1 Corinthians 1:10-24

हे भाइयो, मैं तुम से हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम से विनती करता हूँ कि तुम सब एक ही बात कहो, और तुम में फूट न हो, परन्तु एक ही मन और एक ही मत होकर मिले रहो। क्योंकि हे मेरे भाइयो, खलोए के घराने के लोगों ने मुझे तुम्हारे विषय में बताया है कि तुम में झगड़े हो रहे हैं। मेरे कहने का अर्थ यह है कि तुम में से कोई तो अपने आप को “पौलुस का,” कोई “अपुल्लोस का,” कोई “कैफा का,” तो कोई “मसीह का” कहता है। क्या मसीह बँट गया? क्या पौलुस तुम्हारे लिये क्रूस पर चढ़ाया गया? या तुम्हें पौलुस के नाम पर बपतिस्मा मिला? मैं परमेश्वर का धन्यवाद करता हूँ कि क्रिस्पुस और गयुस को छोड़ मैं ने तुम में से किसी को भी बपतिस्मा नहीं दिया। कहीं ऐसा न हो कि कोई कहे कि तुम्हें मेरे नाम पर बपतिस्मा मिला। और हाँ, मैं ने स्तिफनास के घराने को भी बपतिस्मा दिया; इनको छोड़ मैं नहीं जानता कि मैं ने और किसी को बपतिस्मा दिया। क्योंकि मसीह ने मुझे बपतिस्मा देने को नहीं, वरन् सुसमाचार सुनाने को भेजा है, और यह भी शब्दों के ज्ञान के अनुसार नहीं, ऐसा न हो कि मसीह का क्रूस व्यर्थ ठहरे। क्योंकि क्रूस की कथा नाश होनेवालों के लिये मूर्खता है, परन्तु हम उद्धार पानेवालों के लिये परमेश्वर की सामर्थ्य है। क्योंकि लिखा है, “मैं ज्ञानवानों के ज्ञान को नष्ट करूँगा, और समझदारों की समझ को तुच्छ कर दूँगा।” कहाँ रहा ज्ञानवान? कहाँ रहा शास्त्री? कहाँ रहा इस संसार का विवादी? क्या परमेश्वर ने संसार के ज्ञान को मूर्खता नहीं ठहराया? क्योंकि जब परमेश्वर के ज्ञान के अनुसार संसार ने ज्ञान से परमेश्वर को न जाना, तो परमेश्वर को यह अच्छा लगा कि इस प्रचार की मूर्खता के द्वारा विश्वास करनेवालों को उद्धार दे। यहूदी तो चिह्न चाहते हैं, और यूनानी ज्ञान की खोज में हैं, परन्तु हम तो उस क्रूस पर चढ़ाए हुए मसीह का प्रचार करते हैं, जो यहूदियों के लिये ठोकर का कारण और अन्यजातियों के लिये मूर्खता है; परन्तु जो बुलाए हुए हैं, क्या यहूदी क्या यूनानी, उनके निकट मसीह परमेश्वर की सामर्थ्य और परमेश्वर का ज्ञान है।
1 कुरिन्थियों 1:10-24