प्रभु में सदा आनन्दित रहो; मैं फिर कहता हूँ, आनन्दित रहो। तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो। प्रभु निकट है। किसी भी बात की चिन्ता मत करो; परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और विनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किए जाएँ। तब परमेश्वर की शान्ति, जो सारी समझ से परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी।
फिलिप्पियों 4 पढ़िए
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चार दिन
चिंता किसी भी प्रारूप में कमज़ोर बना सकती है क्योंकि यह हमें असंतुलित करके भयभीत बना देती है। हालांकि यह कहानी का अन्त नहीं है, क्योंकि प्रभु यीशु में हमें परेशानियों से मुक्ति और जय पाने का अनुग्रह मिलता है। हम केवल इस पर जय ही नहीं पाते वरन पहले से बेहतर बन जाते हैं। इसके लिए परमेश्वर के वचन और सुनिश्चित करने वाली परमेश्वर की उपस्थिति का धन्यवाद दें।
पांच दिन
अगर डर का अस्तित्व नहीं हो, तो जीवन कैसा दिखाई देगा ? आप सपने कैसे देखेंगे ? आप क्या करेंगे ? आप कहां जाएंगे ? क्याआप जानते हैं निडर होना क्या होता है ? जब हम निडरता में जीते हैं तो लोग यीशु को ऐसा हमारे अंदर देखते हैं जैसा उन्होंने पहले कभीनहीं देखा |
7 दिन
जीवनदाता और सभी आशीषों पर अपनी निर्भरता पर विचार करते हुए डॉ.रमेश रिचर्ड के साथ हुए सात दिन बिताएं। वह RREACH के अध्यक्ष और डालास थियोलोजिकल सेमिनरी के आचार्य हैं ,जो पासबान के दृष्टिकोण को रखते हुए बताएंगे कि जीवन में कृतज्ञता का कैसे अभ्यास करना चाहिए। आइए हम अपने पास पाई जाने वाली चीज़ों और सभी ज़रूरी चीज़ों के लिए परमेश्वर का धन्यवाद व उस पर भरोसा करें।
18 दिन
नीतिवचन लंबे अनुभवों से तैयार किए गए छोटे वाक्य हैं जो सच्चाई को इस तरह से सिखाते हैं कि याद रखना आसान हो - सत्य जो हमें बुद्धिमान निर्णय लेने में मदद करते हैं। जब आप ऑडियो अध्ययन सुनते हैं और भगवान के वचन से चुनिंदा छंद पढ़ते हैं तो नीतिवचन के माध्यम से दैनिक यात्रा करें।
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