परमेश्वर के संपर्क - पुराने नियम की एक यात्रा (भाग 1 पुराने नियम का सार, कुलपतियों के काल )نموونە

आदम - एक पतित विश्वास
परमेश्वर की ओर से एक वचन, प्रकाश का विस्फोट; और संसार का जन्महुआ। सृष्टि के मुकुट अर्थात आदम और हव्वा की रचना के साथ साथ, सृष्टि, परमेश्वर की दृष्टि में भली थी।
वे परमेश्वर और एक दूसरे के साथ,घनिष्ठ संगति का आनन्द लेने के लिये बनाए गए थे, और उन्होंने आनंद उठाया भी, वहाँ कोई बीमारी, दर्द और मृत्यु नहीं थी। उन्हें जीवन के वृक्ष सहित - पूर्ण आनन्द और पूर्ण पहुँच प्रदान की गई थी। वहाँ केवल एक ही पेड़ था जिसका फल छूने के लिये परमेश्वर ने मना किया था, ताकि वे मर न जाएं। परमेश्वर के स्वरूप में सृजित होने के कारण , उनके पासआज्ञा मानने, परमेश्वर का अनुसरण करने, या शैतान का अनुसरण करने की इच्छा, विवेक और चुनने की स्वतंत्रता थी।
यहीं पर शैतान एक धूर्त सर्प के माध्यम से प्रवेश करता है। उसने उन्हें उसके लिये विवश किया जोः
- उनके लिये आवश्यक नहीं था
- जिसने जीवन की गुणवत्ता को घटाया
- संगति को तोड़ा
- शैतान को नियंत्रण दिया
- उनके प्रियजनों को प्रभावित किया
आदम और हव्वा ने उसके जाल में फंसने का चुनाव किया। परमेश्वर अपनी रचना को बिगड़ी हुई देख कर, उनके पास गए। लेकिन अपने ऊपर ज़िम्मेदारी लेने के बजाय, आदम हव्वा पर दोष लगाता है, हव्वा शैतान पर दोष लगाती है - उनके रिश्तों में दरारें दिखाई देने लगती हैं।
परमेश्वर घोषणा करते हैंः
- सर्प, (और शैतान) को शाप दिया गया की वह अपने पेट के बल रेंगेगा। आदम और हव्वा का भावी वंश (यीशु), एक दिन शैतान के सिर की अपने पैर से कुचलेगा।
- स्त्री दर्द में बच्चा पैदा करेगी; उसकी लालसा उसके पति की ओर होगी और उसका पति उस पर प्रभुता करेगा।
- पुरूष ऐसी भूमि पर परिश्रम करेगा जो शापित और अनुत्पादक थी। (यह शाप बाद में हटा दिया गया था)।
वाटिका से हमेशा के लिये निकाले जाने, जीवन के वृक्ष तक कोई पहुँच नहीं होने के बाद, अब उनका संसार पाप, मृत्यु, पीड़ा बीमारी और दर्द से पीड़ित हो गया था। संसार पर उनके अधिकार को शैतान ने हड़प लिया, जिसने उन्हें पाप के द्वारा बंदी बना लिया था।
निसंदेह मनुष्य स्वयं इस दुःख को अपने ऊपर लाया, लेकिन परमेश्वर ने इसकी अनुमति क्यों दी? यदि परमेश्वर बीमारी और मृत्यु को नष्ट करते हैं, तो उन्हें मानवजाति को नष्ट करना होगा (2 पतरस 2:9)। वास्तव में हमें छुड़ाने के लिये उन्हें स्वयं मृत्यु भोगनी पड़ी।
हालाँकि परमेश्वर को आदम और हव्वा पर न्याय के तहत उन्हें दंड देना चाहिए था ,लेकिन अपने प्रेम के तहत उन्होंने
- उन्हें ढंका
- उन्हें यथासंभव सर्वोत्तम सीमा तक पुनः स्थापित किया
- यीशु के द्वारा पूर्ण पुर्नस्थापन की योजना बनाई गयी
आज हमारे सामने चुनाव है। जीवन को गले लगाने का चुनाव; मृत्यु को गले लगाने का चुनाव; आदम और हव्वा गलत पेड़ के पास गए, वे उसी के पास लगे जीवन के पेड़ से चूक गये । क्या हम परमेश्वर के अद्भुत आश्चर्यों से चूक रहे हैं? हम किसके लिये आगे बढ़ रहेहैं?
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पुराने नियम में, परमेश्वर ने लोगों (संपर्क) को चुना, उनके साथ अनेकों तरीकों से बातचीत की।यह, नए नियम के प्रकाश में, वचन के गहरे दृष्टिकोण को प्रदान करता है। परमेश्वर के संपर्को के चार भाग हैं, जिसमे पहला भाग पुराने नियम के कुलपतियों का काल है – जिसमे प्रमुख लोगों के आधार अर्थात विश्वास की चर्चा की गयी है।
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