उस समय शिष्य येशु के पास आ कर बोले, “स्वर्ग के राज्य में सब से बड़ा कौन है?” येशु ने एक बालक को बुलाया और उसे शिष्यों के बीच में खड़ा कर कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ, जब तक तुम में परिवर्तन न हो और तुम बच्चों के समान न बनो, तो तुम स्वर्ग के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकते। इसलिए जो अपने-आप को इस बालक-जैसा छोटा समझता है, वह स्वर्ग के राज्य में सब से बड़ा है और जो कोई मेरे नाम पर ऐसे बालक का स्वागत करता है, वह मेरा स्वागत करता है।
“जो कोई मुझ पर विश्वास करने वाले इन छोटों में से किसी एक को विश्वास से विचलित करता है, उसके लिए अच्छा यही होता कि उसके गले में चक्की का भारी पाट बाँधा जाता और वह गहरे समुद्र में डुबा दिया जाता। प्रलोभनों के कारण संसार को धिक्कार! प्रलोभन अनिवार्य है, किन्तु धिक्कार उस मनुष्य को, जो प्रलोभन का कारण बनता है!
“यदि तुम्हारा हाथ अथवा तुम्हारा पैर तुम्हारे लिए पाप का कारण बनता है, तो उसे काट कर फेंक दो। अच्छा यही है कि तुम लूले अथवा लंगड़े हो कर जीवन में प्रवेश करो, किन्तु दोनों हाथों अथवा दोनों पैरों के रहते अनन्त आग में न डाले जाओ। यदि तुम्हारी आँख तुम्हारे लिए पाप का कारण बनती है, तो उसे निकाल कर फेंक दो। अच्छा यही है कि तुम काने हो कर जीवन में प्रवेश करो, किन्तु दोनों आँखों के रहते आग के नरक में न डाले जाओ।
“देखो, इन छोटों में से किसी एक को भी तुच्छ न समझना; क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ − इनके दूत स्वर्ग में निरन्तर मेरे स्वर्गिक पिता के सम्मुख उपस्थित रहते हैं।
“[जो खो गया था उसी को बचाने के लिए मानव-पुत्र आया है।]
“तुम्हारा क्या विचार है? यदि किसी के पास एक सौ भेड़ें हों और उन में से एक भेड़ भटक जाए, तो क्या वह उन निन्यानबे भेड़ों को पहाड़ी पर छोड़कर उस भटकी हुई भेड़ को खोजने नहीं जाएगा? और यदि वह उसे मिल जाए, तो मैं तुम से सच कहता हूँ कि वह उन निन्यानबे भेड़ों की अपेक्षा, जो भटकी नहीं थीं, उस भेड़ के लिए अधिक आनन्द मनाएगा। इसी तरह तुम्हारा स्वर्गिक पिता नहीं चाहता है कि इन छोटों में से एक भी नष्ट हो जाए।
“यदि तुम्हारा भाई तुम्हारे विरुद्ध कोई अपराध करता है, तो जाओ और उसे अकेले में, जहाँ वह और तुम दोनों हो, समझाओ। यदि वह तुम्हारी बात मान लेता है, तो तुम ने अपने भाई को बचा लिया। यदि वह तुम्हारी बात नहीं मानता है, तो अपने साथ दो-एक व्यक्तियों को ले जाओ ताकि दो या तीन गवाहों के सामने सब कुछ प्रमाणित हो जाए। यदि वह उनकी भी नहीं सुनता, तो कलीसिया को बता दो और यदि वह कलीसिया की भी नहीं सुनता है, तो उसे विधर्मी और चुंगी-अधिकारी जैसा समझो।
“मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ, जो कुछ तुम पृथ्वी पर बाँधोगे, वह स्वर्ग में बंधा रहेगा और जो कुछ तुम पृथ्वी पर खोलोगे, वह स्वर्ग में खुला रहेगा।
“यह भी मैं तुम से सच कहता हूँ : यदि तुम में से दो व्यक्ति एकमत हो कर पृथ्वी पर कुछ भी माँगेंगे, तो वह उन्हें मेरे स्वर्गिक पिता की ओर से निश्चय ही मिलेगा; क्योंकि जहाँ दो या तीन व्यक्ति मेरे नाम पर इकट्ठे होते हैं, वहाँ मैं उनके बीच उपस्थित रहता हूँ।”