परमेश्वर के संपर्क - पुराने नियम की एक यात्रा (भाग 1 पुराने नियम का सार, कुलपतियों के काल )نموونە

याकूब – सम्मोहक विश्वास
यह याकूब ही था जो इस्राएल बना और वह उन बच्चों का पिता और दादा हुआ जो इस्राएल के गोत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यद्यपि अपने शुरूआती दिनों में वह एक धोखेबाज के रूप में सामने आया, याकूब के पास सही चीजों के लिए उमंग और सहज प्रवृत्ति थी । वह जानता थाः
1. किसके लिए लड़ना हैः उसकी प्राथमिकताएँ स्पष्ट थीं। हालाँकि लाबान ने उसे कईं बार धोखा दिया, लेकिन उसने कभी बदला नहीं लिया। वह स्थिति से बाहर आने के लिए जो कुछ भी कर सकता था करता है और परमेश्वर उसका समर्थन करते हैं। आत्मिक धन की लालसा और उसका पीछा करते हुए वहः
- पहिलौठे के अधिकार के लिए लड़ता है (25:31,32)
- आशीषों (पिता की) के लिए लड़ता है (27)
- oआशीषों (परमेश्वर की) के लिए लड़ता है (32:26) - मूल लड़ाई ‘‘प्रभु के दूत’’ द्वारा शुरू की गई थी, जो यीशु प्रतीत होता है। वह तब तक लड़ता है जब तक कि वह उसे घायल करने पर मजबूर नहीं हो जाता और अंत में याकूब हार मान लेता है, और एक नई पहचान के साथ आशीष पाता है - इस्राएल, अर्थात परमेश्वर का चुना हुआ राष्ट्र।
परमेश्वर लगातार हमारे साथ प्रयास कर रहे हैं और कभी-कभी उसे हमें चोट पहुँचानी पड़ती है ताकि हम उसकी आशीषों का आनन्द ले सकें।
2. कब मेल करना हैः
- लाबान के साथ (31:41-55), उसके जाने के तुरन्त बाद लाबान के साथ अंतिम मुलाकात में एक वाचा के साथ उसके आपसी मतभेद समाप्त हो जाते हैं।
- एसाव के साथ (उत्पत्ति 33), वापस लौटने पर उसका पहला विचार यह था कि, वह सुलह करने के लिए एसाव को अपनी फलस का उत्तम भाग देगा।
3. किससे लिपटे रहना हैः याकूब परमेश्वर से लिपटा रहता है; उसकी उपस्थिति और आशीष चाहता है। (उत्पत्ति 32:22-32)
4. वह कहाँ का हैः वह कनान से भागता और अपने पुरखों की भूमि पर लौट आता है। उत्पत्ति 31:3 एक वृद्ध व्यक्ति के रूप में, जब वह मिस्र के लिए प्रस्थान करता है, तो अपनी हड्डियों को प्रतिज्ञा के देश में गाड़ने का आग्रह करता है। (उत्पत्ति 49:29)।
5. अपनी विरासत को कैसे बनाए रखना हैः वह अपने बच्चों में मजबूत विश्वास को आत्मसात करता है। हम देखते हैं कि छोटी उम्र में ही बेच दिए जाने के बाद भी, यूसुफ मिस्र में अपने विश्वास को बनाए रखता है। यह उल्लेखनीय है कि याकूब पक्षपात के उसी गड्ढे में गिर जाता है, जिस तरह उसके पिता ने यूसुफ के जीवन को खतरे में डाल दिया था। हम फिर से देखते हैं कि सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पीढ़ियों तक असर दिखाते हैं।
6. वह क्यों काम कर रहा थाः उस महिला के लिए जिससे वह प्रेम करता था- अपने ही समुदाय में शादी करने की उसकी माँ की इच्छा के अनुरूप (उत्पत्ति 28:6,7)। ‘‘याकूब ने राहेल के लिए सात बरस सेवा की; और वे उसको राहेल की प्रीति के कारण थोड़े ही दिनों के बराबर जान पड़े’’ (उत्पत्ति 29:20)
हमें क्या चलाता है? हम किसके लिए लड़ते हैं? हम कब मेल करते हैं? हम किससे लिपटे रहते हैं? हम कहाँ के हैं? हम विरासत को कैसे बनाए रखते हैं? हम काम क्यों करते हैं?
کتێبی پیرۆز
دەربارەی ئەم پلانە

पुराने नियम में, परमेश्वर ने लोगों (संपर्क) को चुना, उनके साथ अनेकों तरीकों से बातचीत की।यह, नए नियम के प्रकाश में, वचन के गहरे दृष्टिकोण को प्रदान करता है। परमेश्वर के संपर्को के चार भाग हैं, जिसमे पहला भाग पुराने नियम के कुलपतियों का काल है – जिसमे प्रमुख लोगों के आधार अर्थात विश्वास की चर्चा की गयी है।
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