अच्छे से जिओ कोविड के समयों में Chikamu

भजन संहिता २७:१३
यदि मुझे विश्वास न होता कि जीवितों की पृथ्वी पर यहोवा की भलाई को देखूँगा, तो मैं मूर्च्छित हो जाता।
आशा बोहोत महत्वपूर्ण है। एक गुण जो नाजियों के दहला देनेवाले एकाग्रता शिविरों के बीच में समान था, वो यह की उनके पास - आशा थी। उन्होंने इसबात पर विश्वास किया की यह अंत नही है। उनके आस-पास हजारों मरने के बावजूद उनके लिए यह अंत नही था।
जिस दिन यीशु मरे शायद वो दिन चेलों के लिए बड़ी निराशा का दिन रहा होगा। अगले तीन दिन बोहोत बत्तर रहे होंगे, जैसे की उनका पूरा संसारबिखरकर गिर गया हो। हर एक सपना तितर-बितर हो गया होगा।
यहाँतक की वो यह बात याद भी नही कर पा रहे थे, की यीशु ने कहाँ था मैं फिर से जी उठूँगा। जिस परिस्थिती में वो थे, उसके परे भी नही देख पा रहेथे। यही तो होता है, जब हम आशा खो देते है।
भजन संहिता १६:१०
क्योंकि तू मेरे प्राण को अधोलोक में न छोड़ेगा, न अपने पवित्र भक्त को कब्र में सड़ने देगा।
यह भविष्यवाणी के तौर पर यीशु के बारे में लिखा गया है। वो जानता था की प्रभु उसे कब्र में ही रहने नही देगा। पुनरुत्थान होगा। यह परिस्थिती अंत नहीहै।
मनन करे:
• मरकुस १०:३४
वे उसको ठट्ठों में उड़ाएँगे, उस पर थूकेंगे, उसे कोड़े मारेंगे और उसे घात करेंगे, और तीन दिन के बाद वह जी उठेगा।”
प्रार्थना करे:
• उसका वचन जो हमेशा स्थिर रहता है, उसके लिए प्रभु को धन्यवाद दे।
• जो प्रतिज्ञाएँ प्रभु ने आपको दी, उनको लेकर अपने खुद के ऊपर प्रार्थना करे।
• यीशु हमारी जीवित आशा है। अपने शहर और राष्ट्र के ऊपर आशा की घोषणा करे।
Rugwaro
Zvinechekuita neHurongwa uhu

इस पढ़ने की योजना में वर्तमान महामारी की स्थिति में भी प्रभु की भलाई के बारे में गहरी बाते लिखी हुई है। प्रभु हमेशा भला है, और हमेशा पूरी तरह नियंत्रण में है, हालाँकि मनुष्य इसे समझ नही सकता है। वह अकेले ही उन लोगों के लिए सभी चीजों को भलाई में बदलने की क्षमता रखता है, जो उससे प्रेम करते है!
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