1
योहन 11:25-26
पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)
HINCLBSI
येशु ने कहा, “पुनरुत्थान और जीवन मैं हूँ। जो मुझ में विश्वास करता है, वह मरने पर भी जीवित रहेगा और जो जीवित है, तथा मुझ में विश्वास करता है, वह कभी नहीं मरेगा। क्या तुम इस बात पर विश्वास करती हो?”
Ṣe Àfiwé
Ṣàwárí योहन 11:25-26
2
योहन 11:40
येशु ने उसे उत्तर दिया, “क्या मैंने तुम से यह नहीं कहा कि यदि तुम विश्वास करोगी, तो परमेश्वर की महिमा देखोगी?”
Ṣàwárí योहन 11:40
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योहन 11:35
येशु रो पड़े।
Ṣàwárí योहन 11:35
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योहन 11:4
येशु ने यह सुन कर कहा, “इस बीमारी का अन्त मृत्यु नहीं, बल्कि यह परमेश्वर की महिमा के लिए है। इसके द्वारा परमेश्वर का पुत्र महिमान्वित होगा।”
Ṣàwárí योहन 11:4
5
योहन 11:43-44
यह कह कर येशु ने ऊंचे स्वर से पुकारा, “लाजर! बाहर निकल आओ!” मृतक बाहर निकल आया। उसके हाथ और पैर पट्टियों से बंधे हुए थे और उसके मुख पर अंगोछा लपेटा हुआ था। येशु ने लोगों से कहा, “इसके बन्धन खोल दो और इसे जाने दो।”
Ṣàwárí योहन 11:43-44
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योहन 11:38
येशु ने फिर गहरी साँस ली और कबर पर आए। वह कबर एक गुफा थी, जिसके मुँह पर पत्थर रखा हुआ था।
Ṣàwárí योहन 11:38
7
योहन 11:11
इतना कहने के बाद वह फिर उन से बोले, “हमारा मित्र लाजर सो गया है। किन्तु मैं उसे नींद से जगाने जा रहा हूँ।”
Ṣàwárí योहन 11:11
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