यूहन्ना 19:1-22

यूहन्ना 19:1-22 HINOVBSI

इस पर पिलातुस ने यीशु को कोड़े लगवाए। सिपाहियों ने काँटों का मुकुट गूँथकर उसके सिर पर रखा, और उसे बैंजनी वस्त्र पहिनाया, और उसके पास आ–आकर कहने लगे, “हे यहूदियों के राजा, प्रणाम!” और उसे थप्पड़ भी मारे। तब पिलातुस ने फिर बाहर निकलकर लोगों से कहा, “देखो, मैं उसे तुम्हारे पास फिर बाहर लाता हूँ; ताकि तुम जानो कि मैं उसमें कुछ भी दोष नहीं पाता।” तब यीशु काँटों का मुकुट और बैंजनी वस्त्र पहिने हुए बाहर निकला; और पिलातुस ने उनसे कहा, “देखो, यह पुरुष!” जब प्रधान याजकों और प्यादों ने उसे देखा, तो चिल्‍लाकर कहा, “उसे क्रूस पर चढ़ा, क्रूस पर!” पिलातुस ने उनसे कहा, “तुम ही उसे लेकर क्रूस पर चढ़ाओ, क्योंकि मैं उसमें कोई दोष नहीं पाता।” यहूदियों ने उसको उत्तर दिया, “हमारी भी व्यवस्था है और उस व्यवस्था के अनुसार वह मारे जाने के योग्य है, क्योंकि उसने अपने आप को परमेश्‍वर का पुत्र बनाया।” जब पिलातुस ने यह बात सुनी तो और भी डर गया, और फिर किले के भीतर गया और यीशु से कहा, “तू कहाँ का है?” परन्तु यीशु ने उसे कुछ भी उत्तर न दिया। इस पर पिलातुस ने उससे कहा, “मुझ से क्यों नहीं बोलता? क्या तू नहीं जानता कि तुझे छोड़ देने का अधिकार मुझे है और तुझे क्रूस पर चढ़ाने का भी मुझे अधिकार है?” यीशु ने उत्तर दिया, “यदि तुझे ऊपर से न दिया जाता, तो तेरा मुझ पर कुछ अधिकार न होता; इसलिये जिसने मुझे तेरे हाथ पकड़वाया है उसका पाप अधिक है।” इस पर पिलातुस ने उसे छोड़ देना चाहा, परन्तु यहूदियों ने चिल्‍ला–चिल्‍लाकर कहा, “यदि तू इस को छोड़ देगा, तो तेरी भक्‍ति कैसर की ओर नहीं। जो कोई अपने आप को राजा बनाता है वह कैसर का सामना करता है।” ये बातें सुनकर पिलातुस यीशु को बाहर लाया और उस जगह एक चबूतरा था जो इब्रानी में ‘गब्बता’ कहलाता है, और वहाँ न्याय–आसन पर बैठा। यह फसह की तैयारी का दिन था, और छठे घंटे के लगभग था। तब उसने यहूदियों से कहा, “देखो तुम्हारा राजा!” परन्तु वे चिल्‍लाए, “ले जा! ले जा! उसे क्रूस पर चढ़ा!” पिलातुस ने उनसे कहा, “क्या मैं तुम्हारे राजा को क्रूस पर चढ़ाऊँ?” प्रधान याजकों ने उत्तर दिया, “कैसर को छोड़ हमारा और कोई राजा नहीं।” तब उसने उसे उनके हाथ सौंप दिया ताकि वह क्रूस पर चढ़ाया जाए। तब वे यीशु को ले गए, और वह अपना क्रूस उठाए हुए उस स्थान तक बाहर गया, जो ‘खोपड़ी का स्थान’ कहलाता है और इब्रानी में ‘गुलगुता’। वहाँ उन्होंने उसे और उसके साथ और दो मनुष्यों को क्रूस पर चढ़ाया, एक को इधर और एक को उधर, और बीच में यीशु को। पिलातुस ने एक दोष–पत्र लिखकर क्रूस पर लगा दिया, और उसमें यह लिखा हुआ था, “यीशु नासरी, यहूदियों का राजा।” यह दोष–पत्र बहुत से यहूदियों ने पढ़ा, क्योंकि वह स्थान जहाँ यीशु क्रूस पर चढ़ाया गया था नगर के पास था; और पत्र इब्रानी और लतीनी और यूनानी में लिखा हुआ था। तब यहूदियों के प्रधान याजकों ने पिलातुस से कहा, “ ‘यहूदियों का राजा’ मत लिख परन्तु यह कि ‘उसने कहा, मैं यहूदियों का राजा हूँ’।” पिलातुस ने उत्तर दिया, “मैं ने जो लिख दिया, वह लिख दिया।”

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