लूका परिचय

परिचय
लूका रचित सुसमाचार नयो नियम कि उन चार किताबों म सी एक आय, जेको म यीशु को जीवन को वर्नन हय। उन हर एक किताबों ख सुसमाचार कह्य हय। यीशु को मरन को बाद मत्ती, मरकुस, अऊर यूहन्ना न या किताब लिखी। लूका न केवल यीशु को जीवन की कहानीच नहीं लिखी बल्की ओको मरन को बाद ओको चेलां को कामों को बारे म भी लिख्यो। “प्रेरितों को काम” नाम की किताब म इन्को बारे म पढ़न ख मिलय हय। लूका को सुसमाचार कहां अऊर कब लिख्यो गयो येको बारे म निश्चित मालूम नहाय। पर ज्यादातर पढ़न वालो यो मानय हय कि लूका रचित सुसमाचार यीशु को जनम को लगभग ७० साल को बाद लिख्यो गयो होना।
या किताब को लेखक खुद लूका आय। जो डाक्टर होतो। ओको लिखन को तरीका अऊर भाषा सी यो पता चलय हय कि लूका एक पढ़्यो लिख्यो आदमी होतो। लूका चाहत होतो कि यीशु को जीवन की घटना ख सही-सही लिख्यो जाये, अऊर घटनाये जसी भयी ठीक वसोच लिख्यो जाये ताकि उन्को बारे म पढ़ क फायदा हो। १:१-३ लूका यहूदी नहीं होतो। कुलुस्सियों ४:१०-१४ ओन असो तरह सी लिख्यो कि गैरयहूदी भी ओकी लिखित सरलता सी समझ सके, जो तरह सी यहूदी रीति रिवाजों को वर्नन करयो गयो हय, ओको सी यो पता चलय हय। १:८
बहुत ज्यादा मात्रा म लूका रचित सुसमाचार मत्ती अऊर मरकुस की किताबों जसी हय। तीनयी किताबों म उच घटनावों को वर्नन एक जसो करयो गयो हय। पर लूका की किताब म बपतिस्मा करन वालो यूहन्ना को जनम को बारे म सब सी ज्यादा जानकारी मिलय हय। लूका म “माफी को बारे म सब सी ज्यादा लिख्यो हय।” ३:३, ११:४, १७:३-४, २३:३४, २४:४७ प्रार्थना को बारे म सब सी ज्यादा लिख्यो हय ३:२१, ५:१६, ६:१२, १७:१-१२, २२:३२
रूप-रेखा
१. लूका रचित सुसमाचार की भूमिका अऊर लिखन को वजह बतावय हय। १:१-४
२. यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो अऊर यीशु को जनम यां बचपन। १:५–२:५२
३. यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो की जनसेवा। ३:१-२०
४. यीशु को बपतिस्मा अऊर परीक्षा। ३:२१–४:१३
५. गलील म यीशु की जनसेवा। ४:१४–९:५०
६. गलील सी यरूशलेम तक यात्रा। ९:५१–१९:२७
७. यरूशलेम म आखरी हप्ता। १९:२८–२३:५६
८. प्रभु को पुनरुत्थान, दिखायी देनो, अऊर स्वर्गारोहन। २४:१-५३

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लूका परिचय: Lii25

Ìsàmì-sí

Pín

Daako

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Ṣé o fẹ́ fi àwọn ohun pàtàkì pamọ́ sórí gbogbo àwọn ẹ̀rọ rẹ? Wọlé pẹ̀lú àkántì tuntun tàbí wọlé pẹ̀lú àkántì tí tẹ́lẹ̀