1 Peter 4:16-19

पर यदि मसीही होने के कारण दु:ख पाए, तो लज्जित न हो, पर इस बात के लिये परमेश्वर की महिमा करे। क्योंकि वह समय आ पहुँचा है कि पहले परमेश्वर के लोगों का न्याय किया जाए; और जब कि न्याय का आरम्भ हम ही से होगा तो उनका क्या अन्त होगा जो परमेश्वर के सुसमाचार को नहीं मानते? और “यदि धर्मी व्यक्ति ही कठिनाई से उद्धार पाएगा, तो भक्तिहीन और पापी का क्या ठिकाना?” इसलिये जो परमेश्वर की इच्छा के अनुसार दु:ख उठाते हैं, वे भलाई करते हुए अपने–अपने प्राण को विश्वासयोग्य सृजनहार के हाथ में सौंप दें।
1 पतरस 4:16-19