1 कुरिन्थियों 2

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1भाइयो और बहिनो! जब मैं परमेश्‍वर के रहस्‍य की घोषणा सुनाने आप लोगों के यहाँ आया, तो मैंने शब्‍दाडम्‍बर अथवा पाण्‍डित्‍य का प्रदर्शन नहीं किया।#1 कुर 1:17 2मैंने निश्‍चय किया था कि मैं आप लोगों में येशु मसीह और क्रूस पर उनकी मृत्‍यु के अतिरिक्‍त किसी और विषय पर ध्‍यान नहीं दूँगा।#गल 6:14 3वास्‍तव में मैं आप लोगों के बीच रहते समय दुर्बल, संकोची और बहुत डरा हुआ था।#प्रे 18:9; 2 कुर 11:30 4मेरे प्रवचन तथा मेरे सन्‍देश में विद्वत्तापूर्ण शब्‍दों का आकर्षण नहीं, बल्‍कि आत्‍मा का सामर्थ्य था, 5जिससे आप लोगों का विश्‍वास मानवीय प्रज्ञ पर नहीं, बल्‍कि परमेश्‍वर के सामर्थ्य पर आधारित हो।#इफ 1:17; 1 थिस 1:5
परमेश्‍वर की प्रज्ञ
6उन लोगों के बीच, जो परिपक्‍व हो गये हैं, हम भी प्रज्ञ की बातें करते हैं। यह प्रज्ञ न तो इस युग-संसार की है और न इस युग-संसार के अधिपतियों की । ये तो समाप्‍त हो जाने वाले हैं।#फिल 3:15 7हम परमेश्‍वर की उस रहस्‍यमय प्रज्ञ और उद्देश्‍य की घोषणा करते हैं, जो अब तक गुप्‍त रहे, जिन्‍हें परमेश्‍वर ने संसार की सृष्‍टि से पहले ही हमारी महिमा के लिए निश्‍चित किया था,#रोम 16:25 8और जिन को इस युग-संसार के अधिपतियों में से किसी ने नहीं जाना। यदि वे लोग उन्‍हें जानते, तो महिमामय प्रभु को क्रूस पर नहीं चढ़ाते।#लू 13:34; याक 2:1; कुल 1:26; बारू 3:14-17 9हम उन बातों के विषय में बोलते हैं, जिनके सम्‍बन्‍ध में धर्मग्रन्‍थ यह कहता है, “परमेश्‍वर ने अपने भक्‍तों के लिए जो तैयार किया है, उस को किसी ने कभी देखा नहीं, किसी ने सुना नहीं, और न कोई उसकी कल्‍पना ही कर पाया।”#यश 64:4; प्रव 1:9-10 10परमेश्‍वर ने अपने आत्‍मा द्वारा हम पर वही प्रकट किया है, क्‍योंकि आत्‍मा सब कुछ की, परमेश्‍वर के रहस्‍य की भी, थाह लेता है।#मत 13:11; नीति 20:27
11मनुष्‍य की निजी आत्‍मा के अतिरिक्‍त कौन किसी का अन्‍तरतम जानता है? इसी तरह परमेश्‍वर के आत्‍मा के अतिरिक्‍त कोई भी परमेश्‍वर का अन्‍तरतम नहीं जानता। 12हमें संसार का आत्‍मा नहीं, बल्‍कि वह आत्‍मा मिला है जो परमेश्‍वर से है, जिससे हम परमेश्‍वर से प्राप्‍त वरदान पहचान सकें।#यो 16:13-14 13हम इन वरदानों की व्‍याख्‍या करते समय मानवीय बुद्धि से प्रेरित शब्‍दों का नहीं, बल्‍कि आत्‍मा द्वारा प्रदत्त शब्‍दों का प्रयोग करते हैं। इस प्रकार हम आध्‍यात्‍मिक शब्‍दावली में#2:13 अथवा “आध्‍यात्‍मिक मनुष्‍यों के लिए”। आध्‍यात्‍मिक तथ्‍यों की विवेचना करते हैं।#1 कुर 1:4 14प्राकृत मनुष्‍य परमेश्‍वर के आत्‍मा की शिक्षा स्‍वीकार नहीं करता। वह उसे मूर्खता मानता और उसे समझने में असमर्थ है, क्‍योंकि आत्‍मा की सहायता से ही उस शिक्षा की परख हो सकती है।#यो 8:47; 14:17 15आध्‍यात्‍मिक मनुष्‍य सब बातों की परख करता है, किन्‍तु कोई भी उस मनुष्‍य की परख नहीं कर सकता;#1 यो 2:20 16क्‍योंकि जैसा धर्मग्रंथ में कहा गया, “प्रभु का मन कौन जानता है? कौन उसे परामर्श दे सकता है?” और हम में तो मसीह का मन विद्यमान है।#रोम 11:34; यश 40:13 (यू. पाठ)

Àwon tá yàn lọ́wọ́lọ́wọ́ báyìí:

1 कुरिन्थियों 2: HINCLBSI

Ìsàmì-sí

Pín

Daako

None

Ṣé o fẹ́ fi àwọn ohun pàtàkì pamọ́ sórí gbogbo àwọn ẹ̀rọ rẹ? Wọlé pẹ̀lú àkántì tuntun tàbí wọlé pẹ̀lú àkántì tí tẹ́lẹ̀