मीका 1

1
1यहोवा का वचन, जो यहूदा के राजा योताम, आहाज और हिजकिय्याह के दिनों में मोरेशेतवासी मीका को पहुँचा, जिसको उसने शोमरोन और यरूशलेम के विषय में पाया।#2 राजा 15:32—16:20; 18:1—20:21; 2 इति 27:1–7; 28:1—32:33
सामरिया और यरूशलेम के लिये विलाप
2हे जाति–जाति के सब लोगो, सुनो! हे पृथ्वी तू उस सब समेत जो तुझ में हैं, ध्यान दे! प्रभु यहोवा तुम्हारे विरुद्ध, वरन् परमेश्‍वर अपने पवित्र मन्दिर में से तुम पर साक्षी दे। 3क्योंकि देख, यहोवा अपने पवित्रस्थान से बाहर निकल रहा है, और वह उतरकर पृथ्वी के ऊँचे स्थानों पर चलेगा। 4पहाड़ उसके नीचे गल जाएँगे, और तराई ऐसे फटेंगी, जैसे मोम आग की आँच से, और पानी जो घाट से नीचे बहता है। 5यह सब याकूब के अपराध और इस्राएल के घराने के पाप के कारण होता है। याकूब का अपराध क्या है? क्या सामरिया नहीं? और यहूदा के ऊँचे स्थान क्या हैं? क्या यरूशलेम नहीं? 6इस कारण मैं सामरिया को मैदान में का ढेर बना दूँगा, और दाख का बगीचा बनाऊँगा; और मैं उसके पत्थरों को खड्ड में लुढ़का दूँगा, और उसकी नींव उखाड़ दूँगा। 7उसकी सब खुदी हुई मूरतें टुकड़े टुकड़े की जाएँगी; और जो कुछ उस ने छिनाला करके कमाया है वह आग से भस्म किया जाएगा, और उसकी सब प्रतिमाओं को मैं चकनाचूर करूँगा; क्योंकि छिनाले ही की कमाई से उस ने उनका संचय किया है, और वह फिर छिनाले की सी कमाई हो जाएगी।
8इस कारण मैं छाती पीटकर हाय, हाय, करूँगा; मैं लुटा हुआ सा और नंगा चला फिरा करूँगा; मैं गीदड़ों के समान चिल्‍लाऊँगा, और शुतुर्मुर्गों के समान रोऊँगा। 9क्योंकि उसका घाव असाध्य है; और विपत्ति यहूदा पर भी आ पड़ी, वरन् वह मेरे जातिभाइयों पर पड़कर यरूशलेम के फाटक तक पहुँच गई है।
शत्रु का यरूशलेम की ओर बढ़ना
10गत नगर में इसकी चर्चा मत करो, और मत रोओ; बेतआप्रा#1:10 अर्थात्, धूलि के घर में धूलि में लोटपोट करो। 11हे शापीर की रहनेवाली नंगी होकर निर्लज चली जा; सानान#1:11 अर्थात्, निकलना की रहनेवाली नहीं निकल सकती; बेतेसेल के रोने पीटने के कारण उसका शरणस्थान तुम से ले लिया जाएगा। 12क्योंकि सारोत की रहनेवाली तो कुशल की बाट जोहते–जोहते तड़प गई है, क्योंकि यहोवा की ओर से यरूशलेम के फाटक तक विपत्ति आ पहुँची है। 13हे लाकीश की रहनेवाली अपने रथों में वेग चलनेवाले घोड़े जोत; तुझी से सिय्योन की प्रजा के#1:13 मूल में, सिय्योन की बेटी का पाप का आरम्भ हुआ, क्योंकि इस्राएल के अपराध तुझी में पाए गए। 14इस कारण तू गत के मोरेशेत को दान देकर दूर कर देगा; अकजीब#1:14 अर्थात्, धोखे के घर से इस्राएल के राजा धोखा ही खाएँगे। 15हे मारेशा की रहनेवाली मैं फिर तुझ पर एक अधिकारी ठहराऊँगा, और इस्राएल के प्रतिष्‍ठित लोगों को#1:15 मूल में, इस्राएल की महिमा को अदुल्‍लाम में आना पड़ेगा। 16अपने दुलारे लड़कों के लिये अपना केश कटवाकर सिर मुँड़ा, वरन् अपना पूरा सिर गिद्ध के समान गंजा कर दे, क्योंकि वे बन्दी होकर तेरे पास से चले गए हैं।

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