यशायाह 39

39
बेबीलोन के दूतों का आगमन
(2 राजा 20:12–19)
1उस समय बलदान का पुत्र मरोदक बलदान, जो बेबीलोन का राजा था, उसने हिजकिय्याह के रोगी होने और फिर चंगे हो जाने की चर्चा सुनकर उसके पास पत्री और भेंट भेजी। 2इनसे हिजकिय्याह ने प्रसन्न होकर अपने अनमोल पदार्थों का भण्डार और चाँदी, सोना, सुगन्ध द्रव्य, उत्तम तेल और अपने हथियारों का सब घर और अपने भण्डारों में जो जो वस्तुएँ थीं, वे सब उनको दिखलाईं। हिजकिय्याह के भवन और राज्य भर में कोई ऐसी वस्तु नहीं रह गई जो उसने उन्हें न दिखाई हो। 3तब यशायाह नबी ने हिजकिय्याह राजा के पास जाकर पूछा, “वे मनुष्य क्या कह गए, और वे कहाँ से तेरे पास आए थे?” हिजकिय्याह ने कहा, “वे तो दूर देश से अर्थात् बेबीलोन से मेरे पास आए थे।” 4फिर उसने पूछा, “तेरे भवन में उन्होंने क्या क्या देखा है?” हिजकिय्याह ने कहा, “जो कुछ मेरे भवन में है, वह सब उन्होंने देखा है; मेरे भण्डारों में कोई ऐसी वस्तु नहीं जो मैं ने उन्हें न दिखाई हो।”
5तब यशायाह ने हिजकिय्याह से कहा, “सेनाओं के यहोवा का यह वचन सुन ले : 6ऐसे दिन आनेवाले हैं, जिन में जो कुछ तेरे भवन में है और जो कुछ आज के दिन तक तेरे पुरखाओं का रखा हुआ तेरे भण्डारों में है, वह सब बेबीलोन को उठ जाएगा; यहोवा यह कहता है कि कोई वस्तु न बचेगी। 7जो पुत्र तेरे वंश में उत्पन्न हों, उनमें से भी कई को वे बँधुआई में ले जाएँगे, और वे खोजे बनकर बेबीलोन के राजभवन में रहेंगे।#दानि 1:1–7; 2 राजा 24:10–16; 2 इति 36:10 8हिजकिय्याह ने यशायाह से कहा, “यहोवा का वचन जो तू ने कहा है वह भला ही है।” फिर उसने कहा, “मेरे दिनों में तो शान्ति और सच्‍चाई बनी रहेगी।”

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