योहन 12:1-26

योहन 12:1-26 पवित्र बाइबल (HERV)

फ़सह पर्व से छह दिन पहले यीशु बैतनिय्याह को रवाना हो गया। वहीं लाज़र रहता था जिसे यीशु ने मृतकों में से जीवित किया था। वहाँ यीशु के लिये उन्होंने भोजन तैयार किया। मारथा ने उसे परोसा। यीशु के साथ भोजन के लिये जो बैठे थे लाज़र भी उनमें एक था। मरियम ने जटामाँसी से तैयार किया हुआ कोई आधा लीटर बहुमूल्य इत्र यीशु के पैरों पर लगाया और फिर अपने केशों से उसके चरणों को पोंछा। सारा घर सुगंध से महक उठा। उसके शिष्यों में से एक यहूदा इस्करियोती ने, जो उसे धोखा देने वाला था कहा, “इस इत्र को तीन सौ चाँदी के सिक्कों में बेचकर धन गरीबों को क्यों नहीं दे दिया गया?” उसने यह बात इसलिये नहीं कही थी कि उसे गरीबों की बहुत चिन्ता थी बल्कि वह तो स्वयं एक चोर था। और रूपयों की थैली उसी के पास रहती थी। उसमें जो डाला जाता उसे वह चुरा लेता था। तब यीशु ने कहा, “रहने दो। उसे रोको मत। उसने मेरे गाड़े जाने की तैयारी में यह सब किया है। गरीब लोग सदा तुम्हारे पास रहेंगे पर मैं सदा तुम्हारे साथ नहीं रहूँगा।” फ़सह पर्व पर आयी यहूदियों की भारी भीड़ को जब यह पता चला कि यीशु वहीं बैतनिय्याह में है तो वह उससे मिलने आयी। न केवल उससे बल्कि वह उस लाज़र को देखने के लिये भी आयी थी जिसे यीशु ने मरने के बाद फिर जीवित कर दिया था। इसलिये महायाजकों ने लाज़र को भी मारने की योजना बनायी। क्योंकि उसी के कारण बहुत से यहूदी अपने नेताओं को छोड़कर यीशु में विश्वास करने लगे थे। अगले दिन फ़सह पर्व पर आई भीड़ ने जब यह सुना कि यीशु यरूशलेम में आ रहा है तो लोग खजूर की टहनियाँ लेकर उससे मिलने चल पड़े। वे पुकार रहे थे, “‘होशन्ना!’ ‘धन्य है वह जो प्रभु के नाम से आता है!’ वह जो इस्राएल का राजा है!” तब यीशु को एक गधा मिला और वह उस पर सवार हो गया। जैसा कि धर्मशास्त्र में लिखा है: “सिय्योन के लोगों, डरो मत! देखो! तुम्हारा राजा गधे के बछेरे पर बैठा आ रहा है।” पहले तो उसके अनुयायी इसे समझे ही नहीं किन्तु जब यीशु की महिमा प्रकट हुई तो उन्हें याद आया कि शास्त्र में ये बातें उसके बारे में लिखी हुई थीं—और लोगों ने उसके साथ ऐसा व्यवहार किया था। उसके साथ जो भीड़ थी उसने यह साक्षी दी कि उसने लाज़र की कब्र से पुकार कर मरे हुओं में से पुनर्जीवित किया। लोग उससे मिलने इसलिए आये थे कि उन्होंने सुना था कि यह वही है जिसने वह आश्चर्यकर्म किया है। तब फ़रीसी आपस में कहने लगे, “सोचो तुम लोग कुछ नहीं कर पा रहे हो, देखो सारा जगत उसके पीछे हो लिया है।” फ़सह पर्व पर जो आराधना करने आये थे उनमें से कुछ यूनानी थे। वे गलील में बैतसैदा के निवासी फिलिप्पुस के पास गये और उससे विनती करते हुए कहने लगे, “महोदय, हम यीशु के दर्शन करना चाहते हैं।” तब फिलिप्पुस ने अन्द्रियास को आकर बताया। फिर अन्द्रियास और फिलिप्पुस ने यीशु के पास आकर कहा। यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मानव-पुत्र के महिमावान होने का समय आ गया है। मैं तुमसे सत्य कहता हूँ कि जब तक गेहूँ का एक दाना धरती पर गिर कर मर नहीं जाता, तब तक वह एक ही रहता है। पर जब वह मर जाता है तो अनगिनत दानों को जन्म देता है। जिसे अपना जीवन प्रिय है, वह उसे खो देगा किन्तु वह, जिसे इस संसार में अपने जीवन से प्रेम नहीं है, उसे अनन्त जीवन के लिये रखेगा। यदि कोई मेरी सेवा करता है तो वह निश्चय ही मेरा अनुसरण करे और जहाँ मैं हूँ, वहीं मेरा सेवक भी रहेगा। यदि कोई मेरी सेवा करता है तो परम पिता उसका आदर करेगा।

योहन 12:1-26 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

पास्‍का (फसह) पर्व के छ: दिन पहले येशु बेतनियाह गाँव में आए। वहाँ लाजर रहता था, जिसे उन्‍होंने मृतकों में से पुनर्जीवित किया था। लोगों ने वहाँ येशु के सम्‍मान में एक भोज का आयोजन किया। मार्था परोस रही थी। येशु के साथ भोजन करने वालों में लाजर भी था। मरियम ने तीन सौ ग्राम असली जटामांसी का बहुमूल्‍य इत्र ले कर येशु के चरणों का विलेपन किया और अपने केशों से उनके चरण पोंछे। इत्र की सुगन्‍ध से सारा घर महक उठा। इस पर येशु का एक शिष्‍य, यूदस इस्‍करियोती, जो उनके साथ विश्‍वासघात करने वाला था, यह बोला, “यह इत्र तीन सौ चाँदी के सिक्‍कों में बेच कर इस से प्राप्‍त धन गरीबों में क्‍यों नहीं बाँटा गया?” उसने यह इसलिए नहीं कहा कि उसे गरीबों की चिन्‍ता थी, बल्‍कि इसलिए कि वह चोर था। उसके पास थैली रहती थी और उस में जो डाला जाता था, वह उसे निकाल लेता था। येशु ने कहा, “इसे छोड़ दो। इसे यह कार्य मेरे गाड़े जाने के दिन के लिए करने दो। गरीब तो सदा तुम्‍हारे साथ रहेंगे, किन्‍तु मैं सदा तुम्‍हारे साथ नहीं रहूँगा।” यहूदा प्रदेश के एक विशाल जनसमूह को पता चला कि येशु वहाँ हैं। वे येशु के कारण ही नहीं, बल्‍कि उस लाजर को भी देखने आये, जिसे येशु ने मृतकों में से पुनर्जीवित किया था। महापुरोहितों ने लाजर को भी मार डालने का निश्‍चय किया, क्‍योंकि उसके कारण अनेक लोग उनसे अलग हो गए और येशु पर विश्‍वास करने लगे। दूसरे दिन, पर्व के लिए आए हुए विशाल जनसमूह ने सुना कि येशु यरूशलेम आ रहे हैं। इसलिए वे खजूर की डालियाँ लिये उनका स्‍वागत करने निकले। वे यह नारा लगा रहे थे, “जय हो! जय हो! धन्‍य है वह, जो प्रभु के नाम पर आता है! धन्‍य है, इस्राएल का राजा!” येशु को गदही का बछेरू मिला और वह उस पर सवार हो गये, जैसा कि धर्मग्रन्‍थ में लिखा है : “सियोन नगर! नहीं डरना! देख, तेरा राजा, गदही के बछेरू पर सवार हो कर, तेरे पास आ रहा है।” येशु के शिष्‍य पहले यह नहीं समझे थे, परन्‍तु येशु के महिमान्‍वित हो जाने के पश्‍चात् उन्‍हें याद आया कि यह उनके विषय में लिखा हुआ था और लोगों ने उनके साथ ऐसा ही किया था। जब येशु ने लाजर को कबर से बाहर बुला कर मृतकों में से जिलाया था, उस समय जो लोग उनके साथ थे, वे उस घटना की साक्षी दे रहे थे। इसलिए बहुत लोग येशु का स्‍वागत करने निकले थे । उन्‍होंने सुना था कि येशु ने यह आश्‍चर्यपूर्ण चिह्‍न दिखाया था। यह सब देख कर फरीसियों ने एक दूसरे से कहा, “देख रहे हो न, तुमसे कुछ नहीं हो सका। देखो, सारा संसार उस के पीछे चल पड़ा है।” जो लोग पर्व के अवसर पर आराधना करने आए थे, उनमें कुछ यूनानी थे। उन्‍होंने फिलिप के पास आ कर यह निवेदन किया, “महाशय! हम येशु से मिलना चाहते हैं।” फिलिप गलील प्रदेश के बेतसैदा नगर का निवासी था। वह गया और उसने अन्‍द्रेयास को यह बताया। तब अन्‍द्रेयास तथा फिलिप गये और उन्‍होंने येशु को इसकी सूचना दी। येशु ने उनसे कहा, “वह समय आ गया है, जब मानव-पुत्र महिमान्‍वित किया जाएगा। मैं तुम से सच-सच कहता हूँ− जब तक गेहूँ का दाना मिट्टी में गिर कर नहीं मर जाता, तब तक वह अकेला ही रहता है; परन्‍तु यदि वह मर जाता है, तो बहुत फल देता है। जो अपने प्राण को प्‍यार करता है, वह उसको नष्‍ट करता है और जो इस संसार में अपने प्राण से बैर करता है, वह उसे शाश्‍वत जीवन के लिए सुरक्षित रखता है। यदि कोई मेरी सेवा करना चाहता है, तो वह मेरा अनुसरण करे। जहाँ मैं हूँ, वहीं मेरा सेवक भी होगा। यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका सम्‍मान करेगा।

योहन 12:1-26 Hindi Holy Bible (HHBD)

फिर यीशु फतह से छ: दिन पहिले बैतनिय्याह में आया, जहां लाजर था: जिसे यीशु ने मरे हुओं में से जिलाया था। वहां उन्होंने उसके लिये भोजन तैयार किया, और मारथा सेवा कर रही थी, और लाजर उन में से एक था, जो उसके साथ भोजन करने के लिये बैठे थे। तब मरियम ने जटामासी का आध सेर बहुमूल्य इत्र लेकर यीशु के पावों पर डाला, और अपने बालों से उसके पांव पोंछे, और इत्र की सुगंध से घर सुगन्धित हो गया। परन्तु उसके चेलों में से यहूदा इस्करियोती नाम एक चेला जो उसे पकड़वाने पर था, कहने लगा। यह इत्र तीन सौ दीनार में बेचकर कंगालों को क्यों न दिया गया? उस ने यह बात इसलिये न कही, कि उसे कंगालों की चिन्ता थी, परन्तु इसलिये कि वह चोर था और उसके पास उन की थैली रहती थी, और उस में जो कुछ डाला जाता था, वह निकाल लेता था। यीशु ने कहा, उसे मेरे गाड़े जाने के दिन के लिये रहने दे। क्योंकि कंगाल तो तुम्हारे साथ सदा रहते हैं, परन्तु मैं तुम्हारे साथ सदा न रहूंगा॥ यहूदियों में से साधारण लोग जान गए, कि वह वहां है, और वे न केवल यीशु के कारण आए परन्तु इसलिये भी कि लाजर को देंखें, जिसे उस ने मरे हुओं में से जिलाया था। तब महायाजकों ने लाजर को भी मार डालने की सम्मति की। क्योंकि उसके कारण बहुत से यहूदी चले गए, और यीशु पर विश्वास किया॥ दूसरे दिन बहुत से लोगों ने जो पर्व में आए थे, यह सुनकर, कि यीशु यरूशलेम में आता है। खजूर की, डालियां लीं, और उस से भेंट करने को निकले, और पुकारने लगे, कि होशाना, धन्य इस्त्राएल का राजा, जो प्रभु के नाम से आता है। जब यीशु को एक गदहे का बच्चा मिला, तो उस पर बैठा। जैसा लिखा है, कि हे सिय्योन की बेटी, मत डर, देख, तेरा राजा गदहे के बच्चा पर चढ़ा हुआ चला आता है। उसके चेले, ये बातें पहिले न समझे थे; परन्तु जब यीशु की महिमा प्रगट हुई, तो उन को स्मरण आया, कि ये बातें उसके विषय में लिखी हुई थीं; और लोगों ने उस से इस प्रकार का व्यवहार किया था। तब भीड़ के लोगों ने जो उस समय उसके साथ थे यह गवाही दी कि उस ने लाजर को कब्र में से बुलाकर, मरे हुओं में से जिलाया था। इसी कारण लोग उस से भेंट करने को आए थे क्योंकि उन्होंने सुना था, कि उस ने यह आश्चर्यकर्म दिखाया है। तब फरीसियों ने आपस में कहा, सोचो तो सही कि तुम से कुछ नहीं बन पड़ता: देखो, संसार उसके पीछे हो चला है॥ जो लोग उस पर्व में भजन करने आए थे उन में से कई यूनानी थे। उन्होंने गलील के बैतसैदा के रहने वाले फिलेप्पुस के पास आकर उस से बिनती की, कि श्रीमान् हम यीशु से भेंट करना चाहते हैं। फिलेप्पुस ने आकर अन्द्रियास से कहा; तब अन्द्रियास और फिलेप्पुस ने यीशु से कहा। इस पर यीशु ने उन से कहा, वह समय आ गया है, कि मनुष्य के पुत्र कि महिमा हो। मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जब तक गेहूं का दाना भूमि में पड़कर मर नहीं जाता, वह अकेला रहता है परन्तु जब मर जाता है, तो बहुत फल लाता है। जो अपने प्राण को प्रिय जानता है, वह उसे खो देता है; और जो इस जगत में अपने प्राण को अप्रिय जानता है; वह अनन्त जीवन के लिये उस की रक्षा करेगा। यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहां मैं हूं वहां मेरा सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा।

योहन 12:1-26 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

यीशु फसह से छ: दिन पहले बैतनिय्याह में आया जहाँ लाज़र था, जिसे यीशु ने मरे हुओं में से जिलाया था। वहाँ उन्होंने उसके लिये भोजन तैयार किया; और मार्था सेवा कर रही थी, और लाज़र उनमें से एक था जो उसके साथ भोजन करने के लिये बैठे थे। तब मरियम ने जटामांसी का आधा सेर बहुमूल्य इत्र लेकर यीशु के पाँवों पर डाला, और अपने बालों से उसके पाँव पोंछे; और इत्र की सुगंध से घर सुगन्धित हो गया। परन्तु उसके चेलों में से यहूदा इस्करियोती नामक एक चेला जो उसे पकड़वाने पर था, कहने लगा, “यह इत्र तीन सौ दीनार में बेचकर कंगालों को क्यों न दिया गया?” उसने यह बात इसलिये नहीं कही कि उसे कंगालों की चिन्ता थी परन्तु इसलिये कि वह चोर था, और उसके पास उनकी थैली रहती थी और उसमें जो कुछ डाला जाता था, वह निकाल लेता था। यीशु ने कहा, “उसे रहने दो। उसे यह मेरे गाड़े जाने के दिन के लिये रखने दो। क्योंकि कंगाल तो तुम्हारे साथ सदा रहते हैं, परन्तु मैं तुम्हारे साथ सदा नहीं रहूँगा।” जब यहूदियों की बड़ी भीड़ जान गई कि वह वहाँ है, तो वे न केवल यीशु के कारण आए परन्तु इसलिये भी कि लाज़र को देखें, जिसे उसने मरे हुओं में से जिलाया था। तब प्रधान याजकों ने लाज़र को भी मार डालने का षड्‍यन्त्र रचा। क्योंकि उसके कारण बहुत से यहूदी चले गए और यीशु पर विश्‍वास किया। दूसरे दिन बहुत से लोगों ने जो पर्व में आए थे यह सुना कि यीशु यरूशलेम में आ रहा है। इसलिये उन्होंने खजूर की डालियाँ लीं और उससे भेंट करने को निकले, और पुकारने लगे, “होशाना! धन्य इस्राएल का राजा, जो प्रभु के नाम से आता है।” जब यीशु को गदहे का एक बच्‍चा मिला; तो वह उस पर बैठ गया, जैसा लिखा है, “हे सिय्योन की बेटी, मत डर; देख, तेरा राजा गदहे के बच्‍चे पर चढ़ा हुआ चला आता है।” उसके चेले ये बातें पहले न समझे थे, परन्तु जब यीशु की महिमा प्रगट हुई तो उनको स्मरण आया कि ये बातें उसके विषय में लिखी हुई थीं और लोगों ने उससे इसी प्रकार का व्यवहार किया था। तब भीड़ के उन लोगों ने गवाही दी, जो उस समय उसके साथ थे जब उसने लाज़र को कब्र में से बुलाकर मरे हुओं में से जिलाया था। इसी कारण लोग उससे भेंट करने को आए थे क्योंकि उन्होंने सुना था कि उसने यह आश्‍चर्यकर्म दिखाया है। तब फरीसियों ने आपस में कहा, “सोचो तो सही कि तुम से कुछ नहीं बन पड़ता। देखो, संसार उसके पीछे हो चला है।” जो लोग उस पर्व में आराधना करने आए थे उनमें से कुछ यूनानी थे। उन्होंने गलील के बैतसैदा के रहनेवाले फिलिप्पुस के पास आकर उससे विनती की, “श्रीमान्, हम यीशु से भेंट करना चाहते हैं।” फिलिप्पुस ने आकर अन्द्रियास से कहा, तब अन्द्रियास और फिलिप्पुस ने जाकर यीशु से कहा। इस पर यीशु ने उनसे कहा, “वह समय आ गया है कि मनुष्य के पुत्र की महिमा हो। मैं तुम से सच सच कहता हूँ कि जब तक गेहूँ का दाना भूमि में पड़कर मर नहीं जाता, वह अकेला रहता है; परन्तु जब मर जाता है, तो बहुत फल लाता है। जो अपने प्राण को प्रिय जानता है, वह उसे खो देता है; और जो इस जगत में अपने प्राण को अप्रिय जानता है, वह अनन्त जीवन के लिये उस की रक्षा करेगा। यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहाँ मैं हूँ, वहाँ मेरा सेवक भी होगा। यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा।

योहन 12:1-26 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

फिर यीशु फसह से छः दिन पहले बैतनिय्याह में आया, जहाँ लाज़र था; जिसे यीशु ने मरे हुओं में से जिलाया था। वहाँ उन्होंने उसके लिये भोजन तैयार किया, और मार्था सेवा कर रही थी, और लाज़र उनमें से एक था, जो उसके साथ भोजन करने के लिये बैठे थे। तब मरियम ने जटामासी का आधा सेर बहुमूल्य इत्र लेकर यीशु के पाँवों पर डाला, और अपने बालों से उसके पाँव पोंछे, और इत्र की सुगन्ध से घर सुगन्धित हो गया। परन्तु उसके चेलों में से यहूदा इस्करियोती नामक एक चेला जो उसे पकड़वाने पर था, कहने लगा, “यह इत्र तीन सौ दीनार में बेचकर गरीबों को क्यों न दिया गया?” उसने यह बात इसलिए न कही, कि उसे गरीबों की चिन्ता थी, परन्तु इसलिए कि वह चोर था और उसके पास उनकी थैली रहती थी, और उसमें जो कुछ डाला जाता था, वह निकाल लेता था। यीशु ने कहा, “उसे मेरे गाड़े जाने के दिन के लिये रहने दे। क्योंकि गरीब तो तुम्हारे साथ सदा रहते हैं, परन्तु मैं तुम्हारे साथ सदा न रहूँगा।” (मर. 14:7) यहूदियों में से साधारण लोग जान गए, कि वह वहाँ है, और वे न केवल यीशु के कारण आए परन्तु इसलिए भी कि लाज़र को देखें, जिसे उसने मरे हुओं में से जिलाया था। तब प्रधान याजकों ने लाज़र को भी मार डालने की सम्मति की। क्योंकि उसके कारण बहुत से यहूदी चले गए, और यीशु पर विश्वास किया। दूसरे दिन बहुत से लोगों ने जो पर्व में आए थे, यह सुनकर, कि यीशु यरूशलेम में आ रहा है। उन्होंने खजूर की डालियाँ लीं, और उससे भेंट करने को निकले, और पुकारने लगे, “होशाना! धन्य इस्राएल का राजा, जो प्रभु के नाम से आता है।” (भज. 118:25,26) जब यीशु को एक गदहे का बच्चा मिला, तो वह उस पर बैठा, जैसा लिखा है, “हे सिय्योन की बेटी, मत डर; देख, तेरा राजा गदहे के बच्चे पर चढ़ा हुआ चला आता है।” उसके चेले, ये बातें पहले न समझे थे; परन्तु जब यीशु की महिमा प्रगट हुई, तो उनको स्मरण आया, कि ये बातें उसके विषय में लिखी हुई थीं; और लोगों ने उससे इस प्रकार का व्यवहार किया था। तब भीड़ के लोगों ने जो उस समय उसके साथ थे यह गवाही दी कि उसने लाज़र को कब्र में से बुलाकर, मरे हुओं में से जिलाया था। इसी कारण लोग उससे भेंट करने को आए थे क्योंकि उन्होंने सुना था, कि उसने यह आश्चर्यकर्म दिखाया है। तब फरीसियों ने आपस में कहा, “सोचो, तुम लोग कुछ नहीं कर पा रहे हो; देखो, संसार उसके पीछे हो चला है।” जो लोग उस पर्व में आराधना करने आए थे उनमें से कई यूनानी थे। उन्होंने गलील के बैतसैदा के रहनेवाले फिलिप्पुस के पास आकर उससे विनती की, “श्रीमान हम यीशु से भेंट करना चाहते हैं।” फिलिप्पुस ने आकर अन्द्रियास से कहा; तब अन्द्रियास और फिलिप्पुस ने यीशु से कहा। इस पर यीशु ने उनसे कहा, “वह समय आ गया है, कि मनुष्य के पुत्र कि महिमा हो। मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, कि जब तक गेहूँ का दाना भूमि में पड़कर मर नहीं जाता, वह अकेला रहता है परन्तु जब मर जाता है, तो बहुत फल लाता है। जो अपने प्राण को प्रिय जानता है, वह उसे खो देता है; और जो इस जगत में अपने प्राण को अप्रिय जानता है; वह अनन्त जीवन के लिये उसकी रक्षा करेगा। यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहाँ मैं हूँ वहाँ मेरा सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा।

योहन 12:1-26 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

फ़सह के पर्व से छः दिन पूर्व मसीह येशु लाज़रॉस के नगर बैथनियाह आए, जहां उन्होंने उसे मरे हुओं में से जीवित किया था. वहां उनके लिए भोज का आयोजन किया गया था. मार्था भोजन परोस रही थी और मसीह येशु के साथ भोज में सम्मिलित लोगों में लाज़रॉस भी था. वहां मरियम ने जटामांसी के लगभग तीन सौ मिलीलीटर कीमती और शुद्ध सुगंध द्रव्य मसीह येशु के चरणों पर मला और उन्हें अपने केशों से पोंछा. सारा घर इससे सुगंधित हो गया. इस पर उनका एक शिष्य—कारियोतवासी यहूदाह, जो उनके साथ धोखा करने पर था, कहने लगा, “यह सुगंध द्रव्य गरीबों के लिये तीन सौ दीनार में क्यों नहीं बेचा गया?” यह उसने इसलिये नहीं कहा था कि वह गरीबों की चिंता करता था, परंतु इसलिये कि वह चोर था; धनराशि रखने की ज़िम्मेदारी उसकी थी, जिसमें से वह धन चोरी करता था. मसीह येशु ने कहा, “उसे यह करने दो, यह मेरे अंतिम संस्कार की तैयारी के लिए है. गरीब तुम्हारे साथ हमेशा रहेंगे किंतु मैं तुम्हारे साथ हमेशा नहीं रहूंगा.” यह मालूम होने पर कि मसीह येशु वहां हैं, बड़ी संख्या में यहूदी अगुएं इस उद्देश्य से आये कि केवल मसीह येशु को नहीं, परंतु लाज़रॉस को भी देखें जिसे मसीह येशु ने मरे हुओं में से जीवित किया था. परिणामस्वरूप, प्रधान पुरोहित लाज़रॉस की भी हत्या की योजना करने लगे, क्योंकि लाज़रॉस के कारण अनेक यहूदी उन्हें छोड़ मसीह येशु में विश्वास करने लगे थे. अगले दिन पर्व में आए विशाल भीड़ ने सुना कि मसीह येशु येरूशलेम आ रहे हैं. वे सब खजूर के वृक्षों की डालियां लेकर मसीह येशु से मिलने निकल पड़े और ऊंचे शब्द में जय जयकार करने लगे. “होशान्‍ना!” “धन्य हैं वह, जो प्रभु के नाम में आ रहे हैं!” “धन्य हैं इस्राएल के राजा!” वहां मसीह येशु गधे के एक बच्‍चे पर बैठ गए—वैसे ही जैसा कि पवित्र शास्त्र का लेख है: “ज़ियोन की पुत्री, भयभीत न हो! देखो, तुम्हारा राजा गधे पर बैठा हुआ आ रहा है.” उनके शिष्य उस समय तो यह नहीं समझे किंतु जब मसीह येशु की महिमा हुई तो उन्हें याद आया कि पवित्र शास्त्र में यह सब उन्हीं के विषय में लिखा गया था और भीड़ ने सब कुछ वचन के अनुसार ही किया था. वे सब, जिन्होंने मसीह येशु के द्वारा लाज़रॉस को कब्र से बाहर बुलाए जाते तथा मरे हुओं में से दोबारा जीवित किए जाते देखा था, उनकी गवाही दे रहे थे. भीड़ का उन्हें देखने के लिए आने का एक कारण यह भी था कि वे मसीह येशु के इस अद्भुत चिह्न के विषय में सुन चुके थे. यह सब जानकर फ़रीसी आपस में कहने लगे, “तुमसे कुछ भी नहीं हो पा रहा है. देखो, सारा संसार उसके पीछे हो लिया है!” पर्व की आराधना में सम्मिलित होने आए लोगों में कुछ यूनानी भी थे. उन्होंने गलील प्रदेश के बैथसैदावासी फ़िलिप्पॉस से विनती की, “श्रीमान! हम मसीह येशु से भेंट करना चाहते हैं.” फ़िलिप्पॉस ने आन्द्रेयास को यह सूचना दी और उन दोनों ने जाकर मसीह येशु को. यह सुनकर मसीह येशु ने उनसे कहा, “मनुष्य के पुत्र के गौरवान्वित होने का समय आ गया है. मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: जब तक बीज भूमि में पड़कर मर न जाए, अकेला ही रहता है परंतु यदि वह मर जाए तो बहुत फलता है. जो अपने जीवन से प्रेम रखता है, उसे खो देता है परंतु जो इस संसार में अपने जीवन से प्रेम नहीं रखता, उसे अनंत जीवन के लिए सुरक्षित रखेगा. यदि कोई मेरी सेवा करता है, वह मेरे पीछे चले. मेरा सेवक वहीं होगा जहां मैं हूं. जो मेरी सेवा करता है, उसका पिता परमेश्वर आदर करेंगे.

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