धन्य हैं वे जिनका आचरण निर्दोष है,
जो प्रभु की व्यवस्था पर चलते हैं,
धन्य हैं वे जो प्रभु की सािक्षयां मानते हैं,
जो अपने सम्पूर्ण हृदय से प्रभु की खोज
करते हैं,
जो अन्याय नहीं करते
वरन् प्रभु के मार्ग पर चलते हैं।
प्रभु, तूने अपने आदेश प्रदान किए हैं
कि उत्साहपूर्वक उनका पालन किया जाए।
भला हो कि तेरी संविधियों का पालन करने
के लिए
मेरा आचरण दृढ़ हो जाए।
प्रभु, जब मैं तेरी सब आज्ञाओं पर ध्यान करता
रहूंगा,
तब मैं लज्जित नहीं होऊंगा।
जब मैं तेरे धर्ममय न्याय-सिद्धान्तों को
सीखूंगा,
तब निष्कपट हृदय से तेरी सराहना करूंगा।
मैं तेरी संविधियों का पालन करूंगा
प्रभु, तू मुझे कदापि मत त्यागना!
जवान व्यक्ति अपना आचरण
किस प्रकार शुद्ध रख सकता है?
प्रभु, तेरे वचन का पालन करके।
मैं अपने सम्पूर्ण हृदय से तुझको खोजता हूं;
मुझे अपनी आज्ञाओं से विमुख न होने देना!
मैंने तेरे वचन अपने हृदय में धारण किए हैं,
कि मैं तेरे विरुद्ध पाप न करूं।
हे प्रभु, तू धन्य है;
तू मुझे अपनी संविधियाँ सिखा।
तेरे समस्त न्याय-सिद्धान्तों का
मैं अपने मुंह से वर्णन करूंगा।
मैं तेरी सािक्षयों के मार्ग से हर्षित होता हूं,
जैसे मैं सब प्रकार के धन-धान्य से प्रसन्न
होता हूं।
मैं तेरे आदेशों का पाठ करूंगा,
मैं तेरे मार्गों की ओर दृष्टि करूंगा।
मैं तेरी संविधियों से प्रसन्न रहूंगा;
मैं तेरे वचन को नहीं भूलूंगा।
प्रभु, अपने सेवक का उपकार कर,
कि मैं जीवित रहूं
और तेरे वचन का पालन कर सकूं।
तू मेरी आंखें खोल
कि मैं तेरी व्यवस्था की अद्भुत बातें देख
सकूं।
मैं पृथ्वी पर प्रवासी हूं;
प्रभु, मुझ से अपनी आज्ञाएं न छिपा।
हर समय तेरे न्याय-सिद्धान्त की अभिलाषा
करते-करते
मेरा प्राण डूब चुका है।
तू अभिमानियों और शापितों को डांटता है,
वे तेरी आज्ञाओं से भटक जाते हैं।
उनकी निन्दा और अपमान मुझ से दूर कर,
क्योंकि मैं तेरी सािक्षयों को मानता हूं।
चाहे शासक भी बैठकर मेरे विरुद्ध बातें करें,
तो भी मैं, तेरा यह सेवक,
तेरी संविधियों का पाठ करूंगा।
तेरी सािक्षयां मेरा आनन्द हैं,
वे मुझे परामर्श देती हैं।
मेरे प्राण धूल में मिल गए;
प्रभु, तू अपने वचन के अनुसार
मुझे पुनर्जीवित कर!
जब मैंने अपने आचरण की चर्चा की,
तब तूने मुझे उत्तर दिया;
मुझे अपनी संविधियां सिखा।
प्रभु, तू अपने आदेशों का मार्ग समझा;
मैं तेरे आश्चर्यपूर्ण कार्यों का ध्यान करूंगा।
वेदना के कारण मेरा प्राण पिघलने लगा है।
तू अपने वचन के अनुसार मुझे
बलवान बना।
प्रभु, असत्य का मार्ग मुझ से दूर कर;
मुझ पर कृपा कर अपनी व्यवस्था सिखा।
मैंने सत्य का मार्ग चुना है,
मैंने तेरे न्याय-सिद्धान्त
अपने सम्मुख रखे हैं।
हे प्रभु, मैं तेरी सािक्षयों से चिपका हूं;
मुझे लज्जित न होने देना।
जब तू मेरे हृदय को विशाल बनाएगा,
तब मैं तेरी आज्ञाओं के मार्ग पर दौड़ूंगा।
हे प्रभु, मुझे अपनी संविधियों का मार्ग
सिखा;
मैं अन्त तक उसे मानता रहूंगा।
मुझे समझ दे कि मैं तेरी व्यवस्था को मानूं
और पूर्ण हृदय से उसका पालन करूं।
अपनी आज्ञाओं के पथ पर मुझे चला,
क्योंकि मैं उसमें आनन्दित होता हूं।
प्रभु, मेरे हृदय को लालच की ओर नहीं,
किन्तु अपनी सािक्षयों की ओर झुका।
व्यर्थ वस्तुओं की ओर से मेरी आंखें हटा;
मुझे अपने मार्ग के लिए जीवन दे।
तेरे भक्तों के लिए तेरी जो प्रतिज्ञा है,
उसे अपने सेवक के लिए भी पुष्ट कर।
मेरी निंदा दूर कर, उससे मैं डरता हूं;
तेरे न्याय-सिद्धान्त उत्तम हैं।
मैं तेरे आदेशों की अभिलाषा करता हूं;
मुझे अपनी धार्मिकता से पुनर्जीवित कर।
हे प्रभु, तेरी करुणा,
तेरी प्रतिज्ञा के अनुसार तेरा उद्धार
मुझे प्राप्त हो।
तब मैं अपने निन्दकों को उत्तर दे सकूंगा,
मैं तेरे वचन पर भरोसा करता हूं।
मेरे मुंह से सत्य का वचन कदापि मत छीन,
क्योंकि मैं तेरे न्याय-सिद्धान्तों की आशा
करता हूं।
मैं तेरी व्यवस्था का निरन्तर,
युग-युगान्त पालन करता रहूंगा,
मैं स्वतंत्रता में जीवन व्यतीत करूंगा;
क्योंकि मैंने तेरे आदेशों की खोज की है।
मैं राजाओं के समक्ष तेरी सािक्षयों की चर्चा
करूंगा;
मैं लज्जित नहीं हूंगा।
मैं तेरी आज्ञाओं से हर्षित होता हूं;
उनसे मैं प्रेम करता हूं।
मैं तेरी आज्ञाओं की ओर
अपने हाथ फैलता हूं;
उनसे मैं प्रेम करता हूं;
मैं तेरी संविधियों का पाठ करूँगा।
प्रभु, अपने सेवक से की गई प्रतिज्ञा को
स्मरण कर,
जिसके द्वारा तूने मुझे आशा प्रदान की थी।
मेरी विपत्ति में मेरी यही सांत्वना है,
कि तेरा वचन मुझे पुनर्जीवित करता है।
यद्यपि अभिमानी व्यक्ति
मेरा अधिकाधिक उपहास करते हैं,
तो भी मैं तेरी व्यवस्था से विमुख नहीं होता।
प्रभु, जब मैं अतीत के
तेरे न्याय-सिद्धान्त स्मरण करता हूं,
तब मैं स्वयं को दिलासा देता हूं।
जो दुर्जन व्यक्ति तेरी व्यवस्था को त्याग देते हैं,
उनके कारण मैं क्रोधाग्नि से भस्म होने
लगता हूं।
मेरे प्रवास के देश में
तेरी संविधियां मेरे गीत बनी हैं।
प्रभु, मैं रात में तेरा नाम स्मरण करता हूं,
मैं तेरी व्यवस्था का पालन करता हूं।
यह आशिष मुझे प्राप्त हुई,
क्योंकि मैंने तेरे आदेश माने थे।
प्रभु, तू मेरा सब-कुछ है!
मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं तेरे वचनों का
पालन करूंगा।
मैं तेरी कृपा के लिए सम्पूर्ण हृदय से
गिड़गिड़ाता हूं,
प्रभु, अपनी कृपा के अनुसार मुझ पर
अनुग्रह कर।
जब मैं अपने आचरण पर विचार करता हूं,
तब अपने पैर तेरी सािक्षयों की ओर मोड़ता हूं।
मैं विलम्ब नहीं करता,
वरन् तेरी आज्ञा-पालन के लिए शीघ्रता
करता हूं।
यद्यपि दुर्जनों के फंदे मुझे फंसाते हैं,
तो भी मैं तेरी व्यवस्था नहीं भूलता हूं।
तेरे धर्ममय न्याय-सिद्धान्तों के कारण
आधी रात को उठकर
मैं तेरी सराहना करता हूं।
मैं उन सब का साथी हूं जो तेरे भक्त हैं,
जो तेरे आदेशों का पालन करते हैं।
हे प्रभु, पृथ्वी तेरी करुणा से परिपूर्ण है,
प्रभु, मुझे अपनी संविधियां सिखा।
हे प्रभु, अपने वचन के अनुसार
तूने अपने सेवक के साथ भलाई की है।
मुझे विवेक और समझ की बातें सिखा;
क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं पर
विश्वास करता हूं।
पीड़ित होने के पूर्व मैं भटक गया था,
परन्तु अब मैं तेरे वचनों का पालन करता हूं।
तू भला है, और भलाई करता है,
मुझे अपनी संविधियां सिखा।
अभिमानी व्यक्ति मुझे झूठ से पोतते हैं,
किन्तु मैं सम्पूर्ण हृदय से तेरे आदेशों को
मानता हूं।
उनकी आंखों पर परदा पड़ गया है
परन्तु मैं तेरी व्यवस्था से हर्षित हूं।
मेरे लिए यह अच्छा था कि मैं पीड़ित हुआ,
जिससे मैं तेरी संविधियां सीख सकूं।
सोने-चांदी के लाखों टुकड़ों की अपेक्षा
तेरे मुंह की व्यवस्था मेरे लिए उत्तम है।
तेरे हाथों ने मुझे बनाया, और आकार दिया;
अब मुझे समझ दे कि मैं तेरी आज्ञाओं को
सीखूं।
जो तुझसे डरते हैं, वे मुझे देखकर आनन्दित
होंगे,
क्योंकि मैंने तेरे वचन की आशा की है।
प्रभु, मैं जानता हूं कि तेरे न्याय-सिद्धान्त
धार्मिक हैं,
और तूने मुझे सच्चाई से पीड़ित किया है।
मेरी यह विनती है कि
जो प्रतिज्ञा तूने अपने सेवक से की थी,
उसके अनुसार तेरी करुणा मुझे सांत्वना दे।
तेरी असीम अनुकंपा मुझ पर हो
जिससे मैं जीवित रहूं;
क्योंकि तेरी व्यवस्था मेरा हर्ष है।
अभिमानी व्यक्ति लज्जित हों;
उन्होंने झूठ बोलकर मुझे ऐंठा है;
पर मैं तेरे आदेशों का पाठ करूंगा।
जो तुझसे डरते हैं, वे मेरे पास आएं,
जिससे वे तेरी सािक्षयों को जान सकें।
मैं निर्दोष हृदय से संविधि का पालन करूं,
ताकि मुझे लज्जित न होना पड़े।
मेरा प्राण तेरे उद्धार को प्राप्त करने के लिए
व्याकुल है;
मैं तेरे वचन की आशा करता हूं।
मेरी आंखें तेरी प्रतिज्ञा-पूर्ति के लिए
बेचैन हैं;
मैं यह पूछता हूं : ‘तू कब मुझे सांत्वना
देगा?’
मैं धुएं से धुंधलायी मशक के समान जर्जर
हो गया हूं;
तब भी मैं तेरी संविधियां नहीं भूला हूं।
तेरे सेवक की आयु के कितने दिन शेष हैं?
प्रभु, तू मेरा पीछा करने वालों का कब न्याय
करेगा?
अभिमानियों ने मेरे पतन के लिए गड्ढे
खोदे हैं;
वे तेरी व्यवस्था के अनुरूप आचरण नहीं
करते हैं।
तेरी समस्त आज्ञाएं विश्वसनीय हैं,
वे झूठ-मूठ मेरा पीछा करते हैं,
प्रभु, मेरी सहायता कर!
उन्होंने मुझे धरती से लगभग मिटा ही डाला था;
परन्तु मैंने तेरे आदेशों को नहीं छोड़ा।
प्रभु, अपनी करुणा के कारण मुझे पुनर्जीवित
कर,
ताकि मैं तेरी सािक्षयों का पालन कर सकूं।