1 थिस्‍सलुनीकियों 4

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शुद्धता, भ्रातृ-प्रेम और परिश्रम के लिए अनुरोध
1भाइयो और बहिनो! आप लोग हमसे यह शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं कि किस प्रकार आचरण करना और परमेश्‍वर को प्रसन्न करना चाहिए, और आप इसके अनुसार चलते भी हैं। अन्‍त में, हम प्रभु येशु के नाम पर आपसे आग्रह के साथ अनुनय करते हैं कि आप इस विषय में और आगे बढ़ते जायें।#2 थिस 3:6 2आप लोग जानते हैं कि हमने प्रभु येशु की ओर से आप को कौन-कौन से आदेश दिये हैं।
3परमेश्‍वर की इच्‍छा यही है कि आप लोग पवित्र बनें और व्‍यभिचार से दूर रहें।#1 थिस 5:23; इब्र 10:10; 1 पत 1:16 4आप में से प्रत्‍येक व्यक्‍ति संयम सीख कर अपने शरीर को पवित्र बनाये रखे और उसका सम्‍मान करे#1 कुर 6:13,15#4:4 अथवा, “आपमें से प्रत्‍येक पुरुष अपनी पत्‍नी के साथ पवित्रता और सम्‍मान सहित जीवन व्‍यतीत करना सीखे।” 5उन विधर्मियों की तरह जो कि परमेश्‍वर को नहीं जानते, कोई भी वासना के वशीभूत न हो।#यिर 10:25; भज 79:6 6कोई भी मर्यादा का उल्‍लंघन न करे और इस सम्‍बन्‍ध#4:6 अथवा, “व्‍यवसाय में” में अपने भाई अथवा बहिन के प्रति अन्‍याय नहीं करे; क्‍योंकि प्रभु इन सब बातों का बदला लेता है, जैसा कि हम आप लोगों को स्‍पष्‍ट श्‍ब्‍दों में समझा चुके हैं।#भज 94:2; 1 कुर 6:8 7क्‍योंकि परमेश्‍वर ने हमें अशुद्धता के लिए नहीं, बल्‍कि पवित्रता के लिए बुलाया है।#2 थिस 2:13-14 8इसलिए जो इस आदेश का तिरस्‍कार करता है, वह मनुष्‍य का नहीं, बल्‍कि परमेश्‍वर का तिरस्‍कार करता है जो आप को अपना पवित्र आत्‍मा प्रदान करता है।#लू 10:16; यहेज 37:14; 1 यो 3:24
9भ्रातृ-प्रेम के विषय में आप लोगों को लिखने की कोई आवश्‍यकता नहीं; क्‍योंकि आप लोग परमेश्‍वर से ही एक दूसरे को प्‍यार करना सीख चुके हैं#यो 13:34; यिर 31:33-34 10और सारी मकिदुनिया के भाई-बहिनों के प्रति प्रेम का निर्वाह करते हैं। प्‍यारो#4:10 मूल में, “भाइयो”! मेरा अनुरोध है कि आप इस विषय में और भी उन्नति करें।#2 थिस 3:4 11आप इस बात पर गर्व करें कि आप शान्‍ति में जीवन बिताते हैं और हर एक अपने-अपने काम में लगा रहता है। आप लोग मेरे आदेश के अनुसार अपने हाथों से अपना काम करें।#इफ 4:28; 2 थिस 3:8,12 12इस प्रकार आचरण करने से अन्‍य लोग आपका आदर करेंगे और आप को किसी बात की कमी नहीं होगी।#कुल 4:5; 1 कुर 5:12-13
मृतकों का पुनरुत्‍थान और मसीह का पुनरागमन
13भाइयो और बहिनो! हम चाहते हैं कि मृतकों#4:13 अक्षरश:, “सोये हुए लोगों” के विषय में आप को निश्‍चित जानकारी हो। कहीं ऐसा न हो कि आप उन लोगों की तरह शोक मनायें, जिन्‍हें कोई आशा नहीं है।#1 कुर 15:20; इफ 2:12 14हम तो विश्‍वास करते हैं कि येशु मर गये और फिर जी उठे। उसी तरह परमेश्‍वर मृतकों को येशु के द्वारा और उन्‍हीं के साथ ले आएगा#रोम 14:9; 1 कुर 15:3-4,12 #4:14 अथवा, “उन्‍हें भी, जो येशु में मर गए, उन्‍हीं के साथ ले आएगा।”
15हमें प्रभु से जो शिक्षा मिली है, उसके आधार पर हम आप से यह कहते हैं: हम, जो जीवित हैं और जो प्रभु के आने तक शेष रहेंगे, मृतकों से पहले महिमा में प्रवेश नहीं करेंगे;#1 कुर 15:51; 7:10,25; प्रव 48:11 16क्‍योंकि जब आदेश दिया जायेगा और प्रधान स्‍वर्गदूत की वाणी तथा परमेश्‍वर की तुरही सुनाई पड़ेगी, तो प्रभु स्‍वयं स्‍वर्ग से उतरेंगे। जो मसीह में मर गए हैं, वे पहले जी उठेंगे।#1 कुर 15:32; 2 थिस 1:7 17इसके बाद हम, जो जीवित हैं और जो उस समय तक शेष रहेंगे, उन लोगों के साथ बादलों में ऊपर उठा#4:17 अथवा, “आरोहित कर...।” लिये जायेंगे और आकाश में प्रभु से मिलेंगे। इस प्रकार हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे। 18आप इन बातों की चर्चा करते हुए एक दूसरे को सान्‍त्‍वना दिया करें।

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