तअ तबे: हे मेरे भाऐ-बंईणों! तुऐं लोग आपु ही मुँझ्शे सात्त आच्छ़ै चाल-चल़्ण वाल़े मरोद् च़ूणीं-छ़ाँटी दियों; जुण्जे के पबित्र-आत्त्मा अरह् बुद्धी शे भे भर-पुर हले; जिनू आँमें ऐसी काँम-काज़ खे तैयार करी सको। अरह् तबे आँमें आँपु प्रार्थना दें अरह् बचन की सेंवा दे लागे अँदे रँह्ऊबे।”