I Peter 1:14-25

1 पतरस 1:14-25 - आज्ञाकारी बालकों के समान अपनी अज्ञानता के समय की पुरानी अभिलाषाओं के सदृश न बनो। पर जैसा तुम्हारा बुलानेवाला पवित्र है, वैसे ही तुम भी अपने सारे चालचलन में पवित्र बनो। क्योंकि लिखा है, “पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ।” और जब कि तुम ‘हे पिता’ कहकर उससे प्रार्थना करते हो, जो बिना पक्षपात हर एक के काम के अनुसार न्याय करता है, तो अपने परदेशी होने का समय भय से बिताओ। क्योंकि तुम जानते हो कि तुम्हारा निकम्मा चालचलन जो बापदादों से चला आता है, उससे तुम्हारा छुटकारा चाँदी–सोने अर्थात् नाशवान् वस्तुओं के द्वारा नहीं हुआ; पर निर्दोष और निष्कलंक मेम्ने, अर्थात् मसीह के बहुमूल्य लहू के द्वारा हुआ। उसका ज्ञान तो जगत की उत्पत्ति के पहले ही से जाना गया था, पर अब इस अन्तिम युग में तुम्हारे लिये प्रगट हुआ। उसके द्वारा तुम उस परमेश्‍वर पर विश्‍वास करते हो, जिसने उसे मरे हुओं में से जिलाया और महिमा दी कि तुम्हारा विश्‍वास और आशा परमेश्‍वर पर हो।
अत: जब कि तुम ने भाईचारे की निष्कपट प्रीति के निमित्त सत्य के मानने से अपने मनों को पवित्र किया है, तो तन–मन लगाकर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो। क्योंकि तुम ने नाशवान् नहीं पर अविनाशी बीज से, परमेश्‍वर के जीवते और सदा ठहरनेवाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है। क्योंकि
“हर एक प्राणी घास के समान है,
और उसकी सारी शोभा घास
के फूल के समान है।
घास सूख जाती है, और फूल झड़ जाता
है,
परन्तु प्रभु का वचन युगानुयुग स्थिर रहता
है।”
और यही सुसमाचार का वचन है जो तुम्हें सुनाया गया था।

आज्ञाकारी बालकों के समान अपनी अज्ञानता के समय की पुरानी अभिलाषाओं के सदृश न बनो। पर जैसा तुम्हारा बुलानेवाला पवित्र है, वैसे ही तुम भी अपने सारे चालचलन में पवित्र बनो। क्योंकि लिखा है, “पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ।” और जब कि तुम ‘हे पिता’ कहकर उससे प्रार्थना करते हो, जो बिना पक्षपात हर एक के काम के अनुसार न्याय करता है, तो अपने परदेशी होने का समय भय से बिताओ। क्योंकि तुम जानते हो कि तुम्हारा निकम्मा चालचलन जो बापदादों से चला आता है, उससे तुम्हारा छुटकारा चाँदी–सोने अर्थात् नाशवान् वस्तुओं के द्वारा नहीं हुआ; पर निर्दोष और निष्कलंक मेम्ने, अर्थात् मसीह के बहुमूल्य लहू के द्वारा हुआ। उसका ज्ञान तो जगत की उत्पत्ति के पहले ही से जाना गया था, पर अब इस अन्तिम युग में तुम्हारे लिये प्रगट हुआ। उसके द्वारा तुम उस परमेश्‍वर पर विश्‍वास करते हो, जिसने उसे मरे हुओं में से जिलाया और महिमा दी कि तुम्हारा विश्‍वास और आशा परमेश्‍वर पर हो। अत: जब कि तुम ने भाईचारे की निष्कपट प्रीति के निमित्त सत्य के मानने से अपने मनों को पवित्र किया है, तो तन–मन लगाकर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो। क्योंकि तुम ने नाशवान् नहीं पर अविनाशी बीज से, परमेश्‍वर के जीवते और सदा ठहरनेवाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है। क्योंकि “हर एक प्राणी घास के समान है, और उसकी सारी शोभा घास के फूल के समान है। घास सूख जाती है, और फूल झड़ जाता है, परन्तु प्रभु का वचन युगानुयुग स्थिर रहता है।” और यही सुसमाचार का वचन है जो तुम्हें सुनाया गया था।

1 पतरस 1:14-25

I Peter 1:14-25