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मेज़ के पास आओ - Mej Par Aao (Come to the Table)Muestra

मेज़ के पास आओ - Mej Par Aao (Come to the Table)

DÍA 1 DE 6

1 कुरिन्थ 11:2323 यीशु ने चारों ओर देखकर अपने चेलों से कहा, धनवानों को परcमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना कैसा कठिन है!

24 चेले उस की बातों से अचम्भित हुए, इस पर यीशु ने फिर उन को उत्तर दिया, हे बाल को, जो धन पर भरोसा रखते हैं, उन के लिये परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना कैसा कठिन है!

25 परमेश्वर के राज्य में धनवान के प्रवेश करने से ऊंट का सूई के नाके में से निकल जाना सहज है!

26 वे बहुत ही चकित होकर आपस में कहने लगे तो फिर किस का उद्धार हो सकता है?

हर सब्बत को यहूदी परिवार इकट्ठा होते और फसह को याद करते हुए एकसाथ भोजन का आनंद उठाते थे। फसह वह घटना थी जब इस्राएलियों को गुलामी से आज़ादी दी गई थी, और वे मिस्र से निकले थे। उस भोजन की रात को, उन्हें अपने दरवाज़ों की चौखटों पर खून लगाना था ताकि मृत्यु का दूत उन्हें लांघ कर निकल जाए।

यह साप्ताहिक कार्य यीशु के हाथों में परिवर्तित हुआ।

यह भोजन जो एक नियमित यादगार था की किस तरह उन्हें बचाकर गुलामी से निकाला गया था, यह एक पूर्वाभास था परमेश्वर के उस सच्चे, पवित्र मेमने का जो जगत के पापों के लिए एक ही बार वध किया जाएगा और हमें शैतान के चंगुल से बचाएगा - यीशु। हजारों साल पहले वाला यह नबूवत का चित्र पूरा होने वाला था।

यह अंतिम भोजन था जो यीशु ने अपने शिष्यों के साथ किया और फिर वे गतसमने के बाग़ में चले गए। जिस रात यीशु ने रोटी तोड़ी और अपने चेलों के साथ दाखरस बांटा, उसने उनसे कहा कि यह उसके शरीर और लहू का चित्र है। वह बलिदान का मेमना होने वाला था, एक ही और अंतिम बार के लिए।

और इतना ही नहीं। अब से हमें भी उसके मृत्यु और पुनरुत्थान कि याद में फसह के भोजन को मनाना है- जो हमारे विश्वास का केंद्रबिंदु है। सिर्फ इतना ही नहीं, हमें उसके आने तक इसका स्मरण करना है। फसह को यहूदियों द्वारा मनाया जाता था। यह फसह, जिसे हम प्रभु भोज कहते हैं, आज मसीह के अनुयायियों द्वारा मनाया जाता है और फिर एक दिन अनंतकाल में, हम सभी एक अन्य भोज को मनाएंगे - दुल्हे, परमेश्वर के मेमना, की शादी का दावत भोज।

आइए हम याद करें, धन्यवाद दें और आनंद मनाएं।

Acerca de este Plan

मेज़ के पास आओ - Mej Par Aao (Come to the Table)

यीशु हमारे साथ गहरी बातचीत करना चाहता है। आइए एकसाथ "प्रभु भोज की मेज़" पर मनन करें। नवाज डिक्रूज द्वारा ( Navaz DCruz) लिखा (और गुरमीत धनोवा द्वारा अनुवादित) यह 6 दिवसीय भक्ति–लेख आपको इस विषय की यात्रा पर ले जायेगा की हम प्रभु यीशु द्वारा स्थापित इस नबुवत भरे कार्य में क्या और इसे क्यों मनाते हैं।

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