योहन 19:1-22

योहन 19:1-22 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

इस पर पिलातुस ने यीशु को कोड़े लगवाए। सिपाहियों ने काँटों का मुकुट गूँथकर उसके सिर पर रखा, और उसे बैंजनी वस्त्र पहिनाया, और उसके पास आ–आकर कहने लगे, “हे यहूदियों के राजा, प्रणाम!” और उसे थप्पड़ भी मारे। तब पिलातुस ने फिर बाहर निकलकर लोगों से कहा, “देखो, मैं उसे तुम्हारे पास फिर बाहर लाता हूँ; ताकि तुम जानो कि मैं उसमें कुछ भी दोष नहीं पाता।” तब यीशु काँटों का मुकुट और बैंजनी वस्त्र पहिने हुए बाहर निकला; और पिलातुस ने उनसे कहा, “देखो, यह पुरुष!” जब प्रधान याजकों और प्यादों ने उसे देखा, तो चिल्‍लाकर कहा, “उसे क्रूस पर चढ़ा, क्रूस पर!” पिलातुस ने उनसे कहा, “तुम ही उसे लेकर क्रूस पर चढ़ाओ, क्योंकि मैं उसमें कोई दोष नहीं पाता।” यहूदियों ने उसको उत्तर दिया, “हमारी भी व्यवस्था है और उस व्यवस्था के अनुसार वह मारे जाने के योग्य है, क्योंकि उसने अपने आप को परमेश्‍वर का पुत्र बनाया।” जब पिलातुस ने यह बात सुनी तो और भी डर गया, और फिर किले के भीतर गया और यीशु से कहा, “तू कहाँ का है?” परन्तु यीशु ने उसे कुछ भी उत्तर न दिया। इस पर पिलातुस ने उससे कहा, “मुझ से क्यों नहीं बोलता? क्या तू नहीं जानता कि तुझे छोड़ देने का अधिकार मुझे है और तुझे क्रूस पर चढ़ाने का भी मुझे अधिकार है?” यीशु ने उत्तर दिया, “यदि तुझे ऊपर से न दिया जाता, तो तेरा मुझ पर कुछ अधिकार न होता; इसलिये जिसने मुझे तेरे हाथ पकड़वाया है उसका पाप अधिक है।” इस पर पिलातुस ने उसे छोड़ देना चाहा, परन्तु यहूदियों ने चिल्‍ला–चिल्‍लाकर कहा, “यदि तू इस को छोड़ देगा, तो तेरी भक्‍ति कैसर की ओर नहीं। जो कोई अपने आप को राजा बनाता है वह कैसर का सामना करता है।” ये बातें सुनकर पिलातुस यीशु को बाहर लाया और उस जगह एक चबूतरा था जो इब्रानी में ‘गब्बता’ कहलाता है, और वहाँ न्याय–आसन पर बैठा। यह फसह की तैयारी का दिन था, और छठे घंटे के लगभग था। तब उसने यहूदियों से कहा, “देखो तुम्हारा राजा!” परन्तु वे चिल्‍लाए, “ले जा! ले जा! उसे क्रूस पर चढ़ा!” पिलातुस ने उनसे कहा, “क्या मैं तुम्हारे राजा को क्रूस पर चढ़ाऊँ?” प्रधान याजकों ने उत्तर दिया, “कैसर को छोड़ हमारा और कोई राजा नहीं।” तब उसने उसे उनके हाथ सौंप दिया ताकि वह क्रूस पर चढ़ाया जाए। तब वे यीशु को ले गए, और वह अपना क्रूस उठाए हुए उस स्थान तक बाहर गया, जो ‘खोपड़ी का स्थान’ कहलाता है और इब्रानी में ‘गुलगुता’। वहाँ उन्होंने उसे और उसके साथ और दो मनुष्यों को क्रूस पर चढ़ाया, एक को इधर और एक को उधर, और बीच में यीशु को। पिलातुस ने एक दोष–पत्र लिखकर क्रूस पर लगा दिया, और उसमें यह लिखा हुआ था, “यीशु नासरी, यहूदियों का राजा।” यह दोष–पत्र बहुत से यहूदियों ने पढ़ा, क्योंकि वह स्थान जहाँ यीशु क्रूस पर चढ़ाया गया था नगर के पास था; और पत्र इब्रानी और लतीनी और यूनानी में लिखा हुआ था। तब यहूदियों के प्रधान याजकों ने पिलातुस से कहा, “ ‘यहूदियों का राजा’ मत लिख परन्तु यह कि ‘उसने कहा, मैं यहूदियों का राजा हूँ’।” पिलातुस ने उत्तर दिया, “मैं ने जो लिख दिया, वह लिख दिया।”

योहन 19:1-22 पवित्र बाइबल (HERV)

तब पिलातुस ने यीशु को पकड़वा कर कोड़े लगवाये। फिर सैनिकों ने कँटीली टहनियों को मोड़ कर एक मुकुट बनाया और उसके सिर पर रख दिया। और उसे बैंजनी रंग के कपड़े पहनाये। और उसके पास आ-आकर कहने लगे, “यहूदियों का राजा जीता रहे” और फिर उसे थप्पड़ मारने लगे। पिलातुस एक बार फिर बाहर आया और उनसे बोला, “देखो, मैं तुम्हारे पास उसे फिर बाहर ला रहा हूँ ताकि तुम जान सको कि मैं उसमें कोई खोट नहीं पा सका।” फिर यीशु बाहर आया। वह काँटो का मुकुट और बैंजनी रंग का चोगा पहने हुए था। तब पिलातुस ने कहा, “यह रहा वह पुरुष।” जब उन्होंने उसे देखा तो महायाजकों और मन्दिर के पहरेदारों ने चिल्ला कर कहा, “इसे क्रूस पर चढ़ा दो। इसे क्रूस पर चढ़ा दो।” पिलातुस ने उससे कहा, “तुम इसे ले जाओ और क्रूस पर चढ़ा दो, मैं इसमें कोई खोट नहीं पा सक रहा हूँ।” यहूदियों ने उसे उत्तर दिया, “हमारी व्यवस्था है जो कहती है, इसे मरना होगा क्योंकि इसने परमेश्वर का पुत्र होने का दावा किया है।” अब जब पिलातुस ने उन्हें यह कहते सुना तो वह बहुत डर गया। और फिर राजभवन के भीतर जाकर यीशु से कहा, “तू कहाँ से आया है?” किन्तु यीशु ने उसे उत्तर नहीं दिया। फिर पिलातुस ने उससे कहा, “क्या तू मुझसे बात नहीं करना चाहता? क्या तू नहीं जानता कि मैं तुझे छोड़ने का अधिकार रखता हूँ और तुझे क्रूस पर चढ़ाने का भी मुझे अधिकार है।” यीशु ने उसे उत्तर दिया, “तुम्हें तब तक मुझ पर कोई अधिकार नहीं हो सकता था जब तक वह तुम्हें परम पिता द्वारा नहीं दिया गया होता। इसलिये जिस व्यक्ति ने मुझे तेरे हवाले किया है, तुझसे भी बड़ा पापी है।” यह सुन कर पिलातुस ने उसे छोड़ने का कोई उपाय ढूँढने का यत्न किया। किन्तु यहूदी चिल्लाये, “यदि तू इसे छोड़ता है, तो तू कैसर का मित्र नहीं है, कोई भी जो अपने आप को राजा होने का दावा करता है, वह कैसर का विरोधी है।” जब पिलातुस ने ये शब्द सुने तो वह यीशु को बाहर उस स्थान पर ले गया जो “पत्थर का चबूतरा” कहलाता था। (इसे इब्रानी भाषा में गब्बता कहा गया है।) और वहाँ न्याय के आसन पर बैठा। यह फ़सह सप्ताह की तैयारी का दिन था। लगभग दोपहर हो रही थी। पिलातुस ने यहूदियों से कहा, “यह रहा तुम्हारा राजा!” वे फिर चिल्लाये, “इसे ले जाओ! इसे ले जाओ। इसे क्रूस पर चढ़ा दो!” पिलातुस ने उनसे कहा, “क्या तुम चाहते हो तुम्हारे राजा को मैं क्रूस पर चढ़ाऊँ?” इस पर महायाजकों ने उत्तर दिया, “कैसर को छोड़कर हमारा कोई दूसरा राजा नहीं है।” फिर पिलातुस ने उसे क्रूस पर चढ़ाने के लिए उन्हें सौंप दिया। इस तरह उन्होंने यीशु को हिरासत में ले लिया। अपना क्रूस उठाये हुए वह उस स्थान पर गया जिसे, “खोपड़ी का स्थान” कहा जाता था। (इसे इब्रानी भाषा में “गुलगुता” कहते थे।) वहाँ से उन्होंने उसे दो अन्य के साथ क्रूस पर चढ़ाया। एक इधर, दूसरा उधर और बीच में यीशु। पिलातुस ने दोषपत्र क्रूस पर लगा दिया। इसमें लिखा था, “यीशु नासरी, यहूदियों का राजा।” बहुत से यहूदियों ने उस दोषपत्र को पढ़ा क्योंकि जहाँ यीशु को क्रूस पर चढ़ाया गया था, वह स्थान नगर के पास ही था। और वह ऐलान इब्रानी, यूनानी और लातीनी में लिखा था। तब प्रमुख यहूदी नेता पिलातुस से कहने लगे, “‘यहूदियों का राजा’ मत कहो। बल्कि कहो, ‘उसने कहा था कि मैं यहूदियों का राजा हूँ।’” पिलातुस ने उत्तर दिया, “मैंने जो लिख दिया, सो लिख दिया।”

योहन 19:1-22 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

तब पिलातुस ने येशु को ले जा कर कोड़े लगवाए। सैनिकों ने काँटों का मुकुट गूँथ कर उनके सिर पर रखा और उन्‍हें राजसी बैंगनी वस्‍त्र पहनाया। फिर वे उनके पास आकर कहने लगे, “यहूदियों के राजा, प्रणाम!” उन्‍होंने येशु को थप्‍पड़ मारे। पिलातुस फिर राजभवन के बाहर गया और लोगों से बोला, “देखो, मैं उसे तुम लोगों के सामने बाहर ला रहा हूँ, जिससे तुम यह जान लो कि मैं उसमें कोई दोष नहीं पाता।” तब येशु काँटों का मुकुट और राजसी बैंगनी वस्‍त्र पहने बाहर आए। पिलातुस ने लोगों से कहा, “देखो, यह मनुष्‍य!” महापुरोहित और सिपाही उन्‍हें देखते ही चिल्‍ला उठे, “इसे क्रूस पर चढ़ाओ! इसे क्रूस पर चढ़ाओ!” पिलातुस ने उन से कहा, “इसे तुम्‍हीं ले जाओ और क्रूस पर चढ़ाओ। मैं तो इस में कोई दोष नहीं पाता।” यहूदी धर्मगुरुओं ने उत्तर दिया, “हमारी एक व्‍यवस्‍था है और उस व्‍यवस्‍था के अनुसार यह प्राणदण्‍ड के योग्‍य है, क्‍योंकि यह स्‍वयं को परमेश्‍वर का पुत्र मानता है।” पिलातुस यह सुन कर और भी डर गया। उसने फिर राजभवन के अन्‍दर जा कर येशु से पुछा, “तुम कहाँ के हो?” किन्‍तु येशु ने उसे उत्तर नहीं दिया। इस पर पिलातुस ने उनसे कहा, “तुम मुझ से क्‍यों नहीं बोलते? क्‍या तुम यह नहीं जानते कि मुझे तुम को रिहा करने का अधिकार है और तुम को क्रूस पर चढ़ाने का भी अधिकार है?” येशु ने उत्तर दिया, “यदि आप को ऊपर से अधिकार न दिया गया होता, तो आपका मुझ पर कोई अधिकार नहीं होता। इसलिए जिसने मुझे आपके हाथ सौंपा है, उसका पाप अधिक है।” इस पर पिलातुस येशु को छोड़ देने का और भी प्रयत्‍न करने लगा। पर यहूदी धर्मगुरुओं ने चिल्‍लाकर कहा, “यदि आप इसे रिहा करते हैं, तो आप रोमन सम्राट के हितैषी नहीं हैं। जो अपने को राजा कहता है, वह सम्राट का विरोध करता है।” यह सुन कर पिलातुस ने येशु को बाहर ले आने का आदेश दिया। वह उस स्‍थान पर, जो “चबूतरा” और इब्रानी में “गब्‍बथा” कहलाता है, न्‍यायासन पर बैठ गया। पास्‍का (फसह) पर्व की तैयारी का दिन था। लगभग दोपहर का समय था। पिलातुस ने यहूदी धर्मगुरुओं से कहा, “यही है तुम्‍हारा राजा!” इस पर वे चिल्‍ला उठे, “इसे ले जाओ! इसे ले जाओ! इसे क्रूस पर चढ़ाओ!” पिलातुस ने उन से कहा, “क्‍या मैं तुम्‍हारे राजा को क्रूस पर चढ़ा दूँ?” महापुरोहितों ने उत्तर दिया, “रोमन सम्राट के अतिरिक्‍त हमारा कोई राजा नहीं है।” तब पिलातुस ने येशु को क्रूस पर चढ़ाने के लिए उनके हवाले कर दिया। वे येशु को ले चले। येशु अपना क्रूस उठाए हुए बाहर निकले, और उस स्‍थान को गए, जो “खोपड़ी” और इब्रानी में “गुलगुता” का स्‍थान कहलाता है। वहाँ उन्‍होंने येशु को और उनके साथ और दो व्यक्‍तियों को क्रूस पर चढ़ाया : एक को इस ओर, दूसरे को उस ओर और बीच में येशु को। पिलातुस ने एक दोषपत्र भी लिखवा कर क्रूस पर लगवा दिया। वह इस प्रकार था : “येशु नासरी, यहूदियों का राजा।” बहुत यहूदियों ने यह दोषपत्र पढ़ा; क्‍योंकि वह स्‍थान, जहाँ येशु क्रूस पर चढ़ाए गये थे, शहर के पास ही था और दोषपत्र इब्रानी, लातीनी और यूनानी भाषाओं में लिखा हुआ था। इसलिए यहूदी महापुरोहितों ने पिलातुस से कहा, “आप यह नहीं लिखिए : ‘यहूदियों का राजा’; बल्‍कि ‘इसने कहा था कि मैं यहूदियों का राजा हूँ’।” पिलातुस ने उत्तर दिया, “मैंने जो लिख दिया, वह लिख दिया।”

योहन 19:1-22 Hindi Holy Bible (HHBD)

इस पर पीलातुस ने यीशु को लेकर कोड़े लगवाए। और सिपाहियों ने कांटों का मुकुट गूंथकर उसके सिर पर रखा, और उसे बैंजनी वस्त्र पहिनाया। और उसके पास आ आकर कहने लगे, हे यहूदियों के राजा, प्रणाम! और उसे थप्पड़ भी मारे। तक पीलातुस ने फिर बाहर निकलकर लोगों से कहा, देखो, मैं उसे तुम्हारे पास फिर बाहर लाता हूं; ताकि तुम जानो कि मैं कुछ भी दोष नहीं पाता। तक यीशु कांटों का मुकुट और बैंजनी वस्त्र पहिने हुए बाहर निकला और पीलातुस ने उन से कहा, देखो, यह पुरूष। जब महायाजकों और प्यादों ने उसे देखा, तो चिल्लाकर कहा, कि उसे क्रूस पर चढ़ा, क्रूस पर: पीलातुस ने उन से कहा, तुम ही उसे लेकर क्रूस पर चढ़ाओ; क्योंकि मैं उस में दोष नहीं पाता। यहूदियों ने उस को उत्तर दिया, कि हमारी भी व्यवस्था है और उस व्यवस्था के अनुसार वह मारे जाने के योग्य है क्योंकि उस ने अपने आप को परमेश्वर का पुत्र बनाया। जब पीलातुस ने यह बात सुनी तो और भी डर गया। और फिर किले के भीतर गया और यीशु से कहा, तू कहां का है? परन्तु यीशु ने उसे कुछ भी उत्तर न दिया। पीलातुस ने उस से कहा, मुझ से क्यों नहीं बोलता? क्या तू नहीं जानता कि तुझे छोड़ देने का अधिकार मुझे है और तुझे क्रूस पर चढ़ाने का भी मुझे अधिकार है। यीशु ने उत्तर दिया, कि यदि तुझे ऊपर से न दिया जाता, तो तेरा मुझ पर कुछ अधिकार न होता; इसलिये जिस ने मुझे तेरे हाथ पकड़वाया है, उसका पाप अधिक है। इस से पीलातुस ने उसे छोड़ देना चाहा, परन्तु यहूदियों ने चिल्ला चिल्लाकर कहा, यदि तू इस को छोड़ देगा तो तेरी भक्ति कैसर की ओर नहीं; जो कोई अपने आप को राजा बनाता है वह कैसर का साम्हना करता है। ये बातें सुनकर पीलातुस यीशु को बाहर लाया और उस जगह एक चबूतरा था जो इब्रानी में गब्बता कहलाता है, और न्याय आसन पर बैठा। यह फसह की तैयारी का दिन था और छठे घंटे के लगभग था: तब उस ने यहूदियों से कहा, देखो, यही है, तुम्हारा राजा! परन्तु वे चिल्लाए कि ले जा! ले जा! उसे क्रूस पर चढ़ा: पीलातुस ने उन से कहा, क्या मैं तुम्हारे राजा को क्रूस पर चढ़ाऊं? महायाजकों ने उत्तर दिया, कि कैसर को छोड़ हमारा और कोई राजा नहीं। तब उस ने उसे उन के हाथ सौंप दिया ताकि वह क्रूस पर चढ़ाया जाए॥ तब वे यीशु को ले गए। और वह अपना क्रूस उठाए हुए उस स्थान तक बाहर गया, जो खोपड़ी का स्थान कहलाता है और इब्रानी में गुलगुता। वहां उन्होंने उसे और उसके साथ और दो मनुष्यों को क्रूस पर चढ़ाया, एक को इधर और एक को उधर, और बीच में यीशु को। और पीलातुस ने एक दोष-पत्र लिखकर क्रूस पर लगा दिया और उस में यह लिखा हुआ था, यीशु नासरी यहूदियों का राजा। यह दोष-पत्र बहुत यहूदियों ने पढ़ा क्योंकि वह स्थान जहां यीशु क्रूस पर चढ़ाया गया था नगर के पास था और पत्र इब्रानी और लतीनी और यूनानी में लिखा हुआ था। तब यहूदियों के महायाजकों ने पीलातुस से कहा, यहूदियों का राजा मत लिख परन्तु यह कि “उस ने कहा, मैं यहूदियों का राजा हूं”। पीलातुस ने उत्तर दिया, कि मैं ने जो लिख दिया, वह लिख दिया॥

योहन 19:1-22 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

इस पर पिलातुस ने यीशु को लेकर कोड़े लगवाए। और सिपाहियों ने काँटों का मुकुट गूँथकर उसके सिर पर रखा, और उसे बैंगनी ऊपरी वस्त्र पहनाया, और उसके पास आ आकर कहने लगे, “हे यहूदियों के राजा, प्रणाम!” और उसे थप्पड़ मारे। तब पिलातुस ने फिर बाहर निकलकर लोगों से कहा, “देखो, मैं उसे तुम्हारे पास फिर बाहर लाता हूँ; ताकि तुम जानो कि मैं उसमें कुछ भी दोष नहीं पाता।” तब यीशु काँटों का मुकुट और बैंगनी वस्त्र पहने हुए बाहर निकला और पिलातुस ने उनसे कहा, “देखो, यह पुरुष।” जब प्रधान याजकों और प्यादों ने उसे देखा, तो चिल्लाकर कहा, “उसे क्रूस पर चढ़ा, क्रूस पर!” पिलातुस ने उनसे कहा, “तुम ही उसे लेकर क्रूस पर चढ़ाओ; क्योंकि मैं उसमें दोष नहीं पाता।” यहूदियों ने उसको उत्तर दिया, “हमारी भी व्यवस्था है और उस व्यवस्था के अनुसार वह मारे जाने के योग्य है क्योंकि उसने अपने आपको परमेश्वर का पुत्र बताया।” (लैव्य. 24:16) जब पिलातुस ने यह बात सुनी तो और भी डर गया। और फिर किले के भीतर गया और यीशु से कहा, “तू कहाँ का है?” परन्तु यीशु ने उसे कुछ भी उत्तर न दिया। पिलातुस ने उससे कहा, “मुझसे क्यों नहीं बोलता? क्या तू नहीं जानता कि तुझे छोड़ देने का अधिकार मुझे है और तुझे क्रूस पर चढ़ाने का भी मुझे अधिकार है।” यीशु ने उत्तर दिया, “यदि तुझे ऊपर से न दिया जाता, तो तेरा मुझ पर कुछ अधिकार न होता; इसलिए जिसने मुझे तेरे हाथ पकड़वाया है, उसका पाप अधिक है।” इससे पिलातुस ने उसे छोड़ देना चाहा, परन्तु यहूदियों ने चिल्ला चिल्लाकर कहा, “यदि तू इसको छोड़ देगा तो तू कैसर का मित्र नहीं; जो कोई अपने आपको राजा बनाता है वह कैसर का सामना करता है।” ये बातें सुनकर पिलातुस यीशु को बाहर लाया और उस जगह एक चबूतरा था, जो इब्रानी में ‘गब्बता’ कहलाता है, और वहाँ न्याय आसन पर बैठा। यह फसह की तैयारी का दिन था और छठे घंटे के लगभग था: तब उसने यहूदियों से कहा, “देखो, यही है, तुम्हारा राजा!” परन्तु वे चिल्लाए, “ले जा! ले जा! उसे क्रूस पर चढ़ा!” पिलातुस ने उनसे कहा, “क्या मैं तुम्हारे राजा को क्रूस पर चढ़ाऊँ?” प्रधान याजकों ने उत्तर दिया, “कैसर को छोड़ हमारा और कोई राजा नहीं।” तब उसने उसे उनके हाथ सौंप दिया ताकि वह क्रूस पर चढ़ाया जाए। तब वे यीशु को ले गए। और वह अपना क्रूस उठाए हुए उस स्थान तक बाहर गया, जो ‘खोपड़ी का स्थान’ कहलाता है और इब्रानी में ‘गुलगुता’। वहाँ उन्होंने उसे और उसके साथ और दो मनुष्यों को क्रूस पर चढ़ाया, एक को इधर और एक को उधर, और बीच में यीशु को। और पिलातुस ने एक दोष-पत्र लिखकर क्रूस पर लगा दिया और उसमें यह लिखा हुआ था, “यीशु नासरी यहूदियों का राजा।” यह दोष-पत्र बहुत यहूदियों ने पढ़ा क्योंकि वह स्थान जहाँ यीशु क्रूस पर चढ़ाया गया था नगर के पास था और पत्र इब्रानी और लतीनी और यूनानी में लिखा हुआ था। तब यहूदियों के प्रधान याजकों ने पिलातुस से कहा, “‘यहूदियों का राजा’ मत लिख परन्तु यह कि ‘उसने कहा, मैं यहूदियों का राजा हूँ।’” पिलातुस ने उत्तर दिया, “मैंने जो लिख दिया, वह लिख दिया।”

योहन 19:1-22 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

इसलिये पिलातॉस ने मसीह येशु को भीतर ले जाकर उन्हें कोड़े लगवाए. सैनिकों ने कांटों का एक मुकुट गूंथकर उनके सिर पर रखा और उनके ऊपर एक बैंगनी वस्त्र डाल दिया और वे एक-एक कर उनके सामने आकर उनके मुख पर प्रहार करते हुए कहने लगे, “यहूदियों के राजा की जय!” पिलातॉस ने दोबारा आकर भीड़ से कहा, “देखो, मैं उसे तुम्हारे लिए बाहर ला रहा हूं कि तुम जान लो कि मुझे उसमें कोई दोष नहीं मिला.” तब कांटों का मुकुट व बैंगनी वस्त्र धारण किए हुए मसीह येशु को बाहर लाया गया और पिलातॉस ने लोगों से कहा, “देखो, इसे!” जब प्रधान पुरोहितों और सेवकों ने मसीह येशु को देखा तो चिल्लाकर कहने लगे, “क्रूसदंड! क्रूसदंड!” पिलातॉस ने उनसे कहा, “इसे ले जाओ और तुम ही दो इसे मृत्यु दंड क्योंकि मुझे तो इसमें कोई दोष नहीं मिला.” यहूदी अगुओं ने उत्तर दिया, “हमारा एक नियम है. उस नियम के अनुसार इस व्यक्ति को मृत्यु दंड ही मिलना चाहिए क्योंकि यह स्वयं को परमेश्वर का पुत्र बताता है.” जब पिलातॉस ने यह सुना तो वह और अधिक भयभीत हो गया. तब उसने दोबारा राजमहल में जाकर मसीह येशु से पूछा, “तुम कहां के हो?” किंतु मसीह येशु ने उसे कोई उत्तर नहीं दिया. इसलिये पिलातॉस ने उनसे कहा, “तुम बोलते क्यों नहीं? क्या तुम नहीं जानते कि मुझे यह अधिकार है कि मैं तुम्हें मुक्त कर दूं और यह भी कि तुम्हें मृत्यु दंड दूं?” मसीह येशु ने उत्तर दिया, “आपका मुझ पर कोई अधिकार न होता यदि वह आपको ऊपर से न दिया गया होता. अत्यंत नीच है उसका पाप, जिसने मुझे आपके हाथ सौंपा है.” परिणामस्वरूप पिलातॉस ने उन्हें मुक्त करने के यत्न किए किंतु यहूदी अगुओं ने चिल्ला-चिल्लाकर कहा, “यदि आपने इस व्यक्ति को मुक्त किया तो आप कयसर के मित्र नहीं हैं. हर एक, जो स्वयं को राजा दर्शाता है, वह कयसर का विरोधी है.” ये सब सुनकर पिलातॉस मसीह येशु को बाहर लाया और न्याय आसन पर बैठ गया, जो उस स्थान पर था, (जिसे इब्री भाषा में गब्बथा अर्थात् चबूतरा कहा जाता है). यह फ़सह की तैयारी के दिन का छठा घंटा था. पिलातॉस ने यहूदी अगुओं से कहा. “यह लो, तुम्हारा राजा.” इस पर वे चिल्लाने लगे, “इसे यहां से ले जाओ! ले जाओ इसे यहां से और मृत्यु दंड दो!” पिलातॉस ने उनसे पूछा, “क्या मैं तुम्हारे राजा को मृत्यु दंड दूं?” प्रधान पुरोहितों ने कहा, “कयसर के अतिरिक्त हमारा कोई राजा नहीं है.” तब पिलातॉस ने क्रूस-मृत्युदंड के लिए मसीह येशु को उनके हाथ सौंप दिया. तब सैनिक मसीह येशु को उस स्थान से ले गए. मसीह येशु अपना क्रूस स्वयं उठाए हुए, उस जगह गये जो इब्री भाषा में गोलगोथा कहलाता है, जिसका अर्थ है खोपड़ी का स्थान. वहां उन्होंने मसीह येशु को अन्य दो व्यक्तियों के साथ उनके मध्य क्रूस पर चढ़ाया. पिलातॉस ने एक पटल पर लिखकर क्रूस पर लगवा दिया. नाज़रेथ का येशु, यहूदियों का राजा. यह अनेक यहूदियों ने पढ़ा क्योंकि मसीह येशु को क्रूस पर चढ़ाए जाने का स्थान नगर के समीप ही था. यह इब्री, लातीनी और यूनानी भाषाओं में लिखा था. इस पर यहूदियों के प्रधान पुरोहितों ने पिलातॉस से कहा, “यहूदियों का राजा मत लिखिए परंतु वह लिखिए, जो उसने कहा था: ‘मैं यहूदियों का राजा हूं.’ ” पिलातॉस ने उत्तर दिया, “अब मैंने जो लिख दिया, वह लिख दिया.”

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