Psalm 27:1-4

भजन संहिता 27:1-4 - यहोवा परमेश्‍वर मेरी ज्योति और
मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूँ?
यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है,
मैं किस का भय खाऊँ?
जब कुकर्मियों ने जो मुझे सताते और मुझी
से बैर रखते थे,
मुझे खा डालने के लिये मुझ पर चढ़ाई की,
तब वे ही ठोकर खाकर गिर पड़े।
चाहे सेना भी मेरे विरुद्ध छावनी डाले,
तौभी मैं न डरूँगा;
चाहे मेरे विरुद्ध लड़ाई ठन जाए,
उस दशा में भी मैं हियाव बाँधे निश्‍चिंत
रहूँगा।

एक वर मैं ने यहोवा से माँगा है, उसी के यत्न
में लगा रहूँगा;
कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में
रहने पाऊँ,
जिससे यहोवा की मनोहरता पर दृष्‍टि
लगाए रहूँ,
और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूँ।
Psalm 27:1-4