निर्गमन 20:3-4, 7-8, 12-17
निर्गमन 20:3-4 HINCLBSI
तू मेरे अतिरिक्त किसी और को ईश्वर नहीं मानना। ‘तू अपने लिए कोई मूर्ति न बनाना और न किसी प्राणी अथवा वस्तु की आकृति बनाना, जो ऊपर आकाश में अथवा नीचे धरती पर या धरती के नीचे जल में है।
निर्गमन 20:7-8 HINCLBSI
‘तू अपने प्रभु परमेश्वर का नाम व्यर्थ न लेना; क्योंकि जो व्यक्ति प्रभु का नाम व्यर्थ लेगा, उसे प्रभु निर्दोष घोषित नहीं करेगा। ‘विश्राम दिवस को पवित्र मानने के लिए स्मरण रखना।
निर्गमन 20:12-17 HINCLBSI
‘अपने माता-पिता का आदर कर जिससे तेरी आयु उस भूमि पर दीर्घ हो सके जिसे तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे प्रदान कर रहा है। ‘तू हत्या न करना। ‘तू व्यभिचार न करना। ‘तू चोरी न करना। ‘तू अपने पड़ोसी के विरुद्ध झूठी साक्षी न देना। ‘तू अपने पड़ोसी के घर का लालच न करना। तू अपने पड़ोसी की पत्नी, उसके सेवक-सेविका, बैल-गधे, तथा उसकी किसी भी वस्तु का लालच न करना।’


