व्यवस्थाविवरण 10:12-22

व्यवस्थाविवरण 10:12-22 HINOVBSI

“अब, हे इस्राएल, तेरा परमेश्‍वर यहोवा तुझ से इसके सिवाय और क्या चाहता है, कि तू अपने परमेश्‍वर यहोवा का भय माने, और उसके सारे मार्गों पर चले, उससे प्रेम रखे, और अपने पूरे मन और अपने सारे प्राण से उसकी सेवा करे, और यहोवा की जो जो आज्ञा और विधि मैं आज तुझे सुनाता हूँ उनको ग्रहण करे, जिससे तेरा भला हो? सुन, स्वर्ग और सबसे ऊँचा स्वर्ग भी, और पृथ्वी और उसमें जो कुछ है, वह सब तेरे परमेश्‍वर यहोवा ही का है; तौभी यहोवा ने तेरे पूर्वजों से स्‍नेह और प्रेम रखा, और उनके बाद तुम लोगों को जो उनकी सन्तान हो सब देशों के लोगों के मध्य में से चुन लिया, जैसा कि आज के दिन प्रकट है। इसलिये अपने अपने हृदय का खतना करो, और आगे को हठीले न रहो। क्योंकि तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा वही ईश्‍वरों का परमेश्‍वर और प्रभुओं का प्रभु है, वह महान् पराक्रमी और भय योग्य ईश्‍वर है, जो किसी का पक्ष नहीं करता और न घूस लेता है। वह अनाथों और विधवा का न्याय चुकाता, और परदेशियों से ऐसा प्रेम करता है कि उन्हें भोजन और वस्त्र देता है। इसलिये तुम भी परदेशियों से प्रेम भाव रखना; क्योंकि तुम भी मिस्र देश में परदेशी थे। अपने परमेश्‍वर यहोवा का भय मानना; उसी की सेवा करना और उसी से लिपटे रहना, और उसी के नाम की शपथ खाना। वही तुम्हारी स्तुति के योग्य है; और वही तेरा परमेश्‍वर है, जिसने तेरे साथ वे बड़े महत्व के और भयानक काम किए हैं जिन्हें तू ने अपनी आँखों से देखा है। तेरे पुरखा जब मिस्र में गए तब सत्तर ही मनुष्य थे; परन्तु अब तेरे परमेश्‍वर यहोवा ने तेरी गिनती आकाश के तारों के समान बहुत कर दी है।