John 6:35-48

यीशु ने उनसे कहा, “जीवन की रोटी मैं हूँ : जो मेरे पास आता है वह कभी भूखा न होगा, और जो मुझ पर विश्वास करता है वह कभी प्यासा न होगा। परन्तु मैं ने तुम से कहा था कि तुम ने मुझे देख भी लिया है तौभी विश्वास नहीं करते। जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, और जो कोई मेरे पास आएगा उसे मैं कभी न निकालूँगा। क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं वरन् अपने भेजनेवाले की इच्छा पूरी करने के लिये स्वर्ग से उतरा हूँ; और मेरे भेजनेवाले की इच्छा यह है कि जो कुछ उसने मुझे दिया है, उस में से मैं कुछ न खोऊँ, परन्तु उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊँ। क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है कि जो कोई पुत्र को देखे और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊँगा।” इसलिये यहूदी उस पर कुड़कुड़ाने लगे, क्योंकि उसने कहा था, “जो रोटी स्वर्ग से उतरी, वह मैं हूँ।” और उन्होंने कहा, “क्या यह यूसुफ का पुत्र यीशु नहीं, जिसके माता–पिता को हम जानते हैं? तो वह कैसे कहता है कि मैं स्वर्ग से उतरा हूँ?” यीशु ने उनको उत्तर दिया, “आपस में मत कुड़कुड़ाओ। कोई मेरे पास नहीं आ सकता जब तक पिता, जिसने मुझे भेजा है, उसे खींच न ले; और मैं उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊँगा। भविष्यद्वक्ताओं के लेखों में यह लिखा है : ‘वे सब परमेश्वर की ओर से सिखाए हुए होंगे।’ जिस किसी ने पिता से सुना और सीखा है, वह मेरे पास आता है। यह नहीं कि किसी ने पिता को देखा है; परन्तु जो परमेश्वर की ओर से है, केवल उसी ने पिता को देखा है। मैं तुम से सच सच कहता हूँ कि जो कोई विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसी का है। जीवन की रोटी मैं हूँ।
यूहन्ना 6:35-48