रब फ़रमाता है, “यहूदाह के बाशिंदों ने बार बार गुनाह किया है, इसलिए मैं उन्हें सज़ा दिए बग़ैर नहीं छोड़ूँगा। क्योंकि उन्होंने रब की शरीअत को रद्द करके उसके अहकाम पर अमल नहीं किया। उनके झूटे देवता उन्हें ग़लत राह पर ले गए हैं, वह देवता जिनकी पैरवी उनके बापदादा भी करते रहे।