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सच्ची आत्मिकता Ihe Nhụchatụ

सच्ची आत्मिकता

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सच्ची आत्मिकता कहाँ प्रारंभ होती है

“परमेश्वर, यदि आप वास्तव में कहीं हैं, तो अपने आप को मुझे पर प्रगट करो।”

मैं सोचता हूं कि यही मेरी ईमानदारी से की गयी प्रार्थना थी। मैं अपने कॉलेज जा रहा था। मेरे पास छात्रवृत्ति, एक सुन्दर गर्लफ्रैंड, और बहुत बड़ी बड़ी योजनाएं थीं, लेकिन फिर भी मुझे खाली और अकेलापन महसूस होता था। इसलिए मैंने परमेश्वर से प्रार्थना की कि वह मुझे अपने आप पर प्रगट करे।

और उसने ऐसा किया। कुछ हफ्तों के बाद मैं ने मसीही खिलाड़ियों के लिए आयोजित एक कैम्प में मसीह को अपने जीवन में आमन्त्रित करने के लिए प्रार्थना की। परमेश्वर मेरे जीवन के बहुत से प्रश्नों के उत्तर देने लगेः

·  परमेश्वर हम से क्या चाहते हैं?

·  सच्चा मसीही होना कैसा नज़र आता है?

·  यदि मसीही होने का अर्थ कुछ नियमों का पालन करना या किसी स्तर से तुलना करना नहीं है तो फिर मसीही होना क्या है?

·  सच्चा आत्मिक जीवन क्या होता है?

परमेश्वर ने मेरे जीवन को कहां पर परिवर्तित करना प्रारम्भ किया? रोमियों 12:1-21 इसमें जीवन से जुड़ी हुई बहुत सी बातें लिखी हुई हैं। किस प्रकार से परमेश्वर की दया हमारे लिए द्वार खोल सकती है कि हम उसे अपना जीवन दे सकें। क्यों इसका सरोकार धार्मिक गतिविधियों या नियमों का पालन करने से है। 

और किस तरह से इसका अभिप्राय उसके साथ घनिष्ठ सम्बन्ध से है जिसमें हमारे दैनिक जीवन के हर क्षेत्र से जुड़े अनुप्रयोग शामिल हैं। 

सच्ची आत्मिकता उस घनिष्ठ सम्बन्ध से प्रारम्भ होती है। 

परमेश्वर हम सभी से यही उम्मीद करते हैं। वह चाहते हैं कि हम उस अनुग्रह और पक्ष में जीवन बिताना सीखें जो हमें पहले से ही दिया गया है, वह चाहता है कि हम उसके पुत्र के समान जीवन व्यतीत करें ताकि हम उसे प्रेम कर सकें और उसमें आनन्द मना सकें- और ठीक उसी प्रकार से प्रेम कर सकें जैसे कि वह उन्हें प्रेम करता है। 

यह जीवन को पुन: दिशा प्रदान करना है। 

बहुत से मसीही लोग इस रिश्ते की परिपूर्णता का अनुभव नहीं कर पा रहे हैं। लेकिन रोमियों 12 सुनिश्चित करता है कि हम ऐसा कर सकते हैं। 

सच्ची आत्मिकता मेरे और आपके द्वारा परमेश्वर के द्वारा रिश्ता बनाने के आमन्त्रण का प्रतिउत्तर देना है। क्या आप विश्वास के द्वारा परमेश्वर के निर्देशों का उत्तर देने के लिए तैयार हैं?

जब आप ऐसा करते हैं, तो आपका हृदय और आपका जीवन उसमें एक हो जाता है, और आप जीवन, जुनून, उद्देश्यों से भर जाएगें और एक सच्ची आत्मिकता का जीवन जीने लगेगें।

Okwu Chukwu

Banyere Atụmatụ Ihe Ọgụgụ A

सच्ची आत्मिकता

एक सच्चे मसीही का जीवन कैसा होता है?रोमियों 12, बाइबल का यह खण्ड, हमें एक तस्वीर प्रदान करता है। इस पठन योजना में आप, सच्ची आत्मिकता के अन्तर्गत पढ़ेंगे कि परमेश्वर हमारे जीवन के हर एक हिस्से को बदलते हैं- अर्थात हमारे विचारों, नज़रिये, दूसरों के साथ हमारे रिश्ते, बुराई के साथ हमारी लड़ाई को। परमेश्वर की उत्तम बातों को ग्रहण करके आज ही गहराई से संसार को प्रभावित करें।

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