Proverbs 4:1-9

नीतिवचन 4:1-9 - हे मेरे पुत्रो, पिता की शिक्षा सुनो,
और समझ प्राप्‍त करने में मन लगाओ।
क्योंकि मैं ने तुम को उत्तम शिक्षा दी है;
मेरी शिक्षा को न छोड़ो।
देखो, मैं भी अपने पिता का पुत्र था,
और माता का अकेला दुलारा था।
और मेरा पिता मुझे यह कहकर सिखाता था,
“तेरा मन मेरे वचन पर लगा रहे;
तू मेरी आज्ञाओं का पालन कर,
तब जीवित रहेगा।
बुद्धि को प्राप्‍त कर, समझ को भी प्राप्‍त कर;
उनको भूल न जाना, न मेरी बातों को
छोड़ना।
बुद्धि को न छोड़, वह तेरी रक्षा करेगी;
उससे प्रीति रख, वह तेरा पहरा देगी।
बुद्धि श्रेष्‍ठ है इसलिये उसकी प्राप्‍ति के लिये
यत्न कर;
जो कुछ तू प्राप्‍त करे उसे प्राप्‍त तो कर
परन्तु समझ की प्राप्‍ति का यत्न
घटने न पाए।
उसकी बड़ाई कर, वह तुझ को बढ़ाएगी;
जब तू उससे लिपट जाए,
तब वह तेरी महिमा करेगी।
वह तेरे सिर पर शोभायमान भूषण बाँधेगी;
और तुझे सुन्दर मुकुट देगी।”

हे मेरे पुत्रो, पिता की शिक्षा सुनो, और समझ प्राप्‍त करने में मन लगाओ। क्योंकि मैं ने तुम को उत्तम शिक्षा दी है; मेरी शिक्षा को न छोड़ो। देखो, मैं भी अपने पिता का पुत्र था, और माता का अकेला दुलारा था। और मेरा पिता मुझे यह कहकर सिखाता था, “तेरा मन मेरे वचन पर लगा रहे; तू मेरी आज्ञाओं का पालन कर, तब जीवित रहेगा। बुद्धि को प्राप्‍त कर, समझ को भी प्राप्‍त कर; उनको भूल न जाना, न मेरी बातों को छोड़ना। बुद्धि को न छोड़, वह तेरी रक्षा करेगी; उससे प्रीति रख, वह तेरा पहरा देगी। बुद्धि श्रेष्‍ठ है इसलिये उसकी प्राप्‍ति के लिये यत्न कर; जो कुछ तू प्राप्‍त करे उसे प्राप्‍त तो कर परन्तु समझ की प्राप्‍ति का यत्न घटने न पाए। उसकी बड़ाई कर, वह तुझ को बढ़ाएगी; जब तू उससे लिपट जाए, तब वह तेरी महिमा करेगी। वह तेरे सिर पर शोभायमान भूषण बाँधेगी; और तुझे सुन्दर मुकुट देगी।”

नीतिवचन 4:1-9

Proverbs 4:1-9