मसीह एक धर्मात्मा (परमेश्वर-मनुष्य): कुंवारी से जन्म ले ने पर पड़ने वाला प्रभाव ნიმუში

अब हम बहुत निकटता के साथ पुत्र की ईश्वरीयता का अध्ययन करेगें।
यीशु मसीह,शतप्रतिशत मनुष्य,पूर्णतः व वास्तव में परमेश्वर भी थे...
- उसके जीवन के अन्त के दिनों में उसे अपनाया नहीं गया। गोद लिया जाना कहता है कि मसीह परमेश्वर के विशेष आदेश से एक कुंवारी के द्वारा पैदा हुआ था,उसके सहने की क्षमता के हिसाब से उसे परखा गया और उसे बपतिस्में के समय में विशेष सामर्थ्य प्रदान की गयी थी। लेकिन एक मनुष्य अपने जीवन के अन्त में परमेश्वर नहीं बन सकता। कुंवारी से जन्म लेने ने इस बात का पोषण किया कि यीशु सदैव दिव्य शक्ति थे।
- केवल एक मानव हुए बिना।इबिओनिटीज़्म के मतभेद के अनुसार,यीशु केवल अन्तिम और सर्वश्रेष्ठ भविष्यद्वक्ता,यूसुफ और मरियम के स्वाभाविक पुत्र थे,लेकिन वह परमेश्वर के अनन्त पुत्र नहीं थे। कुंवारी से जन्म लेने के द्वारा परमेश्वर की पूर्णतः को यीशु में शारीरिक अवस्था में होकर रहने का स्थान मिला (कुलुस्सियों2:9)।
- निष्पाप होने के द्वारा। आदम का वंशज किस प्रकार से निष्पाप हो सकता है?एक धर्मात्मा के लिए ईश्वर और मनुष्य दोनों ही होना, और मनुष्य के पापमय स्वभाव से बचे रहकर अपनी ईश्वरीयता को बनाए रखना बहुत ज़रूरी है। कुंवारी से जन्म लेना यीशु की मानवता और उसके निष्पाप होने का समर्थन करता है,क्योंकि उसका जन्म आदम के अन्य वंशजों के समान नहीं हुआ था।
- परमेश्वर द्वारा अन्य आदम की रचना किए बिना। यदि परमेश्वर ने मिट्टी लेकर दूसरे निष्पाप मनुष्य को रचकर उसका नाम यीशु रख दिया होता,तो वह कभी आदम का वंशज नहीं कहलाता,जिसमें आदम के वंशजों को बचाने की विश्वसनीयता नहीं होती। वह परमेश्वर भी नहीं हो सकता था। केवल परमेश्वर ही मानव जाति का उद्धार कर सकते हैं। कुंवारी से जन्म लिए बिना आदम के वंशज का मानव जाति के उद्धार के लिए निष्पाप उद्धारकर्ता होना असम्भव था।
यह कैसे सम्भव है कि परमेश्वर मनुष्य तो बने,लेकिन केवल मनुष्य न रहे? कैसे यीशु ईश्वर और मनुष्य एक साथ हो सकते हैं? कुंवारी से जन्म लेना इन सारी बातों को सम्बोधित करता है। यह परमेश्वर के विशेष देहधारण को सम्भव बनाता है (यूहन्ना1,14,17)जिसका परिणाम हमारा अपना तथा सम्पूर्ण मानवजाति का उद्धार होता है। क्या आपने क्षमा प्राप्त करने के लिए धर्मात्मता (परमेश्वर-मनुष्य) पर विश्वास किया है
MkW] jes’kfjpMZ dh lsodkbZckjsesavf/kdtkudkjh ds fy, https://rreach.org .ijtk,aA
წმიდა წერილი
About this Plan

छह दिन डॉ.रमेश रिचर्ड के साथ बिताएं, जो RREACH (वैश्विक स्तर पर सुसमाचार सुनाने वाली सेवकाई) के अध्यक्ष और डालास थियोलोजिकल सेमिनरी के आचार्य हैं, जो हमें मसीह की ईश्वरीयता और उसकी मानवता से सम्बन्धित समयोचित प्रकाशन प्रदान करेगें। अपने हृदय को कुवांरी से जन्म लेने तथा मसीही जीवन में इसके आशय के महत्व पर चिन्तन करते हुए क्रिमसस के पर्व को मनाने के लिए तैयार करें।
More
Related Plans

Every Nation: Getting to Know God More Through Psalm 19

Bold Prayers for Moms: A Back-to-School Devotional

Pentecost and the Work of the Spirit

A Slower Life

Cradled in Hope

A Heart After God: Living From the Inside Out

Unstoppable

Create: 3 Days of Faith Through Art

2 Kings | Chapter Summaries + Study Questions
