जाए। और यदि तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकालकर फेंक दे। काना होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो आँख रहते हुए तू नरक की आग में डाला जाए। “देखो, तुम इन छोटों में से किसी को तुच्छ न जानना; क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ, कि स्वर्ग में उनके स्वर्गदूत मेरे स्वर्गीय पिता का मुँह सदा देखते हैं। [क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को बचाने आया है।] “तुम क्या समझते हो? यदि किसी मनुष्य की सौ भेड़ें हों, और उनमें से एक भटक जाए, तो क्या निन्यानवे को छोड़कर, और पहाड़ों पर जाकर, उस भटकी हुई को न ढूँढ़ेगा? और यदि ऐसा हो कि उसे पाए, तो मैं तुम से सच कहता हूँ, कि वह उन निन्यानवे भेड़ों के लिये जो भटकी नहीं थीं इतना आनन्द नहीं करेगा, जितना कि इस भेड़ के लिये करेगा। ऐसा ही तुम्हारे पिता की जो स्वर्ग में है यह इच्छा नहीं, कि इन छोटों में से एक भी नाश हो। “यदि तेरा भाई तेरे विरुद्ध अपराध करे, तो जा और अकेले में बातचीत करके उसे समझा; यदि वह तेरी सुने तो तूने अपने भाई को पा लिया। और यदि वह न सुने, तो और एक दो जन को अपने साथ ले जा, कि हर एक बात दो या तीन गवाहों के मुँह से ठहराई जाए। यदि वह उनकी भी न माने, तो कलीसिया से कह दे, परन्तु यदि वह कलीसिया की भी न माने, तो तू उसे अन्यजाति और चुंगी लेनेवाले के जैसा जान। “मैं तुम से सच कहता हूँ, जो कुछ तुम पृथ्वी पर बाँधोगे, वह स्वर्ग पर बँधेगा और जो कुछ तुम पृथ्वी पर खोलोगे, वह स्वर्ग में खुलेगा। फिर मैं तुम से कहता हूँ, यदि तुम में से दो जन पृथ्वी पर किसी बात के लिये जिसे वे माँगें, एक मन के हों, तो वह मेरे पिता की ओर से जो स्वर्ग में है उनके लिये हो जाएगी। क्योंकि जहाँ दो या तीन मेरे नाम पर इकट्ठे होते हैं वहाँ मैं उनके बीच में होता हूँ।”

मत्ती 18:1-20 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

तब शिष्यों ने येशु के पास आकर उनसे पूछा, “स्वर्ग-राज्य में सबसे बड़ा कौन है?” येशु ने एक बालक को पास बुलाकर उसे उनके सामने खड़ा करते हुए कहा, मैं तुम्हें एक सच्चाई बताना चाहता हूं: “जब तक तुम बदलकर बालक के समान न हो जाओ, तुम्हारा प्रवेश स्वर्ग-राज्य में किसी प्रकार न होगा. जो कोई स्वयं को इस बालक के समान विनम्र कर लेगा, वही स्वर्ग-राज्य में सबसे बड़ा है; और जो कोई ऐसे बालक को मेरे नाम में ग्रहण करता है, मुझे ग्रहण करता है. “इसके विपरीत जो कोई इन बालकों के लिए, जो मुझमें विश्वास करते हैं, ठोकर का कारण बनता है, उसके लिए सही यही होगा कि उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर उसे समुद्र की गहराई में डुबो दिया जाए. ठोकर के कारकों के लिए धिक्कार है संसार पर! ठोकरों का होना तो निश्चित है किंतु धिक्कार है उस व्यक्ति पर जिसके कारण ठोकर लगती है! यदि तुम्हारा हाथ या तुम्हारा पांव तुम्हारे लिए ठोकर लगने का कारण बनता है तो उसे काटकर फेंक दो. तुम्हारे लिए भला यही होगा कि तुम एक अपंग या लंगड़े के रूप में जीवन में प्रवेश करो—बजाय इसके कि तुम दोनों हाथ और दोनों पांवों के साथ अनंत आग में झोंके जाओ. यदि तुम्हारी आंख के कारण तुम्हें ठोकर लगे तो उसे निकाल फेंको. तुम्हारे लिए भला यही होगा कि तुम मात्र एक आंख के साथ जीवन में प्रवेश करो बजाय इसके कि तुम्हारी दोनों आंख हों और तुम नर्क की आग में फेंके जाओ. “ध्यान रखो कि तुम इन छोटों में से किसी को तुच्छ दृष्टि से न देखो. मैं तुम्हें बताता हूं कि स्वर्ग में इनके स्वर्गदूत इनके लिए मेरे पिता के सामने विनती करने के उद्देश्य से हमेशा उपस्थित रहते हैं. [मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को बचाने के उद्देश्य से ही आया है.] “क्या विचार है तुम्हारा? यदि किसी व्यक्ति के पास सौ भेड़ें हों और उनमें से एक भटक जाए तो क्या वह निन्यानवे को वहीं पहाड़ियों पर छोड़ उसको खोजने न निकलेगा, जो भटक गई है? तब सच तो यह है कि यदि वह उसे खोज लेता है, तो वह उन निन्यानवे की बजाय, जो भटकी नहीं थी, उस एक के लिए कहीं अधिक उल्‍लसित होता है, जो भटक गई थी. इसलिये तुम्हारे स्वर्गीय पिता नहीं चाहते कि इन छोटों में से एक भी छोटे का नाश हो. “यदि कोई सहविश्वासी तुम्हारे विरुद्ध कोई अपराध करे तो जाकर उस पर उसका दोष प्रकट कर दो, किंतु यह मात्र तुम दोनों के मध्य ही हो. यदि वह तुम्हारी सुन ले तो तुमने उसे पुनः प्राप्‍त कर लिया. किंतु यदि वह तुम्हारी न माने तब अपने साथ एक या दो को उसके पास ले जाओ कि एक बात की पुष्टि के लिए दो या तीन गवाहों की ज़रूरत होती है. यदि वह उनका भी इनकार करे तब कलीसिया पर यह सच प्रकट कर दिया जाए. यदि वह कलीसिया की भी न माने तब उसे गैर-यहूदी और समाज से बहिष्कृत व्यक्ति समझो. “तुम पर मैं यह सच प्रकाशित कर रहा हूं कि जो कुछ पृथ्वी पर तुम्हारे द्वारा इकट्ठा किया जाएगा, वह स्वर्ग में भी इकट्ठा होगा और जो कुछ तुम्हारे द्वारा पृथ्वी पर खुलेगा, वह स्वर्ग में भी खोला जाएगा. “मैं तुम्हें दोबारा याद दिला रहा हूं: यदि तुममें से दो व्यक्ति पृथ्वी पर किसी विषय पर एक मत होकर विनती करें, वह मेरे पिता के द्वारा, जो स्वर्ग में हैं, पूरा किया जाएगा. यह इसलिये कि जहां दो या तीन व्यक्ति मेरे नाम में इकट्ठा होते हैं, वहां मैं उनके साथ हूं.”

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