1 Timothy 4:11-16

1 तीमुथियुस 4:11-16 - इन बातों की आज्ञा दे और सिखाता रह। कोई तेरी जवानी को तुच्छ न समझने पाए; पर वचन, और चाल–चलन, और प्रेम, और विश्‍वास, और पवित्रता में विश्‍वासियों के लिये आदर्श बन जा। जब तक मैं न आऊँ, तब तक पढ़ने और उपदेश देने और सिखाने में लौलीन रह। उस वरदान के प्रति जो तुझ में है, और भविष्यद्वाणी के द्वारा प्राचीनों के हाथ रखते समय तुझे मिला था, निश्‍चिन्त मत रह। इन बातों को सोचते रह और इन्हीं में अपना ध्यान लगाए रह, ताकि तेरी उन्नति सब पर प्रगट हो। अपनी और अपने उपदेश की चौकसी रख। इन बातों पर स्थिर रह, क्योंकि यदि ऐसा करता रहेगा तो तू अपने और अपने सुननेवालों के लिये भी उद्धार का कारण होगा।

इन बातों की आज्ञा दे और सिखाता रह। कोई तेरी जवानी को तुच्छ न समझने पाए; पर वचन, और चाल–चलन, और प्रेम, और विश्‍वास, और पवित्रता में विश्‍वासियों के लिये आदर्श बन जा। जब तक मैं न आऊँ, तब तक पढ़ने और उपदेश देने और सिखाने में लौलीन रह। उस वरदान के प्रति जो तुझ में है, और भविष्यद्वाणी के द्वारा प्राचीनों के हाथ रखते समय तुझे मिला था, निश्‍चिन्त मत रह। इन बातों को सोचते रह और इन्हीं में अपना ध्यान लगाए रह, ताकि तेरी उन्नति सब पर प्रगट हो। अपनी और अपने उपदेश की चौकसी रख। इन बातों पर स्थिर रह, क्योंकि यदि ऐसा करता रहेगा तो तू अपने और अपने सुननेवालों के लिये भी उद्धार का कारण होगा।

1 तीमुथियुस 4:11-16

1 Timothy 4:11-16