इब्रानियों 6:1-3
इब्रानियों 6:1-3 पवित्र बाइबल (HERV)
अतः आओ, मसीह सम्बन्धी आरम्भिक शिक्षा को छोड़ कर हम परिपक्वता की ओर बढ़ें। हमें उन बातों की ओर नहीं बढ़ना चाहिए जिनसे हमने शुरूआत की जैसे मृत्यु की ओर ले जाने वाले कर्मों के लिए मनफिराव, परमेश्वर में विश्वास, बपतिस्माओं की शिक्षा हाथ रखना, मरने के बाद फिर से जी उठना और वह न्याय जिससे हमारा भावी अनन्त जीवन निश्चित होगा। और यदि परमेश्वर ने चाहा तो हम ऐसा ही करेंगे।
इब्रानियों 6:1-3 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
इसलिए हम मसीह-सम्बन्धी प्रारम्भिक शिक्षा से आगे बढ़कर सिद्धता की ओर प्रगति करें। अब हम मृत्यु की ओर ले जाने वाले कर्मों से हृदय-परिवर्तन, परमेश्वर में विश्वास, शुद्धिकरण-विधियों सम्बन्धी शिक्षा, हस्तारोपण, मृतकों के पुनरुत्थान और अनंत दंड जैसी शिक्षाओं की नींव फिर न डालें, बल्कि उन से ऊपर उठें। यदि परमेश्वर की अनुमति होगी, तो हम यही करेंगे।
इब्रानियों 6:1-3 Hindi Holy Bible (HHBD)
इसलिये आओ मसीह की शिक्षा की आरम्भ की बातों को छोड़ कर, हम सिद्धता की ओर आगे बढ़ते जाएं, और मरे हुए कामों से मन फिराने, और परमेश्वर पर विश्वास करने। और बपतिस्मों और हाथ रखने, और मरे हुओं के जी उठने, और अन्तिम न्याय की शिक्षारूपी नेव, फिर से न डालें। और यदि परमेश्वर चाहे, तो हम यही करेंगे।
इब्रानियों 6:1-3 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
इसलिये आओ मसीह की शिक्षा की आरम्भ की बातों को छोड़कर हम सिद्धता की ओर आगे बढ़ते जाएँ, और मरे हुए कामों से मन फिराने, और परमेश्वर पर विश्वास करने, और बपतिस्मों और हाथ रखने, और मरे हुओं के जी उठने, और अन्तिम न्याय की शिक्षा रूपी नींव फिर से न डालें। यदि परमेश्वर चाहे तो हम यही करेंगे।
इब्रानियों 6:1-3 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
इसलिए आओ मसीह की शिक्षा की आरम्भ की बातों को छोड़कर, हम सिद्धता की ओर बढ़ते जाएँ, और मरे हुए कामों से मन फिराने, और परमेश्वर पर विश्वास करने, और बपतिस्मा और हाथ रखने, और मरे हुओं के जी उठने, और अनन्त न्याय की शिक्षारूपी नींव, फिर से न डालें। और यदि परमेश्वर चाहे, तो हम यही करेंगे।
इब्रानियों 6:1-3 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
इसलिये हम सिद्धता को अपना लक्ष्य बना लें, मसीह संबंधित प्रारंभिक शिक्षाओं से ऊपर उठकर परिपक्वता की ओर बढ़ें. नींव दोबारा न रखें, जो व्यर्थ की प्रथाओं से मन फिराना और परमेश्वर के प्रति विश्वास, शुद्ध होने के विषय, सिर पर हाथ रखने, मरे हुओं के जी उठने तथा अनंत दंड के विषय है. यदि परमेश्वर हमें आज्ञा दें तो हम ऐसा ही करेंगे.