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न्यायियों 1:24 (HERV)

जब वे जासूस बेतेल नगर को देख रहे थे तब उन्होंने एक व्यक्ति को नगर से बाहर आते देखा। जासूसों ने उस व्यक्ति से कहा, “हम लोगों को नगर में जाने का गुप्त मार्ग बताओ। हम लोग नगर पर आक्रमण करेंगे। किन्तु यदि तुम हमारी सहायता करोगे तो हम तुम्हें चोट नहीं पहुँचायेंगे।”

न्यायियों 1:25 (HERV)

उस व्यक्ति ने जासूसों को नगर में जाने का गुप्त मार्ग बताया। यूसुफ के लोगों ने बेतेल के लोगों को मारने के लिये अपनी तलवार का उपयोग किया। किन्तु उन्होंने उस व्यक्ति को चोट नहीं पहुँचाई जिसने उन्हें सहायता दी थी और उन्होंने उसके परिवार के लोगों को चोट नहीं पहुँचाई। उस व्यक्ति और उसके परिवार को स्वतन्त्र जाने दिया गया।

न्यायियों 1:26 (HERV)

वह व्यक्ति उस प्रदेश में गया जहाँ हित्ती लोग रहते थे और वहाँ उसने एक नगर बसाया। उसने उस नगर का नाम लूज रखा और वह आज भी वहाँ है।

न्यायियों 1:27 (HERV)

कनानी लोग बेतशान, तानाक, दोर, यिबलाम, मगिद्दो और उनके चारों ओर के छोटे नगरों में रहते थे। मनश्शे के परिवार समूह के लोग उन लोगों को उन नगरों को छोड़ने के लिये विवश नहीं कर सके थे। इसलिए कनानी लोग वहाँ टिके रहे। उन्होने अपना घर छोड़ने से इन्कार कर दिया।

न्यायियों 1:28 (HERV)

बाद में इस्राएल के लोग अधिक शक्तिशाली हुए और कनानी लोगों को दासों की तरह अपने लिए काम करने के लिये विवश किया। किन्तु इस्राएल के लोग सभी कनानी लोगों से उनका प्रदेश न छुड़वा सके।

न्यायियों 1:29 (HERV)

यही बात एप्रैम के परिवार समूह के साथ हुई। कनानी लोग गेजेर में रहते थे और एप्रैम के लोग सभी कनानी लोगों से उनका देश न छुड़वा सके। इसलिए कनानी लोग एप्रैम के लोगों के साथ गेजेर में रहते चले आए।

न्यायियों 1:30 (HERV)

जबूलून के परिवार समूह के साथ भी यही बात हुई। कित्रोन और नहलोल नगरों मे कुछ कनानी लोग रहते थे। जबूलून के लोग उन लोगों से उनका देश न छुड़वा सके। वे कनानी लोग टिके रहे और जबूलून लोगों के साथ रहते चले आए। किन्तु जबूलून के लोगों ने उन लोगों को दासों की तरह काम करने को विवश किया।

न्यायियों 1:31 (HERV)

आशेर के परिवार समूह के साथ भी यही बात हुई। आशेर के लोग उन लोगों से अक्को, सीदोन, अहलाब, अकजीब, हेलबा, अपीक और रहोब नगरों को न छुड़वा सके।

न्यायियों 1:32 (HERV)

आशेरके लोग कनानी लोगों से अपना देश न छुडवा सके। इसलिए कनानी लोग आशेर के लोगों के साथ रहते चले आए।

न्यायियों 1:33 (HERV)

नप्ताली के परिवार समूह के साथ भी यही बात हुई। नप्ताली परिवार के लोग उन लोगों से बेतशेमेश और बेतनात नगरों को न छुड़वा सके। इसलिए नप्ताली के लोग उन नगरों में उन लोगों के साथ रहते चले आए। वे कनानी लोग नप्ताली लोगों के लिए दासों की तरह काम करते रहे।

न्यायियों 1:34 (HERV)

एमोरी लोगों ने दान के परिवार समूह के लोगों को पहाड़ी प्रदेश में रहने के लिये विवश कर दिया। दान के लोगों को पहाड़ियों मे ठहरना पड़ा क्योंकि एमोरी लोग उन्हें घाटियों में उतर कर नहीं रहने देते थे।

न्यायियों 1:35 (HERV)

एमोरी लोगों ने हेरेस पर्वत, अय्यलोन तथा शालबीम में ठहरने का निश्चय किया। बाद में, यूसुफ का परिवार समूह शाक्तिशाली हो गया। तब उन्होंने एमोरी लोगों से दासों की तरह काम लिया।

न्यायियों 1:36 (HERV)

एमोरी लोगों का प्रदेश बिच्छू दर्रे से सेला और सेला के परे पहाड़ी प्रदेश तक था।

न्यायियों 2:1 (HERV)

यहोवा का दूत गिलगाल नगर से बोकीम नगर को गया। दूत ने यहोवा का एक सन्देश इस्राएल के लोगों को दिया। सन्देश यह था: “तुम मिस्र में दास थे। किन्तु मैंने तुम्हें स्वतन्त्र किया और मैं तुम्हें मिस्र से बाहर लाया। मैं तुम्हें इस प्रदेश में लाया जिसे तुम्हारे पूर्वजों को देने के लिये मैंने प्रतिज्ञा की थी। मैंने कहा, मैं तुमसे अपनी वाचा कभी नहीं तोड़ूँगा।

न्यायियों 2:2 (HERV)

किन्तु इसके बदले में तुम्हें इस प्रदेश के निवासियों के साथ समझौता नहीं करना होगा। तुम्हें इन लोगों की वेदियाँ नष्ट करनी चाहिए। यह मैंने तुमसे कहा किन्तु तुम लोगों ने मेरी आज्ञा नहीं मानी। तुम ऐसा कैसे कर सकते हो?

न्यायियों 2:3 (HERV)

“अब मैं तुमसे यह कहता हूँ, ‘मैं इस प्रदेश से अब और लोगों को बाहर नहीं हटाऊँगा। ये लोग तुम्हारे लिये समस्या बनेंगे। वे तुम्हारे लिए बनाया गया जाल बनेंगे। उनके असत्य देवता तुम्हें फँसाने के लिए जाल बनेंगे।’”

न्यायियों 2:4 (HERV)

स्वर्गदूत इस्राएल के लोगों को यहोवा का सन्देश जब दे चुका, तब लोग जोर से रो पड़े।

न्यायियों 2:5 (HERV)

इसलिए इस्राएल के लोगों ने उस स्थान को बोकीम नाम दिया जहाँ वे रो पड़े थे। बोकीम में इस्राएल के लोगों ने यहोवा को भेंट चढ़ाई।

न्यायियों 2:6 (HERV)

तब यहोशू ने लोगों से कहा कि वे अपने घर लौट सकते हैं। इसलिए हर एक परिवार समूह अपनी भूमि का क्षेत्र लेने गया और उसमें रहे।

न्यायियों 2:7 (HERV)

इस्राएल के लोगों ने तब तक यहोवा की सेवा की जब तक यहोशू जीवित रहा। उन बुर्ज़ुगों (नेताओं) के जीवन काल में भी वे यहोवा की सेवा करते रहे जो यहोशू के मरने के बाद भी जीवित रहे। इन वृद्ध लोगों ने इस्राएल के लोगों के लिए जो यहोवा ने महान कार्य किये थे, उन्हें देखा था।

न्यायियों 2:8 (HERV)

नून का पुत्र यहोशू, जो यहोवा का सेवक था, एक सौ दस वर्ष की अवस्था में मरा।

न्यायियों 2:9 (HERV)

अत: इस्राएल के लोगों ने यहोशू को दफनाया। यहोशू को भूमि के उस क्षेत्र में दफनाया गया जो उसे दिया गया था। वह भूमि तिम्नथेरेस में थी जो हेरेस के पहाड़ी क्षेत्र में गाश पर्वत के उत्तर में था।

न्यायियों 2:10 (HERV)

इसके बाद वह पूरी पीढ़ी मर गई तथा नयी पीढ़ी उत्पन्न हुई। यह नयी पीढ़ी यहोवा के विषय में न तो जानती थी और न ही उसे, यहोवा ने इस्राएल के लोगों के लिये क्या किया था, इसका ज्ञान था।

न्यायियों 2:12 (HERV)

यहोवा इस्राएल के लोगों को मिस्र से बाहर लाया था और इन लोगों के पूर्वजों ने यहोवा की उपासना की थी। किन्तु इस्राएल के लोगों ने यहोवा का अनुसरण करना छोड़ दिया। इस्राएल के लोगों ने उन लोगों के असत्य देवताओं की पूजा करना आरम्भ की, जो उनके चारों ओर रहते थे। इस काम ने यहोवा को क्रोधित कर दिया।

न्यायियों 2:13 (HERV)

इस्राएल के लोगों ने यहोवा का अनुसरण करना छोड़ दिया और बाल एवं अश्तोरेत की पूजा करने लगे।