परमेश्वर के संपर्क - पुराने नियम की एक यात्रा (भाग 1 पुराने नियम का सार, कुलपतियों के काल )نموونە

भ्रम में संसार– बाबुल
अपनी धार्मिकता की चमक के द्वारा संसार को बचाने के बाद, महान नूह खुद गिर जाता है। कुछ ही समय में, उसके स्वयं के परिवार की अशांति बाकि बढ़ती हुई नई दुनिया में फैल जाती है। कुछ ही समय में संसार फिर से उसी बिगड़ी स्थिति में पहुँच जाता है, जैसा जलप्रलय से पहले था। फिर से परमेश्वर हस्तक्षेप करते हैं – लेकिन इस बार, अत्यधिक विनम्र तरीके से।
मानक गिर रहे हैं
नूह के परिवार वाली नई दुनिया बसने के तुरंत बाद, नूह एक अवसर पर नशे में धुत हो जाता है। विडंबना यह है कि संसार का एकमात्र संयमी व्यक्ति मस्ती से पी रहा है, अब ऐसा लगता है कि वह एकमात्र पीने वाला व्यक्ति है, जबकि आसपास के अन्य लोग संयमी हैं।
इस अवसर पर उसके पुत्र हाम और संभवतः पोते कनान द्वारा दिखाया गया अनादर नूह की ओर से कनान पर शाप लाता है। हाम के भाई आशीष पाते हैं, जबकि वह नहीं पाता। नई दुनिया के पहले परिवार में दरारें दिखने लगती हैं।
यह घटना इस बात को स्मरण कराती है कि ‘‘जो समझता है कि मैं स्थिर हूँ, वह चौकस रहे; कि कहीं गिर न पड़े’’ (1कुरिन्थियों 10:12)। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से परमेश्वर साथ उसके वचन और प्रार्थना के माध्यम से जुड़े रहने की आवश्यकता है कि हम शैतान के आत्म धार्मिकता या अतिविश्वास के फंदे में न गिरें।
बाबुल बढ़ रहा है
समय के साथ, बुराई, अत्याचार और वासना दुनिया पर नियंत्रण ले रही है। उत्पत्ति 10:9 निम्रोद का वर्णन परमेश्वर के विरूद्ध सामर्थी विद्रोही, बलपूर्वक धन और भूमि पर कब्ज़ा करने वाले के रूप में करता है [1][2]। बाबूल की मिनार का निर्माण भी परमेश्वर की खुली अवज्ञा में शुरू होता है। ‘‘हम अपना नाम करें’’ (उत्पत्ति 11:4)। आत्म-उत्थान जड़ पकड़ता है और उससे पहले कि यह अपने पंख फैलाता परमेश्वर को उसे काटना पड़ता है।
आज भी, आत्म-उत्थान हमारे लिए अपने जीवन में परमेश्वर को उसका आधिकारिक स्थान देने और उसके लिये जीए जाने वाले उत्पादक जीवन को जीने में महत्वपूर्ण खतरा है।
परमेश्वर नियंत्रित कर रहे हैं
परमेश्वर का नियत्रंण हमेशा बना है, इसीलिए पलक झपकते ही, वह उनकी भाषा में गड़बड़ी डाल उन्हें भिन्न भाषाएँ बोलने पर विवश करता है। इब्रानी में बाबुल का अर्थ है भ्रमित या उलझन है । ताकत की सनकी पहल अपने मार्ग रूक जाती है, क्योंकि इसके निर्माणकर्ता तितर-बितर होने को मज़बूर हो जाते हैं। नूह से अपने वायदे के अनुरूप, यह एक बड़े अपराध के विरुद्ध एक छोटी सी प्रतिक्रिया है।
परमेश्वर न केवल संसार की बड़ी घटनाओं में बल्कि हमारे जीवन की छोटी घटनाओं में भी अपना नियंत्रण बनाए रखते हैं।
क्या हम परमेश्वर के साथ खड़े रहने में अपनी नियमितता बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्र में विनम्र और अनुशासित हैं? क्या परमेश्वर की इच्छाएं हमारी स्वार्थी रूचियों पर प्रबल होती हैं? क्या हमने उसे हमें नियंत्रित और निर्देशित करने की अनुमति दी है?
دەربارەی ئەم پلانە

पुराने नियम में, परमेश्वर ने लोगों (संपर्क) को चुना, उनके साथ अनेकों तरीकों से बातचीत की।यह, नए नियम के प्रकाश में, वचन के गहरे दृष्टिकोण को प्रदान करता है। परमेश्वर के संपर्को के चार भाग हैं, जिसमे पहला भाग पुराने नियम के कुलपतियों का काल है – जिसमे प्रमुख लोगों के आधार अर्थात विश्वास की चर्चा की गयी है।
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