मसीह एक धर्मात्मा (परमेश्वर-मनुष्य): कुंवारी से जन्म ले ने पर पड़ने वाला प्रभाव Намуна

चार तरीके हैं जिनके द्वारा मनुष्यों ने इस संसार में जन्म लिया हैः(1)बिना मनुष्य की मदद के (आदम)( (2)बिना किसी औरत के (हव्वा)( (3) स्त्री और पुरूषकी सहायता से (आप और मैं);और (4)बिना पुरूष की सहायता के (यीशु)। बाइबल के परमेश्वर के लिए,अन्य तरीकों के समान कुंवारी से जन्म देना कोई असम्भव कार्य नहीं है।
इसी प्रकार का तथ्य अलैंगिक प्रजनन है, जो प्राकृतिक क्षेत्र में मौजूद है,जिसे पर्थीनोजेनेसिस अर्थात अछूती वंशवृद्धि कहा जाता है,जो कुंवारी शुरूआत का विज्ञान है। इन दोनों में एक समानता है। हालांकि वे कुंवारी से जन्म लेने को लेकर पूरी तरह से सदृश नहीं हैं। एक मधुमक्खियों के झुण्ड में केवल एक रानी मक्खी होती है जो सारे अण्डे देती है। जिन अण्डों को निषेचित किया जाता है वे सभी मादा कार्यकर्ता होती है। लेकिन जिन्हें निषेचित नहीं किया जाता है वे नर मधुमक्खी बन जाते हैं। अब देखिये यदि परमेश्वर प्रकृति में एक ही लिंग वाले जीव से मधुमक्खियों को पैदा कर सकते हैं तो,वह अपने केवल एक स्त्री के बीज से अपने लिए पुत्र को उत्पन्न क्यों नहीं कर सकते?हम मसीह के कुंवारी से जन्म लेने के चमत्कारी स्वभाव को कम नहीं करना चाहते,लेकिन यह बात असम्भव नहीं है। हालांकि परमेश्वर आंतरिक रूप से असम्भव कामों को नहीं करते हैं,लेकिन वह मानवीय दृष्टिकोण से असम्भव कामों को कर सकते हैं। "क्योंकि पमरेश्वर के लिए कोई भी कार्य कठिन नहीं है(लूका 1:37)। प्रकृति से लिया गया उदारहण दिखाता है कि कुंवारी से जन्म लेना आंतरिक तौर पर असम्भव नहीं है,वरन ऐसा होता नहीं है।
इसके अलावा,मानवता में यीशु का जन्म सामान्य तौर पर हुआ था। उसकी गर्भावस्था के दिन पूरे हुए थे(लूका 2:6);यीशु मसीह का जन्म सामान्य,मनुष्य की देह के साथ हुआ था,और उसमें एक मानवीय स्वभाव भी था(फिलिप्पियों 2:7-8)।परमेश्वर पुत्र एक मनुष्य बना। इस वास्तविकता पर विचार करते हुए दो अलग अलग लेकिन एक दूसरे से जुड़े प्रश्न खड़े होते हैंः कैसे परमेश्वर सच में पूर्णतः मनुष्य बन सकते हैं,और कैसे एक मनुष्य पूरी तरह परमेश्वर हो सकता है?दोनों ही प्रश्नों का उत्तर हमें उसके जन्म में मिल जाता है।
अगले कुछ दिनों में,हम बहुत से ऐसे तरीकों का अध्ययन करेगें जिनके द्वारा कुंवारी से जन्म लेना,मसीह के देहधारण के विरूद्ध झूठी शिक्षाओं से बचाता है।
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छह दिन डॉ.रमेश रिचर्ड के साथ बिताएं, जो RREACH (वैश्विक स्तर पर सुसमाचार सुनाने वाली सेवकाई) के अध्यक्ष और डालास थियोलोजिकल सेमिनरी के आचार्य हैं, जो हमें मसीह की ईश्वरीयता और उसकी मानवता से सम्बन्धित समयोचित प्रकाशन प्रदान करेगें। अपने हृदय को कुवांरी से जन्म लेने तथा मसीही जीवन में इसके आशय के महत्व पर चिन्तन करते हुए क्रिमसस के पर्व को मनाने के लिए तैयार करें।
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