परिणाम के लिए खोज: लैव्यवस्था 4

लैव्यव्यवस्था 24:9 (HINOVBSI)

और वह हारून और उसके पुत्रों की होंगी, और वे उसको किसी पवित्रस्थान में खाएँ, क्योंकि वह यहोवा के हव्यों में से सदा की विधि के अनुसार हारून के लिये परमपवित्र वस्तु ठहरी है।”

लैव्यव्यवस्था 25:3 (HINOVBSI)

छ: वर्ष तो अपना अपना खेत बोया करना, और छहों वर्ष अपनी अपनी दाख की बारी छाँट छाँटकर देश की उपज इकट्ठी किया करना;

लैव्यव्यवस्था 25:4 (HINOVBSI)

परन्तु सातवें वर्ष भूमि को यहोवा के लिये परमविश्रामकाल मिला करे; उसमें न तो अपना खेत बोना और न अपनी दाख की बारी छाँटना।

लैव्यव्यवस्था 25:10 (HINOVBSI)

और उस पचासवें वर्ष को पवित्र मानना, और देश के सारे निवासियों के लिये छुटकारे का प्रचार करना; वह वर्ष तुम्हारे यहाँ जुबली* कहलाए; उसमें तुम अपनी अपनी निज भूमि और अपने अपने घराने में लौटने पाओगे।

लैव्यव्यवस्था 25:24 (HINOVBSI)

लेकिन तुम अपने भाग के सारे देश में भूमि को छुड़ा लेने देना।

लैव्यव्यवस्था 25:32 (HINOVBSI)

फिर भी लेवियों के निज भाग के नगरों के जो घर हों उनको लेवीय जब चाहें तब छुड़ाएँ।

लैव्यव्यवस्था 25:47 (HINOVBSI)

“फिर यदि तेरे सामने कोई परदेशी या यात्री धनी हो जाए, और उसके सामने तेरा भाई कंगाल होकर अपने आप को तेरे सामने उस परदेशी या यात्री या उसके वंश के हाथ बेच डाले,

लैव्यव्यवस्था 25:49 (HINOVBSI)

या उसका चाचा, या चचेरा भाई, तथा उसके कुल का कोई भी निकट कुटुम्बी उसको छुड़ा सकता है; या यदि वह धनी हो जाए, तो वह आप ही अपने को छुड़ा सकता है।

लैव्यव्यवस्था 25:50 (HINOVBSI)

वह अपने मोल लेनेवाले के साथ अपने बिकने के वर्ष से जुबली* के वर्ष तक हिसाब करे, और उसके बिकने का दाम वर्षों की गिनती के अनुसार हो, अर्थात् वह दाम मज़दूर के दिवसों के समान उसके साथ होगा।

लैव्यव्यवस्था 26:9 (HINOVBSI)

और मैं तुम्हारी ओर कृपा दृष्‍टि रखूँगा और तुम को फलवन्त करूँगा और बढ़ाऊँगा, और तुम्हारे संग अपनी वाचा को पूर्ण करूँगा।

लैव्यव्यवस्था 26:11 (HINOVBSI)

और मैं तुम्हारे बीच अपना निवास–स्थान बनाए रखूँगा, और मेरा जी तुम से घृणा नहीं करेगा।

लैव्यव्यवस्था 26:17 (HINOVBSI)

और मैं भी तुम्हारे विरुद्ध हो जाऊँगा, और तुम अपने शत्रुओं से हार जाओगे; और तुम्हारे बैरी तुम्हारे ऊपर अधिकार करेंगे, और जब कोई तुम को खदेड़ता भी न होगा तब भी तुम भागोगे।

लैव्यव्यवस्था 26:19 (HINOVBSI)

और मैं तुम्हारे बल का घमण्ड तोड़ डालूँगा, और तुम्हारे लिये आकाश को मानो लोहे का और भूमि को मानो पीतल की बना दूँगा;

लैव्यव्यवस्था 26:20 (HINOVBSI)

और तुम्हारा बल अकारथ गँवाया जाएगा, क्योंकि तुम्हारी भूमि अपनी उपज न उपजाएगी, और मैदान के वृक्ष अपने फल न देंगे।

लैव्यव्यवस्था 26:25 (HINOVBSI)

और मैं तुम पर एक ऐसी तलवार चलवाऊँगा, जो वाचा तोड़ने का पूरा पूरा पलटा लेगी; और जब तुम अपने नगरों में जा जाकर इकट्ठे होगे तब मैं तुम्हारे बीच मरी फैलाऊँगा, और तुम अपने शत्रुओं के वश में सौंप दिए जाओगे।

लैव्यव्यवस्था 26:43 (HINOVBSI)

पर वह देश उनसे रहित होकर सूना पड़ा रहेगा, और उनके बिना सूना रहकर भी अपने विश्रामकालों को मानता रहेगा; और वे लोग अपने अधर्म के दण्ड को अंगीकार करेंगे, इसी कारण से कि उन्होंने मेरी आज्ञाओं का उल्‍लंघन किया था, और उनकी आत्माओं को मेरी विधियों से घृणा थी।

लैव्यव्यवस्था 26:44 (HINOVBSI)

इतने पर भी जब वे अपने शत्रुओं के देश में होंगे तब मैं उनको इस प्रकार नहीं छोड़ूँगा, और न उनसे ऐसी घृणा करूँगा कि उनका सर्वनाश कर डालूँ और अपनी उस वाचा को तोड़ दूँ जो मैं ने उनसे बाँधी है; क्योंकि मैं उनका परमेश्‍वर यहोवा हूँ;

लैव्यव्यवस्था 27:2 (HINOVBSI)

“इस्राएलियों से यह कह कि जब कोई विशेष संकल्प माने, तो संकल्प किए हुए प्राणी तेरे ठहराने के अनुसार यहोवा के होंगे;

लैव्यव्यवस्था 27:3 (HINOVBSI)

इसलिये यदि वह बीस वर्ष या उससे अधिक और साठ वर्ष से कम अवस्था का पुरुष हो, तो उसके लिये पवित्रस्थान के शेकेल के अनुसार पचास शेकेल का रुपया ठहरे।

लैव्यव्यवस्था 27:6 (HINOVBSI)

यदि उसकी अवस्था एक महीने या उससे अधिक और पाँच वर्ष से कम की हो, तो लड़के के लिये तो पाँच, और लड़की के लिये तीन शेकेल ठहरे।

लैव्यव्यवस्था 27:8 (HINOVBSI)

परन्तु यदि कोई इतना कंगाल हो कि याजक का ठहराया हुआ दाम न दे सके, तो वह याजक के सामने खड़ा किया जाए, और याजक उसकी पूँजी ठहराए, अर्थात् जितना संकल्प करनेवाले से हो सके, याजक उसी के अनुसार ठहराए।

लैव्यव्यवस्था 27:9 (HINOVBSI)

“फिर जिन पशुओं में से लोग यहोवा को चढ़ावा चढ़ाते हैं, यदि ऐसों में से कोई संकल्प किया जाए, तो जो पशु कोई यहोवा को दे वह पवित्र ठहरेगा।

लैव्यव्यवस्था 27:18 (HINOVBSI)

और यदि वह अपना खेत जुबली* के वर्ष के बाद पवित्र ठहराए, तो जितने वर्ष दूसरे जुबली* के वर्ष के बाकी रहें उन्हीं के अनुसार याजक उसके लिये रुपये का हिसाब करे, तब जितना हिसाब में आए उतना याजक के ठहराने से कम हो।

लैव्यव्यवस्था 27:22 (HINOVBSI)

फिर यदि कोई अपना मोल लिया हुआ खेत, जो उसकी निज भूमि के खेतों में का न हो, यहोवा के लिये पवित्र ठहराए,

लैव्यव्यवस्था 27:23 (HINOVBSI)

तो याजक जुबली* के वर्ष तक का हिसाब करके उस मनुष्य के लिये जितना ठहराए उतना ही वह यहोवा के लिये पवित्र जानकर उसी दिन दे दे।

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