मुकाशफ़ा 1:1-7

मुकाशफ़ा 1:1-7 DGV

यह ईसा मसीह की तरफ़ से मुकाशफ़ा है जो अल्लाह ने उसे अता किया ताकि वह अपने ख़ादिमों को वह कुछ दिखाए जिसे जल्द ही पेश आना है। उसने अपने फ़रिश्ते को भेजकर यह मुकाशफ़ा अपने ख़ादिम यूहन्ना तक पहुँचा दिया। और जो कुछ भी यूहन्ना ने देखा है उस की गवाही उसने दी है, ख़ाह अल्लाह का कलाम हो या ईसा मसीह की गवाही। मुबारक है वह जो इस नबुव्वत की तिलावत करता है। हाँ, मुबारक हैं वह जो सुनकर अपने दिलों में इस किताब में दर्ज बातें महफ़ूज़ रखते हैं, क्योंकि यह जल्द ही पूरी हो जाएँगी। यह ख़त यूहन्ना की तरफ़ से सूबा आसिया की सात जमातों के लिए है। आपको अल्लाह की तरफ़ से फ़ज़ल और सलामती हासिल रहे, उस की तरफ़ से जो है, जो था और जो आनेवाला है, उन सात रूहों की तरफ़ से जो उसके तख़्त के सामने होती हैं, और ईसा मसीह की तरफ़ से यानी उससे जो इन बातों का वफ़ादार गवाह, मुरदों में से पहला जी उठनेवाला और दुनिया के बादशाहों का सरदार है। उस की तमजीद हो जो हमें प्यार करता है, जिसने अपने ख़ून से हमें हमारे गुनाहों से ख़लासी बख़्शी है और जिसने हमें शाही इख़्तियार देकर अपने ख़ुदा और बाप के इमाम बना दिया है। उसे अज़ल से अबद तक जलाल और क़ुदरत हासिल रहे! आमीन। देखें, वह बादलों के साथ आ रहा है। हर एक उसे देखेगा, वह भी जिन्होंने उसे छेदा था। और दुनिया की तमाम क़ौमें उसे देखकर आहो-ज़ारी करेंगी। हाँ, ऐसा ही हो! आमीन।