भजन संहिता 84:4-7

क्या ही धन्य हैं वे, जो तेरे भवन में रहते हैं; वे तेरी स्तुति निरन्तर करते रहेंगे। (सेला) क्या ही धन्य है वह मनुष्य, जो तुझ से शक्ति पाता है, और वे जिनको सिय्योन की सड़क की सुधि रहती है। वे रोने की तराई में जाते हुए उसको सोतों का स्थान बनाते हैं, फिर बरसात की अगली वृष्टि उसमें आशीष ही आशीष उपजाती है। वे बल पर बल पाते जाते हैं; उनमें से हर एक जन सिय्योन में परमेश्वर को अपना मुँह दिखाएगा।
भजन संहिता 84:4-7