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न्यायियों 16:22 (HERV)
किन्तु शिमशोन के बाल फिर बढ़ने आरम्भ हो गए।
न्यायियों 16:23 (HERV)
पलिश्ती लोगों के शासक उत्सव मनाने के लिए एक स्थान पर इकट्ठे हुए। वे अपने देवता दागोन को एक बड़ी भेंट चढ़ाने जा रहे थे। उन्होंने कहा, “हम लोगों के देवता ने हमारे शत्रु शिमशोन को हराने में सहायता की है।”
न्यायियों 16:24 (HERV)
जब पलिश्ती लोगों ने शिमशोन को देखा तब उन्होंने अपने देवता की प्रशंशा की। उन्होंने कहा, “इस व्यक्ति ने हमारे लोगों को नष्ट किया! इस व्यक्ति ने हमारे अनेक लोगों को मारा! किन्तु हमारे देवता ने हमारे शत्रु को पकड़वाने में हमारी मदद की!”
न्यायियों 16:25 (HERV)
लोग उत्सव में खुशी मना रहे थे। इसलिए उन्होंने कहा, “शिमशोन को बाहर लाओ। हम उसका मजाक उड़ाना चाहते हैं।” इसलिए वे शिमशोन को बन्दीगृह से बाहर ले आए और उसका मजाक उड़ाया। उन्होंने शिमशोन को दागोन देवता के मन्दिर के स्तम्भों के बीच खड़ा किया।
न्यायियों 16:26 (HERV)
एक नौकर शिमशोन का हाथ पकड़ा हुआ था। शिमशोन ने उससे कहा, “मुझे वहाँ रखो जहाँ मैं उन स्तम्भों को छू सकूँ, जो इस मन्दिर को ऊपर रोके हुए हैं। मैं उनका सहारा लेना चाहता हूँ।”
न्यायियों 16:27 (HERV)
मन्दिर में स्त्री—पुरूषों की अपार भीड़ थी। पलिश्ती लोगों के सभी शासक वहाँ थे। वहाँ लगभग तीन हज़ार स्त्री—पुरूष मन्दिर की छत पर थे। वे हँस रहे थे और शिमशोन का मज़ाक उड़ा रहे थे।
न्यायियों 16:28 (HERV)
तब शिमशोन ने यहोवा से प्रार्थना की। उसने कहा, “सर्वशक्तिमान यहोवा, मुझे याद कर। परमेश्वर मुझे कृपा कर केवल एक बार और शक्ति दे। मुझे केवल एक यह काम करने दे कि पलिश्तियों को अपनी आँखों के निकालने का बदला चुका दूँ।”
न्यायियों 16:29 (HERV)
तब शिमशोन ने मन्दिर के केन्द्र के दोनों स्तम्भों को पकड़ा। ये दोनों स्तम्भ पूरे मन्दिर को टिकाए हुए थे। उसने दोनों स्तम्भों के बीच में अपने को जमाया। एक स्तम्भ उसकी दांयी ओर तथा दूसरा उसकी बाँयीं ओर था।
न्यायियों 16:30 (HERV)
शिमशोन ने कहा, “इन पलिश्सतों के साथ मुझें मरने दे।” तब उसने अपनी पूरी शक्ति से स्तम्भों को ठेला और मन्दिर शासकों तथा इनमें आए लोगों पर गिर पड़ा। इस प्रकार शिमशोन ने अपने जीवन काल में जितने पलिश्ती लोगों को मारा, उससे कहीं अधिक लोगों को उसने तब मारा, जब वह मरा।
न्यायियों 16:31 (HERV)
शिमशोन के भाईयों और उसके पिता का पूरा परिवार उसके शरीर को लेने गए। वे उसे वापस लाए और उसे उसके पिता मानोह के कब्र में दफनाया। यह कब्र सोरा और एश्ताओल नगरों के बीच है। शिमशोन इस्राएल के लोगों का न्यायाधीश बीस वर्ष तक रहा।
न्यायियों 17:1 (HERV)
मीका नामक एक व्यक्ति था जो एप्रैम के पहाड़ी प्रदेश में रहता था।
न्यायियों 17:2 (HERV)
मीका ने अपनी माँ से कहा, “क्या तुम्हें चाँदी के ग्यारह सौ सिक्के याद हैं जो तुमसे चुरा लिये गए थे। मैंने तुम्हें उसके बारे में शाप देते सुना। वह चाँदी मेरे पास है। मैंने उसे लिया है।” उसकी माँ ने कहा, “मेरे पुत्र, तुम्हें यहोवा आशीर्वाद दे।”
न्यायियों 17:3 (HERV)
मीका ने अपनी माँ को ग्यारह सौ सिक्के वापस दिये। तब उसने कहा, “मैं ये सिक्के यहोवा को एक विशेष भेंट के रूप में दूँगी। मैं यह चाँदी अपने पुत्र को दूँगी और वह एक मूर्ती बनाएगा और उसे चाँदी से ढक देगा। इसलिए पुत्र, अब यह चाँदी मैं तुम्हें लौटाती हूँ।”
न्यायियों 17:4 (HERV)
लेकिन मीका ने वह चाँदी अपनी माँ को लौटा दी। अत: उसने दो सौ शेकेल चाँदी लिये और एक सुनार को दे दिया। सुनार ने चाँदी का उपयोग चाँदी से ढकी एक मूर्ति बनाने में किया। मूर्ति मीका के घर में रखी गई।
न्यायियों 17:5 (HERV)
मीका का एक मन्दिर मूर्तियों की पूजा के लिये था। उसने एक एपोद और कुछ घरेलू मूर्तियाँ बनाईं। तब मीका ने अपने पुत्रों में से एक को अपना याजक चुना।
न्यायियों 17:6 (HERV)
(उस समय इस्राएल के लोगों का कोई राजा नहीं था। इसलिए हर एक व्यक्ति वह करता था जो उसे ठीक जचता था।)
न्यायियों 17:7 (HERV)
एक लेवीवंशी युवक था। वह यहूदा प्रदेश में बेतलेहेम नगर का निवासी था। वह यहूदा के परिवार समूह में रह रहा था।
न्यायियों 17:8 (HERV)
उस युवक ने यहूदा में बेतलेहेम को छोड़ दिया। वह रहने के लिये दूसरी जगह ढूँढ रहा था। जब वह यात्रा कर रहा था, वह मीका के घर आया। मीका का घर एप्रैम के पहाड़ी प्रदेश में था।
न्यायियों 17:9 (HERV)
मीका ने उससे पूछा, “तुम कहाँ से आए हो?” युवक ने उत्तर दिया, “मैं उस बेतेलेहम नगर का लेवीवंशी हूँ जो यहूदा प्रदेश में है। मैं रहने के लिये स्थान ढूँढ रहा हूँ।”
न्यायियों 17:10 (HERV)
तब मीका ने उससे कहा, “मेरे साथ रहो। मेरे पिता और मेरे याजक बनो। मैं हर वर्ष तुम्हें दस चाँदी के सिक्के दूँगा। मैं तुम्हें वस्त्र और भोजन भी दूँगा।” लेवीवंशी ने वह किया जो मीका ने कहा।
न्यायियों 17:12 (HERV)
मीका ने युवक को अपना याजक बनाया। इस प्रकार युवक याजक बन गया और मीका के घर में रहने लगा।
न्यायियों 17:13 (HERV)
मीका ने कहा, “अब मैं समझता हूँ कि यहोवा मेरे प्रति अच्छा होगा। मैं यह इसलिए जानता हूँ कि मैंने लेवीवंशी के परिवार के एक व्यक्ति को याजक रखा है।”
न्यायियों 18:1 (HERV)
उस समय इस्राएल के लोगों का कोई राजा नहीं था और उस समय दान का परिवार समूह, अपना कहे जाने योग्य रहने के लिये भूमि की खोज में था। इस्राएल के अन्य परिवार समूहों ने पहले ही अपनी भूमि प्राप्त कर ली थी। किन्तु दान का परिवार समूह अभी अपनी भूमि नहीं पा सका था।
न्यायियों 18:2 (HERV)
इसलिए दान के परिवार समूह ने पाँच सैनिकों को कुछ भूमि खोजने के लिये भेजा। वे रहने के लिये अच्छा स्थान खोजने गए। वे पाँचों व्यक्ति जोरा और एश्ताओल नगरों के थे। वे इसलिए चुने गए थे कि वे दान के सभी परिवार समूह में से थे। उनसे कहा गया था, “जाओ और किसी भूमि की खोज करो।” पाँचों व्यक्ति एप्रैम प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में आए। वे मीका के घर आए और वहीं रात बिताई।
न्यायियों 18:3 (HERV)
जब पाँचों व्यक्ति मीका के घर के समीप आए तो उन्होंने लेवीवंश के परिवार समूह के युवक की आवाज सुनी। उन्होंने उसकी आवाज पहचानी, इसीलिये वे मीका के घर ठहर गए। उन्होंने लेवीवंशी युवक से पूछा, “तुम्हें इस स्थान पर कौन लाया है? तुम यहाँ क्या कर रहे हो? तुम्हारा यहाँ क्या काम है?”