1 कुरिन्थियों 16

16
यरूशलेम की कलीसिया के लिए दान
1सन्‍तों के लिए जो दान एकत्र किया जा रहा है, उसके विषय में आप लोग उस निर्देश का पालन करें, जिसे मैंने गलातिया की कलीसियाओं के लिए निर्धारित किया है।#प्रे 11:29; गल 2:10; 2 कुर 8:9 2आप में से हर एक व्यक्‍ति प्रति इतवार#16:2 शब्‍दश:, “सप्‍ताह के प्रथम दिन” को अपनी आय के अनुसार कुछ अलग कर दे और अपने यहाँ सुरक्षित रखे। इस तरह मेरे पहुँचने के बाद ही दान एकत्र करने की जरूरत नहीं होगी।#प्रे 20:7 3जिन लोगों को आप उपयुक्‍त समझेंगे, आने पर मैं उन्‍हें पत्र दूँगा और वे आपका उपहार यरूशलेम पहुँचा देंगे, 4और यदि यही उचित जान पड़े कि मैं स्‍वयं जाऊं, तो वे मेरे साथ चलेंगे।
पौलुस की यात्राएं
5मैं मकिदुनिया का दौरा समाप्‍त कर#16:5 अथवा, “मकिदुनिया का दौरा करते समय” आप लोगों के यहाँ आऊंगा, क्‍योंकि मैं मकिदुनिया जाने वाला हूँ। 6यदि हो सका, तो मैं आप के यहाँ कुछ समय तक रहूँगा और शायद शीत ऋतु भी बिताऊंगा। इसके बाद मुझे जहाँ भी जाना होगा, आप मेरे लिए वहाँ जाने का प्रबन्‍ध कर सकेंगे।#रोम 15:24; तीत 3:12 7मैं इस बार चलते-चलते आप से मिलना नहीं चाहता। प्रभु की इच्‍छा होने पर मैं कुछ समय तक आप लोगों के यहाँ रहने की आशा करता हूँ।#प्रे 18:21; 20:2 8मैं पेंतेकोस्‍त पर्व तक इफिसुस नगर में रहूँगा,#प्रे 19:1,10 9क्‍योंकि यहाँ उपयोगी कार्य के लिए मेरे सामने एक विशाल द्वार खुला है; किन्‍तु बहुत-से विरोधी भी हैं।#2 कुर 2:12; कुल 4:3; प्रक 3:8
10जब तिमोथी आयेंगे, तो इसका ध्‍यान रखियेगा कि उन्‍हें आप के यहाँ कोई चिन्‍ता न हो, क्‍योंकि वह मेरी तरह प्रभु के कार्य में लगे रहते हैं।#1 कुर 4:17; फिल 2:20 11उनकी उपेक्षा कोई नहीं करे। आप लोग मेरे पास उनके सकुशल वापस आने का प्रबन्‍ध करें, क्‍योंकि मैं भाइयों के साथ उनकी प्रतीक्षा कर रहा हूँ।#1 तिम 4:12 12भाई अपुल्‍लोस के विषय में मुझे यह कहना है कि मैंने उनसे बहुत अनुरोध किया कि वह भाइयों के साथ आप के यहाँ जायें, किन्‍तु वह अभी एकदम जाना नहीं चाहते। अवकाश मिलने पर वह आयेंगे।#1 कुर 1:12; 3:6
13आप लोग जागते रहें, विश्‍वास में दृढ़ रहें और साहसी तथा समर्थ बनें।#भज 31:24; इफ 6:10 14आप जो कुछ भी करें, प्रेम से करें।
15भाइयो और बहिनो! आप लोगों से मेरा एक अनुरोध है। आप स्‍तिफनास के परिवार को जानते हैं। वे लोग यूनान के “प्रथम फल” हैं और सन्‍तों की सेवा में लगे रहते हैं।#1 कुर 1:16; रोम 16:5 16आप ऐसे लोगों का नेतृत्‍व स्‍वीकार करें और उन सब का भी, जो उनके साथ परिश्रम करते हैं।#फिल 2:29 17स्‍तिफनास, फुरतूनातुस और अखइकुस के आगमन से मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई। उन्‍होंने आप लोगों की कमी#16:17 अथवा, “अनुपस्‍थिति” पूरी कर दी 18और मेरे तथा आपके मन की चिन्‍ता को दूर कर दिया। आप ऐसे लोगों का सम्‍मान करें।#1 थिस 5:12
नमस्‍कार
19आसिया की कलीसियाएँ आप लोगों को नमस्‍कार कहती हैं। अिक्‍वला और प्रिस्‍का एवं उनके घर में एकत्र होने वाली कलीसिया आप को प्रभु में हार्दिक नमस्‍कार कहती है।#प्रे 18:2,18,26; रोम 16:3,5 20सब भाई-बहिन आप लोगों को नमस्‍कार कहते हैं। शान्‍ति के पवित्र चुम्‍बन से एक दूसरे का अभिवादन करें।#रोम 16:16; 2 कुर 13:12; 1 पत 5:14
21यह नमस्‍कार मेरे हाथ का लिखा हुआ है-पौलुस।#कुल 4:18; 2 थिस 3:17 22यदि आप लोगों में कोई “प्रभु” से प्रेम नहीं करता, वह “शापित” हो#16:22 देखिए 12:3 का प्रसंग #रोम 9:3; फिल 4:5; गल 1:8-9 प्रभु!आइए!#16:22 मूल में आरामी शब्‍द “मारना-था” जिसका अर्थ है : “हमारे प्रभु, आइए!” अथवा, “मारन-अथा” जिसका अर्थ है : “हमारे प्रभु आ रहे हैं!”
23प्रभु येशु की कृपा आप लोगों के साथ रहे!
24येशु मसीह में मेरा प्रेम आप-सब के साथ रहे।

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