1 शमूएल 2:1-10

1 शमूएल 2:1-10 HINOVBSI

तब हन्ना ने प्रार्थना करके कहा, “मेरा मन यहोवा के कारण मगन है; मेरा सींग यहोवा के कारण ऊँचा हुआ है। मेरा मुँह मेरे शत्रुओं के विरुद्ध खुल गया, क्योंकि मैं तेरे किए हुए उद्धार से आनन्दित हूँ। “यहोवा के तुल्य कोई पवित्र नहीं, क्योंकि तुझ को छोड़ और कोई है ही नहीं; और हमारे परमेश्‍वर के समान कोई चट्टान नहीं है। फूलकर अहँकार की और बातें मत करो, और अन्धेर की बातें तुम्हारे मुँह से न निकलें; क्योंकि यहोवा ज्ञानी ईश्‍वर है, और कामों का तौलनेवाला है। शूरवीरों के धनुष टूट गए, और ठोकर खानेवालों की कटि में बल का फेंटा कसा गया। जो पेट भरते थे उन्हें रोटी के लिये मज़दूरी करनी पड़ी, जो भूखे थे वे फिर ऐसे न रहे। वरन् जो बाँझ थी उसके सात हुए, और अनेक बालकों की माता घुलती जाती है। यहोवा मारता है और जिलाता भी है; वही अधोलोक में उतारता और उससे निकालता भी है। यहोवा निर्धन करता है और धनी भी बनाता है, वही नीचा करता और ऊँचा भी करता है। वह कंगाल को धूलि में से उठाता; और दरिद्र को घूरे में से निकाल खड़ा करता है, ताकि उनको अधिपतियों के संग बिठाए, और महिमायुक्‍त सिंहासन के अधिकारी बनाए। क्योंकि पृथ्वी के खम्भे यहोवा के हैं, और उसने उन पर जगत को धरा है। “वह अपने भक्‍तों के पाँवों को सम्भाले रहेगा, परन्तु दुष्‍ट अन्धियारे में चुपचाप पड़े रहेंगे; क्योंकि कोई मनुष्य अपने बल के कारण प्रबल न होगा। जो यहोवा से झगड़ते हैं वे चकनाचूर होंगे; वह उनके विरुद्ध आकाश में गरजेगा। यहोवा पृथ्वी की छोर तक न्याय करेगा; और अपने राजा को बल देगा, और अपने अभिषिक्‍त के सींग को ऊँचा करेगा।”

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