1
मत्ती 12:36-37
Rana Tharu Bible, 2025
RTu2025
लेकिन मैं तुमसे सच कहथौं, कि इंसान को न्याय के दिन अपनी हर एक बेकार निकम्मी बातन को लेखा देने होगो। काहैकि तैं अपनी बातन के बजह से निर्दोस और अपनी बातन के बजह से दोसी मानो जाबैगो।”
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2
मत्ती 12:34
अरे साँप के बालकौ, जब तुम बुरे होत भै अच्छी बात कैसे कह सकथौ? काहैकि जो मन मैं भरो होथै, बहे मोहों से निकरथै।
3
मत्ती 12:35
एक अच्छे इंसान के मन के भंडार मैं से अच्छाई इखट्टी है बहे मैं से अच्छी बात निकरथै, जबकी एक बुरो इंसान जो बुराई बाके मन मैं है बहे मैं से बुरी बात निकरथैं।
4
मत्ती 12:31
तभई मैं तुम सच कहथौं, कि हर एक पाप निंदा माफ करो जागो, लेकिन जो कोई पवित्र आत्मा की बुराई करथै बाकै माफ ना करी जागी।
5
मत्ती 12:33
“अच्छो फल पान के ताहीं तुमरे झोने एक अच्छो पेंड़ होनो चाहिए; अगर तुमरे झोने खराब पेंड़ है, तौ तुमरे झोने खराब फल होंगे। काहैकि पेंड़ अपने फल से पहचानो जाथै।
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