परिणाम के लिए खोज: मरकुस 10:17-19

मरकुस 10:17 (HINOVBSI)

जब वह वहाँ से निकलकर मार्ग में जा रहा था, तो एक मनुष्य उसके पास दौड़ता हुआ आया, और उसके आगे घुटने टेककर उससे पूछा, “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन का अधिकारी होने के लिये मैं क्या करूँ?”

मरकुस 10:18 (HINOVBSI)

यीशु ने उससे कहा, “तू मुझे उत्तम क्यों कहता है? कोई उत्तम नहीं, केवल एक अर्थात् परमेश्‍वर।

मरकुस 10:19 (HINOVBSI)

तू आज्ञाओं को तो जानता है : ‘हत्या न करना, व्यभिचार न करना, चोरी न करना, झूठी गवाही न देना, छल न करना, अपने पिता और अपनी माता का आदर करना’। ”

मरकुस 10:30 (HINOVBSI)

और अब इस समय सौ गुणा न पाए, घरों और भाइयों और बहिनों और माताओं और बाल–बच्‍चों और खेतों को, पर सताव के साथ और परलोक में अनन्त जीवन।

मरकुस 10:33 (HINOVBSI)

“देखो, हम यरूशलेम को जाते हैं, और मनुष्य का पुत्र प्रधान याजकों और शास्त्रियों के हाथ पकड़वाया जाएगा, और वे उसको घात के योग्य ठहराएँगे, और अन्य जातियों के हाथ में सौंपेंगे।

मरकुस 10:35 (HINOVBSI)

तब जब्दी के पुत्र याकूब और यूहन्ना ने उसके पास आकर कहा, “हे गुरु, हम चाहते हैं कि जो कुछ हम तुझ से माँगें, वह तू हमारे लिये करे।”

मरकुस 10:37 (HINOVBSI)

उन्होंने उससे कहा, “हमें यह दे कि तेरी महिमा में हम में से एक तेरे दाहिने और दूसरा तेरे बाएँ बैठे।”

मरकुस 10:38 (HINOVBSI)

यीशु ने उनसे कहा, “तुम नहीं जानते कि क्या माँगते हो? जो कटोरा मैं पीने पर हूँ, क्या तुम पी सकते हो? और जो बपतिस्मा मैं लेने पर हूँ, क्या तुम ले सकते हो?”

मरकुस 10:42 (HINOVBSI)

तो यीशु ने उनको पास बुलाकर उनसे कहा, “तुम जानते हो कि जो अन्य जातियों के हाकिम समझे जाते हैं, वे उन पर प्रभुता करते हैं; और उनमें जो बड़े हैं, उन पर अधिकार जताते हैं।

मरकुस 10:43 (HINOVBSI)

पर तुम में ऐसा नहीं है, वरन् जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा सेवक बने;

मरकुस 10:1 (HINOVBSI)

फिर वह वहाँ से उठकर यहूदिया की सीमा में और यरदन के पार आया। भीड़ उसके पास फिर इकट्ठी हो गई, और वह अपनी रीति के अनुसार उन्हें फिर उपदेश देने लगा।

मरकुस 10:2 (HINOVBSI)

तब फरीसियों ने उसके पास आकर उसकी परीक्षा करने को उससे पूछा, “क्या यह उचित है कि पुरुष अपनी पत्नी को त्यागे?”

मरकुस 10:3 (HINOVBSI)

उसने उनको उत्तर दिया, “मूसा ने तुम्हें क्या आज्ञा दी है?”

मरकुस 10:4 (HINOVBSI)

उन्होंने कहा, “मूसा ने त्याग–पत्र लिखने और त्यागने की आज्ञा दी है।”

मरकुस 10:5 (HINOVBSI)

यीशु ने उनसे कहा, “तुम्हारे मन की कठोरता के कारण उसने तुम्हारे लिये यह आज्ञा लिखी।

मरकुस 10:6 (HINOVBSI)

पर सृष्‍टि के आरम्भ से परमेश्‍वर ने नर और नारी करके उनको बनाया है।

मरकुस 10:7 (HINOVBSI)

इस कारण मनुष्य अपने माता–पिता से अलग होकर अपनी पत्नी के साथ रहेगा,

मरकुस 10:8 (HINOVBSI)

और वे दोनों एक तन होंगे; इसलिये वे अब दो नहीं पर एक तन हैं।

मरकुस 10:9 (HINOVBSI)

इसलिये जिसे परमेश्‍वर ने जोड़ा है उसे मनुष्य अलग न करे।”

मरकुस 10:10 (HINOVBSI)

घर में चेलों ने इसके विषय में उससे फिर पूछा।

मरकुस 10:11 (HINOVBSI)

उसने उनसे कहा, “जो कोई अपनी पत्नी को त्यागकर दूसरी से विवाह करे तो वह उस पहली के विरोध में व्यभिचार करता है;

मरकुस 10:12 (HINOVBSI)

और यदि पत्नी अपने पति को छोड़कर दूसरे से विवाह करे तो वह व्यभिचार करती है। ”

मरकुस 10:13 (HINOVBSI)

फिर लोग बालकों को उसके पास लाने लगे कि वह उन पर हाथ रखे, पर चेलों ने उनको डाँटा।

मरकुस 10:14 (HINOVBSI)

यीशु ने यह देख क्रुद्ध होकर उन से कहा, “बालकों को मेरे पास आने दो और उन्हें मना न करो, क्योंकि परमेश्‍वर का राज्य ऐसों ही का है।

मरकुस 10:15 (HINOVBSI)

मैं तुम से सच कहता हूँ कि जो कोई परमेश्‍वर के राज्य को बालक के समान ग्रहण न करे, वह उसमें कभी प्रवेश करने न पाएगा ।”